Krick or Nakchadi - 7 in Hindi Love Stories by krick books and stories PDF | Krick और Nakchadi -

The Author
Featured Books
  • ഡെയ്ഞ്ചർ പോയിന്റ് - 15

    ️ കർണ്ണിഹാരയെന്ന ആ സുഗന്ധ പുഷ്പം തന്നിൽ നിന്നും മാഞ്ഞു പോയിര...

  • One Day

    ആമുഖം  "ഒരു ദിവസം നമ്മുടെ ജീവിതം മാറുമെന്ന് ഞാൻ എപ്പോഴും വിശ...

  • ONE DAY TO MORE DAY'S

    അമുഖം

    “ഒരു ദിവസം നമ്മുെട ജീവിതത്തിെ ഗതി മാറ്റുെമന്ന് ഞാൻ...

  • ഡെയ്ഞ്ചർ പോയിന്റ് - 14

    ️ കർണ്ണിഹാര ചോദിച്ച ചോദ്യത്തിന് വ്യക്തമായ ഒരു ഉത്തരം കണ്ടെത്...

  • One Day to More Daya

    Abu Adam: ശാന്തമായ വനത്തിനു മീതെ സൂര്യൻ തൻ്റെ ചൂടുള്ള കിരണങ്...

Categories
Share

Krick और Nakchadi -

नकचडी ने तोड़ा क्रिक का दिल । 

"नकचडी ने  फोन मे अपने मंगेतर की फोटो दिखाई और मुझे बताया की मेरी सगाई होने वाली है और तुम्हे भी जरूर आना है इतना सुनते ही मेरे चहेरे का रंग ही उड़ गया मेने कहा अच्छी बात है मुझे खुशी होगी लेकिन मे अंदर से बहुत ही दुखी हो गया था मे ये सोच रहा था की कितने सालों बाद मिले है तो वो मुझसे बात करेगी हमारे प्यार की फिर से शुरुवात होगी लेकिन ये जमाना कभी भी किसी के लिये नही रुकता  बेहतर मिलते ही लोग बेहतरीन की तलास मे निकल पडते है। 

"यहाँ पे मे नकचडी की बुराई नही कर रहा हु लेकिन मेरे अनुभव से मे आपको सिखा रहा हूँ कुछ चीजे ऐसी भी होती है जो दुसरो के अनुभव से सीख कर सचेत हो जाना चाहिए क्युकी जरूरी नही है की सब कुछ हम अनुभव कर के ही जाने नकचडी ने मेरा दिल तोड़ा लेकिन दिल के तुटने की आवाज सिर्फ मेरे कानों मे ही गूंज रही थी उसे तक पता नही लगने दिया उसने मुझे पहले से भी ज्यादा उदास कर दिया था मानो सब कुछ खत्म ही हो गया मे जिस लड़की की इतने सालों से प्रतिक्षा कर रहा था वो ऐसी निकली उसे तो कुछ पता ही नही था मेरी फीलिंग तो उसके सामने पेरो की धूल थी मे बहुत रोया उदास हुआ लेकिन मेने बहुत कुछ सिखा दिल टूटने के बाद इंसान जो सिखाता है वो दुनिया की कोई किताब नही शिखा सकती । "

जीवन मे दिल टूट ना भी बडी अच्छी बात है क्युकी दिल टूट ने के बाद लोग बड़े बड़े रेकॉर्ड बना डाल ते है । "

नकचडी की वजसे  मेने कॉलेज लाइफ एक दम चुप के से निकाल नी सोची मेने खुद से वादा किया के मे दोस्तो का बड़ा सर्कल कभी नही बनाउँग और तो और लड़कियों से हमेशा दूर रहूँगा और हुआ भी ऐसे ही कॉलेज लाइफ के तीन सेमिस्टर तो मेने इस तरीके से निकाले की मुझे अपने आस पास बैठने वाले दोस्तो का तक नाम नही पता था यहा तक की  मेरे एक - दो दोस्त थे उसे भी मे कभी कभी ही मिलता था मुझे प्रोफेसर के तक नाम नही पता थे इसका मतलब ये नही था की मे क्लास मे ध्यान ही नही देता था नही नही ऐसा नही है मुझे किसी के साथ भी पहचान नही बनानी थी क्युकी मुझे पता था अगर मेने दोस्ती की तो दोस्तो की आर्मी खड़ी कर सकता हूँ अगर मेने बोलना शुरू किया तो अपने आप ग्रुप बड़ा हो जायेगा और उसका लीडर मे अपने आप ही बन जाऊंगा इस लिये फिर रिश्ते भी ज्यादा बन जायेंगे और हर एक रिश्ते की एक्स पाइरी डेट तो होती ही है उसी दिन वो रिश्ता खतम हो जाता है तो फिर क्यु ऐसे रिश्ते बना ने चाहिए ? जो बाद मे हमे दुखी कर दे ! 

