Jise Samjha mamuli wah Nikla Karodpati - 5 in Hindi Thriller by ABHISHEK books and stories PDF | जिसे समझा मामूली वह निकला करोड़पति - SEASON - Part 5

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जिसे समझा मामूली वह निकला करोड़पति - SEASON - Part 5

रात का सन्नाटा गहरा चुका था। हवाएं हल्की-हल्की सरसराते हुए माहौल को और भी रहस्यमय बना रही थीं। अवंतिका घर में अकेली थी। वह किचन में खड़ी होकर खाना बना रही थी, तभी उसे बाहर किसी हलचल की आहट सुनाई दी।

सजग होकर अवंतिका ने चुपके से पर्दा हटाया और झाँककर देखा—
गेट के पास कुछ अजनबी लोग खड़े थे।

अवंतिका का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। घबराते हुए वह दौड़कर मुख्य दरवाजे तक गई और उसे अंदर से बंद कर कुंडी चढ़ा दी। फिर पूरे घर के दरवाज़ों और खिड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने लगी। काँपते हुए हाथों से उसने फौरन आर्यन को फोन लगाया।

अवंतिका (डरी हुई आवाज़ में) —
"आर्यन... घर के बाहर कुछ लोग हैं...! मुझे डर लग रहा है... लगता है वे अंदर आने की कोशिश कर रहे हैं!"

आर्यन उस समय एक दोस्त की पार्टी में था। म्यूजिक के हल्के शोर के बीच उसने फोन उठाया। अवंतिका की घबराई हुई आवाज़ सुनते ही वह गंभीर हो गया।

आर्यन (सख्त लहजे में) —
"अवंतिका, घबराओ मत। मैं दो घंटे में पहुँच रहा हूँ। तब तक दरवाज़ा मत खोलना, चाहे कुछ भी हो!"

अवंतिका की साँसें तेज़ हो गई थीं।

अवंतिका (कांपती आवाज़ में) —
"आर्यन... मुझे बहुत डर लग रहा है..."

आर्यन कुछ बोलने ही वाला था कि तभी—

धड़ाम!

दरवाज़े पर जोरदार धमाका हुआ। अवंतिका चीख पड़ी। वह खिड़की के पास दौड़ी और देखा—
गेट खुल चुका था।
वे लोग अब घर के भीतर आने वाले थे।

पर सवाल था—
गेट किसने खोला?

अंधेरे के कारण वह कुछ देख नहीं पाई। लेकिन साफ था कि किसी अंदरूनी व्यक्ति ने उनके लिए दरवाजा खोला था।

अब समय बहुत कम था। अवंतिका ने तेजी से फोन कान पर लगाया—

अवंतिका (तेज़ी से) —
"आर्यन! गेट खुल गया है... कोई है जिसने खुद अंदर से गेट खोल दिया है!"

आर्यन का चेहरा गम्भीर हो उठा।

आर्यन (आदेश भरे स्वर में) —
"अवंतिका, फौरन दरवाज़े के पीछे छिप जाओ। मैं पुलिस को कॉल कर रहा हूँ!"

लेकिन इससे पहले कि अवंतिका कुछ कर पाती—

धड़ाम!

मुख्य दरवाज़ा एक जोरदार धक्के से टूट गया!
तीन नकाबपोश गुंडे घर के भीतर घुस चुके थे।

उनमें से एक गुंडा व्यंग्यात्मक हँसी के साथ बोला—

गुंडा (हँसते हुए) —
"मैडम, ज्यादा होशियारी मत दिखाइए। चुपचाप हमारे साथ चलिए, वरना अंजाम अच्छा नहीं होगा!"

अवंतिका घबराकर पीछे हटने लगी। उसने भागने की कोशिश की, लेकिन एक गुंडे ने उसका हाथ पकड़ लिया।

अवंतिका (चीखते हुए) —
"छोड़ो मुझे! आर्यन...!"

गुंडों में से एक ने उसके हाथ से फोन छीना और कॉल पर मौजूद आर्यन से बोला—

गुंडा (ज़हरीली हँसी के साथ) —
"बचा सको तो बचा लो अपनी बीवी को!"

आर्यन की आँखों में गुस्सा उमड़ पड़ा।

आर्यन (गुस्से से दहाड़ते हुए) —
"अगर अवंतिका को कुछ भी हुआ, तो तुम सब जिंदा नहीं बचोगे!"

गुंडा ठहाका लगाते हुए कॉल काट देता है।

अब अवंतिका को एक गाड़ी में जबरन बैठाया जा चुका था। वह डरी-सहमी बाहर झाँकने लगी, यह जानने के लिए कि गेट खोलने वाला कौन था। लेकिन रात के अंधेरे और तेज रफ्तार में कुछ भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था।

गाड़ी अंधेरे में तेज़ी से दौड़ रही थी...

अब सवाल उठने लगे थे—

➡️ आखिर किसने किया अवंतिका से विश्वासघात?
➡️ कौन था इस खौफनाक साजिश का मास्टरमाइंड?
➡️ क्या आर्यन समय रहते अपनी पत्नी को बचा पाएगा?

(आगे जारी रहेगा… अगले भाग में देखिए— आर्यन की जानलेवा कार्रवाई और नामांश की नई खतरनाक चाल!)