मेरा हिस्सा-सही या गलत ?
सीमा व अमित पति व पत्नी है। सीमा के पिता जी का देहांत हो गया था। तभी से सीमा ने घर की पूरी जिम्मेदारी ली । सीमा ने अपनी पढा़ई के साथ नौकरी भी की । सीमा ने अपने छोटे भाई को खूब पढ़ाया। अब सीमा एक कंपनी मे काम करती है । सीमा, अमित व उनकी सासुमां एक साथ रहते है। अमित के पिता जी फौजी है । सीमा का एक भाई है, अमन । अमन अपनी माँ का आँख का तारा है ।
आइए देखते हैं आगे की कहानी।
अमन,तुम तो समझो। अब मैं माँ को सहारा नहीं दूँगी तो कौन करेगा? मैं उनकी बेटी हूँ।
सीमा," मैं जानता हूँ कि तुम माँ की मदद करना चाहती हो पर हर महीने यू पैसे भेजना तुम्हारी माँ को मुझे सही नहीं लगता "।
सीमा, पहले तुम भाई की पढ़ाई का जिम्मेदारी ली उसे पढा़या और विदेश भेजा। सीमा तुमने इतनी मेहनत की उसके लिए।
और,अब वो कमाने लगा है तब भी तुम हर महीने माँ को हिस्सा देना चाहती हो ? आखिर क्यों ?
हाँ, अमन क्योंकि मेरा भाई ने विदेश जाने के बाद परिवार से कोई रिश्ता नहीं रखा। माँ उसे दिन -रात याद करती रहती है। पर वो माँ का फोन भी नही उठाता । उसकी याद में माँ चिंता में कमज़ोर हो गयी है। दिन -रात अपनी परवरिश को कोसती रहती है।
वो माँ से बात नहीं करता पैसे भेजना तो दूर की बात है।
अमन, आप ही बताओ कि क्या मैं कुछ गलत कर
रही हूँ।
बहू, आज खाना नहीं दोगी क्या?
सीमा, चलो खाना खाते है और माँ से बात करते
है।
सभी, खाना खाते है।
माँ,सीमा हर महीने अपनी माँ को पैसे भेजना
चाहती है।
सीमा, देखो ये सही नही है।( सीमा की सास सकती है )
सीमा की आँख भर आई कि क्या वो अपनी माँ कि मदद भी नहीं कर सकती ।
बहू, सुन तू अपनी माँ की मदद कर पर केवल पैसे से।तू कुछ ऐसा कर जिससे वो व्यस्त रहे। हमारे पड़ोस में जो ये ' गीता स्कूल ' में अध्यापक सहायक का पद रिक्त है। मैं वहाँ बात कर लूगी। वहा बच्चों में उनका मन लगेगा।बुढापे में अकेला पं बिमार बनाता है। स्कूल जाएगी तो उनका मन लगा रहेगा। वहा लोगों से मिलेगी तो उन्हें अच्छा लगेगा।
तुम्हारा ये हिस्सा उन्हे बहुत अच्छा लगेगा। सीमा ने गहरी साँस ली कि मेरा हिस्सा काम आँऐगा।
और सोचा कि ये तरकीब उसे क्यों नही सूझी।
सीमा ने सोचा कि सही कहते है कि बड़ो का होना कितना जरूरी है। जिस घर में बड़े लोग खुश होते है वहा ईश्वर का वास होता है।
सीमा ने भगवान को धन्यावद किया कि उसे इतना प्यारा परिवार दिया और सासु माँ को गले लगा लिया।
सीमा ने गहरी साँस ली कि वो अपना हिस्सा दे सकती है। लेकिन अब सीमा सोचती है कि माँ की पैसै की परेशानी तो दूर हो जाएगी पर माँ अमन को बहुत प्यार व याद करती है। फीमा अमन को फोन करती है और बोलती है , उसे 10 लाख वापस दे।अमन, कहता है कौन से पैसे ? सीमा , वही जो मैने तुम्हे विदेश भेजने के लिए दिए थे । अमित, कहता क्यो दीदी ? सीमा , अमन, तुम्हारे लिए पैसा ही सब कुछ है। तुम्हे अब माँ की याद भी नही आती । अमित को अपनी गलती का अहसास हुआ। और तुरंत ही वो माँ को फोन करता है और माँ की आवाज़ सुनकर रोने लगा ।अमन ने माँ को वाला किया कि वो जल्दी आएगा। सीमा की माँ ने भी स्कूल में में काम करना शुरू कर दिया और वो खुश रहने लगी ।
बताए कैसी लगी आपको ये कहानी।