"सौंदर्य एक अभिशाप !"
(भाग-5)
राजकीय उद्यान में लता की मुलाकात एक अनजान युवक सूरज सिंह से होती है, जो अपने दोस्त से मिलने आया है। युवक अपनी पहचान छुपाता है।युवक लता की खूबसूरती की तारीफ करता है।
लता..
अगर तुम दोस्त से मिलने आये हो, तो अपने दोस्त के पास जाओ। यहां क्यूं आयें हो?तुम्हें बगीचे में नहीं मिलेगा। बेहतर है कि तुम अभी चले जाओ।
युवक..
अच्छा,दोस्त को ढूंढते हैं, जब मिल जाएगा, तब ढूंढ लूंगा, लेकिन तुम्हारे जैसा दोस्त पाना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। तुम हो ही ऐसी।दोस्त बनने के लायक।
लता..
मैं तुम्हें नहीं जानती ।मैं अजनबियों से बात नहीं करती। इसलिए दोस्त बनने का सवाल ही नहीं उठता। अनजान इन्सान से दोस्ती नहीं करती।
युवक..
खैर, बाद में तुम्हें दोस्त बनना ही पड़ेगा, जैसा तुम चाहो। तुम्हारी मर्जी।
तभी एक तोता उड़ता हुआ आया।
और लता के कंधे पर बैठ गया।
लता हैरान रह गई।
लता को तोते पसंद थे।
तभी तोते ने कहा..
राजकुमारी..राजकुमारी..
लता यह सुनकर हैरान हो गई।
मैं कहाँ हूँ, राजकुमारी? यह तोता तो बकवास कर रहा है।
युवक सूरज सिंह ने कहा..
अब तोता सच बोल रहा है। तुम राजकुमारी हो। मैं राजकुमारी से माफ़ी माँगता हूँ। मैं तुमसे पूछे बिना ही चला आया। मैंने एक जादूगर को इस तरफ आते देखा, इसलिए मैं उसकी जाँच करने आया हूँ। अगर यह जादूगर तोते के रूप में आया हो तो!
यह कहकर युवक तोते को पकड़ने चला गया।
तोते ने अपने पंख फड़फड़ाए और उड़ गया।
लता..
मैं राजकुमारी नहीं हूँ, बल्कि मैं उसकी दोस्त हूँ। यहाँ कोई जादूगर नहीं है। मुझे लगता है कि तुम ही जादूगर हो।
युवक..
ओह.. अगर मैं जादूगर होता, तो मैं तुम्हें अपने राज्य में ले जाता। मैंने सच में एक जादूगर देखा। उसका नाम जादूगर जान है। वह एक भयंकर जादूगर है। वह कोई भी रूप धारण कर सकता है।
लता..
ओह.. तो मुझे सावधान रहना होगा। पर क्या तुम जादूगर को जानते हो?
युवक..
हाँ..मैंने उसे एक बार देखा है. पर मैंने उसके बारे में सुना है. अब अगर तुम मुझे जाने को कहोगे तो मुझे यहाँ से जाना पड़ेगा. तो जाते-जाते तुम्हें एक बात बता दूँ।
मुझे मत ढूँढ़ना, दुनिया की भीड़ में,
अपने अंदर ही देखना, तुम मुझे मेरे दिल में पाओगे.
मैं अजनबी हूँ, मेरे जाने के बाद, तुम मुझे याद करोगे,
तुम मुझे फिर पाओगे, मेरे प्यार के सिंधु में.
अगर तुम्हारी नज़र मेरी परछाई ढूँढ़ेगी,
मेरी परछाई भीड़ में भी दिखाई देगी.
सूरज कहता है रोशनी होगी,
प्यार की गर्माहट हमेशा याद रहेगी.
और युवा सूरज सिंह मुस्कुराते हुए वहां से बाहर निकल गया.
सूरज सिंह के बगीचे से चले जाने के बाद लता के मन में उस अनजान युवक की बातें याद आने लगीं।
युवक सच्चा प्रेमी है।उसने ऐसा युवक पहली बार देखा है।
अचानक वह बोल पड़ी..
छट..क्या मैं कोई राजकुमारी हूँ?
इस बीच तोता फिर से उड़ता हुआ आया.
और लता के चारों ओर उड़ने लगा.
वह बोलने लगा..
राजकुमारी अकेली.. राजकुमारी अकेली.. सुंदर, सुंदर.. सुंदर, सुंदर..
बोलते-बोलते तोते ने अपना रूप बदल लिया और एक लंबा आदमी बन गया.
और हंसने लगा.
वह बोला.. राजकुमारी अकेली..
राजकुमारी अकेली.. सुंदर, सुंदर. अब कोई फर्क नहीं पड़ता.
(क्या वह कोई जादूगर है जो अपना रूप बदलकर आदमी बन गया है? क्या वह गलती से लता को राजकुमारी समझ लेगा और वह क्या करेगा? जानिए नए भाग में)
- कौशिक दवे