नकचडी ने इतना प्रभाव मुझे पे डाल था की मेरी कॉलेज लाइफ ऐसे ही जा रही थी लेकिन बाद मे मुझे पता चला की कॉलेज लाइफ मे दोस्तो की साथ हसी मजाक , ग्रुप मे घुमना फिरना ये सब जरूरी होता है अच्छा हुआ मे ये 1 साल मे ही समज गया जिस से मेरे दो साल बच गए अब मेरे बहुत सारे दोस्त बन गये बीस तीस लोक तो युही कॉलेज मे मिल जाते थे फिर मुझे एक ग्रुप बनाना पड़ा और उसका नाम भी मेने रख दिया था लेकिन ये कहानी बाद मे अब नकचडी को भी मे सिर्फ ठीक ठाक दोस्त ही मानता था । 

आपको ये लगता होगा की कोई इंसान के पीछे इतना क्या पागल होना जाने वाले को जाने देना चाहिए तो मेरा जवाब है हा बिल्कुल जाने वाले को तो जाने ही देना चाहिए उसे रोकने का कोई फायदा ही नही है लेकिन पेहली मोहब्बत के लिये दिल जिसे चुनता है वो अपना हो या ना हो लेकिन दिल पर राज उसकी ही रहता है हमे यकीन ही नी होता की हमारे साथ ये सब हुआ है लेकिन धीरे धीरे समज आता है की सब मोह माया है सच्चा प्रेम तो राधा कृष्ण का भी पुरा नही हुआ तो हम तो फिर भी इंसान है हमारा क्या पुरा होगा इस लिये प्यार मोहब्बत के इस पहले अनुभव ने मुझे बहुत कुछ सिखाया जिसके बाद मुझे कोई प्यार मे रुलाने वाला आज तक कोई मिला नही क्युकी मे हर किसी से उम्मीद धोके की ही रखता हूँ।

"अब तो मुझे कोई क्या ही रुलायेगा क्युकी मे अपना दिल अपने पास ही रखता हूँ " बेबी, बाबू के पास नही । "

कहानी पर वापिस आते है तो नकचडी ने जाते जाते अपने मंगेतर की फोटो दिखाई जिसको देखते ही मुझे बहुत ज्यादा बुरा लगा लेकिन क्या कर सकते थे, " उसकी मेरी पसंद तो हर बार वो ही थी लेकिन उसकी पसंद इस बार कोई और ही थी ।

" इस लिये मे क्या ही बोलता, न जाने कोनसी गलती के हम शिकार हो गये  जितना हमने दिल साफ रखा उतने ही हम गुनेगार बन गये प्यार तो दूर अब तो मुझे किसी के साथ रिश्ता भी नही रखना था । "

पहला प्यार हमेशा सच्चा ही होता है अगर वो टूट जाये तो उसके बाद किसी से प्यार करने की हिम्मत नही होती है इस लिये समय से पहले कभी भी प्यार - मोहब्बत के चकरो मे नही पढ़ना चाहिए क्युकी उसकी एक स्पेशल एक्सपारी डेट होती है और उसी दिन रिश्ता टूट ना ही है चाहे आप कितना भी रिश्ता बचाने की कोशिस कर लीजिये कोई भी आपके लिये रुकने वाला नही है । 

"ये सब हमारे बॉडी के होर्मोंस का कमाल है यू कहे तो जवानी का जोश जिसमे सिर्फ मोह माया और आकर्षण है। "

लेकिन फिर भी प्यार तो प्यार ही होता है ये प्यार वाली फीलिंग किस्मत से ही मिलती है ये प्यार का अनुभव शब्दो मे भी बया नही किया जा सकता हैं ये फिल्मो की तरह भी नही होता है ये तो एक ऐसी जादुई फीलिंग है जो नसीब वालो को ही मिलती है तो इसका अनुभव एक बार तो जिवन मे जरूर करना चाहिए । 

मे तो यही सोच रहा था की नकचडी का जिवन साथी उसे मिल ही गया लेकिन दो साल के बाद कुछ ऐसा हुआ की मे फिर से सोच मे पड़ गया क्युकी इस बार किसी और लड़के के साथ मेने उसे देखा जो उसने फिर से बताया की ये मेरा मंगेतर है इसके साथ मेरी सगाई होने वाली है । ये सुनके मे अपने मन मे बहुत ही हस ने लगा की ये लड़की कितने लड़के बदलेगी जो इसने पहले वाले के बारे मे मुझे बताया था वो एक दम झूठ था उसने ये झुठ मुझे क्युकी बोला ??? वो क्या चाहती थी ??? 

ये सब हम कहानी मे आगे जानेंगे । 

"चलो दोस्तो चलता हूँ आगे की कहानी मे फिर से आपसे मिलता हूँ तब तक के लिये अपना ख्याल रखिये । "