Krick Or Nakchadi - 8 in Hindi Love Stories by krick books and stories PDF | Krick और Nakchadi - 8

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Krick और Nakchadi - 8

नकचडी ने क्रिक को पेहली बार झुठ क्यों बोला  ? 

" कहानी मे आप देख सकते हो की नकचडी ने क्रिक को दो बार एक ही बात दोहराई थी की उसकी सादी पक्की होने वाली है और उसने मुझे अपने मंगेतर की फोटो दिखाई थी लेकिन इसमें उसने दूसरी बार ही सच बोला था पेहली बार उसने झुठ बोला था लेकिन ऐसा क्यूँ  ? 

"क्युकी नकचडी ये नही चाहिती थी की क्रिक उसके पीछे अपना समय बिगाडे वो अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे और मे भी अपनी पढाई पर ध्यान दु इस लिये एक कड़वा झूठ बोल कर नकचडी ने क्रिक को तोड के रख दिया क्रिक तो बहुत ही दुखी हो गया था जिस लड़की की उसने पांच साल से राह देखी थी उसने पांच मिनिट मे सब कुछ खत्म कर दिया था ।  बस ऐसे ही क्रिक और नकचडी की दोस्ती थी जो एक तरफी ही थी निभाने वाले ने हमेशा से इसे निभाया और छोड ने वाले तो कब के चले गये थे।

" गलत वो नही थे जिसने मुझे धोख़ा दिया क्युकी गलत हम ही थे जिसने उन्हे मौका दिया। "

आप सभी ने देखा की जिवन मे एक लड़का और एक लड़की की सच्ची दोस्ती कैसे होती है वो दोस्ती प्यार मे कैसे बदल जाती है पहले तो एक दूसरे के बिना रेह नही पाते है लेकिन धीरे - धीरे अटेन्शन ज्यादा देने से सामने वाले के भाव ही बढ़ ने लग जाते है और बाद मे सामने वाला उसे जवाब देना तक नही समजता है और दोस्ती हो या प्यार एक तरफा हो जाता है। एक इंसान मिलने के लिये तड़पता रहता है और दूसरे को उसकी कदर तक नही होती है । 

जिस नकचडी के लिये क्रिक ने अपना सब कुछ कुरबान किया उसने कितना समय उसके पीछे गवाया लेकिन आज उसी नकचडी की सगाई किसी और लड़के के साथ हो गई है और क्रिक को उसने सगाई मे बुलाया तक नही था। "

"जिवन मे पहला प्यार हमेशा ही खास होता है वो अपने साथ हो या ना हो फिर भी ऐसा लगता है की वो अपने पास ही होता है। "

"आपको पता है ये सिर्फ क्रिक और नकचडी की ही प्रेम कहाँनी नही है ये हर घर की कहानी है। बहुत कम ही लोग होते है जो स्कूल लाइफ मे साथ मिले ही उसके बाद कॉलेज मे भी साथ हो और उसके बाद जिंदगी भर साथ हो। लेकिन ज्यादातर तो छोटी उमर मे मिला हुआ पहला प्यार कभी भी अपना नही होता अगर वो बडे होने के बाद हो जाये तो वो जरूर सफल हो जाता है। "

अब क्रिक और नकचडी के बीच कोई बात नही है अपने काम से काम नकचडी की सगाई तो हो गई अब उसकी शादी होनी बाकी है हा मुझे नकचडी बुलाये गी लेकिन अगर उस दिन मेरा कोई काम होगा तो मे उसे पहले करना पसंद करुगा जिस तरीके का उसका मुझे निमन्त्रण होगा उसी तरह ही उसकी शादी मे जाने की मेरी प्रतिक्रिया होगी। 

