दिया, क्या हुआ है ? तुम गुम-सुम रहती हो ।
आज तुम्हारी अध्यापिका भी कह रही थी कि तुम बहुत शांत रहती हो। बताओ , बेटा मैं तुम्हारी माँ हूँ , बोलो।
दिया कुछ नहीं बोली और चुपचाप कमरे में आकर रोने लगी।
अमन , हाँ सीमा क्या हुआ।
दिया , आज कल दिया गुम-सुम रहने लगी है, कुछ खाती भी नहीं है। ना हंसती है , ना कुछ बोलती है।
सीमा - कोई बात नहीं। शायद स्कूल में कोई परेशानी हो । तुम कल दिया की सहेलियों से पूछँ लेना।
शायद मैं व अमन दिया को समय नहीं दे पा रहे अपनी नौकरियों की वजह से, सीमा ख्यालों में खो गयी।
सीमा व अमन दोनों सरकारी वकील थे। दोनों को काम से अधिक बार शहर से बाहर जाना पड़ता था ।
वैसे सीमा पूरी कोशिश करती थी कि शाम को वापिस आएँ। पर काम रहता ही है। सीमा की एक ही बेटी है , दिया। दिया कुछ दिनों से चुप -चाप रहेना लगी थी।
अगली सुबह दिया सैर के लिए मैदान में चली गई।
वहाँ वो बहुत परेशान बैठी थी ।
एक बूढी दादी उसके समीप आकर बैठी और उन्होने दिया से पूँछा , बेटी क्या हुआ ?
उन्हें देखकर दिया को अपनी दादी जी की याद आ गयी। दिया की दादी जी का पिछले साल ही देहांत हो गया था।
दिया अपनी दादी की बहुत वाली थी।
दिया ने उन्हें बताया कि वो बहुत अकेला महसूस करती है क्योंकि उसके माँ -पापा दोनों को कभी -कभी काम से दूसरे शहर जाना पडता है। उसे ऐसा लगता है कि कोई उसे समझने वाला नहीं है। दोस्त है, पर वो भी ज़्यादा खास नही।
दादी ने उसकी सारी बात शांति से सुनी।
उसे समझाया कि उसके माँ-पापा नौकरी उसके व उसके भविष्य के लिए कर रहे है।
जब भी तुम्हें अकेला लगे तो मैदान में आना और चिडियों व कुत्ते या किसी भी जानवर को खाना देना व उनकी मदद करना, दादी ने कहा। गोर यहा कितने छोटे बच्चों के साथ खेलना । धीरे धीरे तुम्हारे यहाँ भी दोस्त बन जाएँगे ।
दिया ने दादी का कहा माना ।
दिया अब रोज़ मैदान आने लगी व जानवरों की मदद करने लगी व उसके दोस्त भी बन गए।
दिया अब खुश व स्वस्थ रहने लगी व दादी से भी ढेर सारी बातें करने लगी। दिया को खुश देखकर सीमा ने भी चैन की सासँ ली ।
दादी , आपके घर में कौन-कौन है ?
बेटी, मेरे घर पर अकेली रहती हूँ। मेरे पति का निधन हो गया। मेरा बेटा विदेश में पढाई कर रहा है।
यह सुनकर दिया चौंक गयी और कहने लगी कि दादी आपको अकेलापन महसूस नहीं होता ?
दादी कहती है, बेटी अकेलापन आपको कभी -कभी परिवार एवं भीड़-भाड़ में भी महसूस होता है व अकेले भी।
इसका एक ही उपाय है कि तुम जानवरों की मदद करो व प्रकति से जुडो़ और स्वयं को काम में वयस्त रखो।
दिया ने दादी को गले लगाया व उन्हें अपने घर ले गयी।
दादी से मिलकर सीमा व अमन समझ गये कि दिया कैसे ठीक हो गई ।
अब दादी का दिया के घर आना-जाना लगा रहता ।
दिया व दादी दोनों का अकेलापन दूर हो गया। कैसी लगी आपको ये कहानी ? कृपया बताना आप ये कहानी कौन से शहर से पढ रहे ?