" इस कहानी से आप ने देख लिया ना दोस्तो ये कहानी मेरी अपनी ही है  लड़का और लड़की की दोस्ती कभी भी सफल नही हो सकती वो कभी भी दोस्त नही हो सकते उन मे धीरे धीरे एक तरफ प्यार होने ही लगता है उनमे फीलिंग जागने ही लग जाती है । ऐसा भी नही है की कुछ दोस्त साथ मे होते है सफल भी होते है और आखिर मे जीवन साथी भी बन जाते है और खुशी खुशी अपना जिवन भी जीने लगते है लेकिन कितने ऐसे है ? जवाब मिलेगा बहुत ही कम सायद पांच मे से सिर्फ दो ही ऐसे अपवाद होते है लेकिन बाकी रिश्ते तो आज कल वेसे ही होते है एक दूसरे के साथ सिर्फ और सिर्फ अपना काम निकलवाने तक ही साथ रहना है उसके बाद तो एक दूसरे का नाम तक कोई याद नही रखता है । 

ये क्रिक और नकचडी की कहानी आज कल सभी की कहानी है । लेकिन हमे बहुत कुछ इस कहानी से सीखना भी है ।" आपको पता है लड़कियों को ना लड़को की परख नही होती जो सबसे अच्छे लड़के होते है जो सबसे प्यारे लड़के होते है उन्हे रिजेक्ट करके बैठी होती है उन्हे फ्रेंड्स जोन या भाई बनाके बैठी होती है उसमे ही प्यारे लड़को को फसाके बैठी होती है और जो सबसे वाहियात लड़के जो सिर्फ उनका फायदा उठाते है वेसे लड़को के पीछे अपनी वो क्या बोलते है दुम हिलाती रहती है  फिर वो लड़के उन्हे दुख देते है छोड़ के जाते है परेसान करते है खुद ही गलती करके वो कंप्लेंट करती है की मेरे साथ ये हो गया वो हो गया फिर उन्हे ये एहसास होता है की नही वो अपना पुराना वाला बंदा ही बेस्ट था वो ही सच्चा प्यार मुझसे करता था लेकिन तब तक ऐसे अच्छे लड़को का दिल पूरी तरह टूट चुका होता है उन्हे अब किसी की परवा नही होती है वो बन गये होते है सिग्मा, अल्फा लड़कियों से दूर रहने वाले लड़कियों के चकर मे ना पड़ने वाले अब वो जिंदगी सिर्फ अपने साथ ही खुशी से जीना चाहते है । " 

" वो कहते है ना की रीलेशन शिप मे रेहते रेहते तुम सालो बच्चों का नाम तक सोच लेते हो और वो महारानी बच्चों का बाप ही बदल लेती है। "

ऐसी लड़कियों से दूर रेहने मे ही खुद की भलाई है वरना खुद के पैरो पर कुहाडी मार लोगे समय और फीलिंग की बर्बादी हो जायेगी सिंगल रहो मौज करो ज्यादा खुश रहोगे । 

" वैसे भी बेफवाओ की किस्मत मे प्यार कहा लिखा होता है जिंदगी खतम हो जाती है लड़के बदलते - बदलते । "

वैसे मे ये नकचडी के बारे मे नही लिख रहा हूँ  सच्चा प्यार तो उसके साथ ही हुआ था लेकिन  अब तो किसी से प्यार से पहले तो मुझे धोके की उम्मीद हो जाती है । 

" किसी के बदल जाने से वैसे भी हमे कोई फर्क नही पड़ता क्युकी हम उम्मीद हर किसी से धोके की ही रखते है। "

इस लिये अपने आप पर भरोसा कीजिये किसी भी इंसान पर आँख बंध करके कभी भी भरोसा नही करना चाहिए क्युकी हमारे खास व्यक्ति का भी एक खास व्यक्ति होता है इस लिये खुद को ही बहुत खास बना लेना अच्छा है। 

"जिवन मे अच्छे लोगो की तलास करना बंध कर दीजिये खुद ही इतना अच्छा बन जाये क्या पता किसी और की तलास आपसे मिले के पूरी हो जाये जिसे तुम ढूंढ रहे हो क्या पता आपसे पेहले  वो ही आपको ढूंढ ले इस लिये समय को समय दो समय से पहले किसी को कोई नही मिलता अगर समय से पेहले पाने की चाह पैदा कर ली तो सही समय से पेहले वो बिछड़ भी जायेगा । " 

!! चलो दोस्तो चलता हूँ नेक्स्ट पार्ट मे फिर से आपसे मिलता हूँ !! तक तक के लिये अलविदा और अपना ख्याल रखिये ।