रात गहरी हो चुकी थी। हल्की-हल्की बारिश की बूंदें खिड़की से टकरा रही थीं, और ठंडी हवाएँ हर चीज़ को और रहस्यमयी बना रही थीं।
अवंतिका का दिमाग सुन्न हो चुका था। उसने अपनी आँखों से वो देखा था, जिसे देखकर उसकी दुनिया पूरी तरह बदल गई।
सीसीटीवी फुटेज में उसकी माँ और नामांश एक-दूसरे से बात कर रहे थे।
अवंतिका की माँ (गुस्से से) – "नामांश! तुमसे एक भी काम सही से नहीं हो पाता! मैंने तुम्हें कितनी बार कहा था कि इस बार कोई गलती नहीं होनी चाहिए। अगर अवंतिका किडनैप हो जाती, तो सब कुछ हमारे प्लान के हिसाब से चलता!"
नामांश (क्रूर हंसी के साथ) – "तुम परेशान मत हो, ये खेल अभी खत्म नहीं हुआ है। आर्यन ने भले ही चालाकी दिखाई हो, लेकिन अबकी बार हम उसे मात देंगे!"
अवंतिका के लिए ये एक ज़बरदस्त झटका था।
"माँ… मेरी अपनी माँ… नामांश के साथ मिली हुई थी?"
उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगा। वह तुरंत आर्यन की तरफ़ मुड़ी।
अवंतिका (काँपती आवाज़ में) – "आर्यन, ये क्या है? मेरी माँ… नामांश के साथ?"
आर्यन ने उसकी आँखों में देखा।
आर्यन (गंभीर स्वर में) – "मैं जानता था कि तुम्हें मेरी बातों पर यकीन नहीं होगा। इसलिए मैंने ये सब रिकॉर्ड किया।"
अवंतिका की आँखों में आँसू थे।
अवंतिका (टूटे हुए स्वर में) – "लेकिन मेरी माँ ऐसा क्यों करेगी? उसने मेरे साथ ये विश्वासघात क्यों किया?"
आर्यन ने लैपटॉप की स्क्रीन पर कुछ और वीडियो प्ले किए।
सच्चाई का पर्दाफाश
वीडियो में कई साल पुरानी रिकॉर्डिंग थी। उसमें नामांश और उसकी माँ एक पुराने बंगले में बैठे थे। उनकी बातचीत कुछ ऐसी थी—
नामांश (गंभीर स्वर में) – "अगर तुम चाहती हो कि तुम्हारी बेटी खुशहाल ज़िंदगी जिए, तो उसे मेरे हवाले कर दो।"
अवंतिका की माँ (परेशान होकर) – "तुम ऐसा क्यों कर रहे हो, नामांश? मैं तुम्हें पहले ही बहुत कुछ दे चुकी हूँ!"
नामांश (क्रूर हंसी के साथ) – "लेकिन अब मैं और चाहता हूँ! अगर तुम चाहती हो कि तुम्हारा अतीत किसी को न पता चले, तो तुम मेरी मदद करोगी!"
अवंतिका की माँ (डरते हुए) – "नहीं… ऐसा मत करो…"
नामांश ने एक फाइल उसकी तरफ़ बढ़ाई।
नामांश (धमकी भरे स्वर में) – "इस फाइल में तुम्हारा सबसे बड़ा राज़ छुपा है। अगर ये दुनिया के सामने आ गया, तो तुम्हारी बेटी भी तुम्हें छोड़ देगी।"
वीडियो वहीं खत्म हो गया।
अवंतिका पर टूटता पहाड़
अवंतिका की आँखों में आँसू छलक आए।
अवंतिका (हैरान और परेशान होकर) – "मेरा अतीत? मेरी माँ का क्या राज़ छुपा हुआ था?"
आर्यन ने एक और फाइल खोली और उसे स्क्रीन पर दिखाया।
"इस फाइल में वो सच था, जो अवंतिका की ज़िंदगी बदल सकता था।"
अवंतिका काँपते हुए उस फाइल को पढ़ने लगी—
"नामांश सिर्फ एक बिजनेसमैन नहीं था। वह एक क्रिमिनल था, जिसने कई गैर-कानूनी धंधे किए थे। लेकिन इससे भी बड़ा सच ये था कि..."
"नामांश, अवंतिका का सौतेला भाई था!"
अवंतिका के हाथ से फाइल गिर गई।
अवंतिका (सन्न रहकर) – "नहीं… ये सच नहीं हो सकता!"
आर्यन (गंभीर स्वर में) – "सच यही है, अवंतिका। तुम्हारी माँ ने ये सच तुमसे छुपाया, क्योंकि उसने अपनी पहली शादी के बारे में कभी किसी को नहीं बताया। नामांश तुम्हारा ही भाई है, लेकिन उसने तुम्हें सिर्फ एक दुश्मन की तरह देखा।"
अवंतिका (आँखों में आँसू लिए) – "तो नामांश ने मेरी ज़िंदगी तबाह करने के लिए ये सब किया? सिर्फ इसलिए कि मेरी माँ ने उसे छोड़ दिया?"
आर्यन ने उसके कंधे पर हाथ रखा।
आर्यन (गंभीर स्वर में) – "हाँ, और अब उसने तुम्हें पूरी तरह से बर्बाद करने की ठान ली है। लेकिन अब हमें उसके अगले कदम से पहले ही कुछ करना होगा।"
सस्पेंस का एक नया मोड़
तभी अचानक लैपटॉप स्क्रीन पर एक नया वीडियो प्ले हुआ।
इस बार स्क्रीन पर नामांश खुद था।
नामांश (ज़हरीली हंसी के साथ) – "हाय, अवंतिका! मुझे पता था कि तुम अब तक ये सब जान जाओगी। लेकिन मैं तुम्हें बता दूँ—ये खेल अभी खत्म नहीं हुआ।"
अचानक, स्क्रीन पर एक और चेहरा आया।
"वो चेहरा देखकर अवंतिका और आर्यन दोनों के होश उड़ गए!"
(आगे जारी रहेगा… अगले भाग में देखिए, वो नया चेहरा कौन था? क्या नामांश की साजिश का अगला कदम और भी खतरनाक होगा? जानने के लिए इंतजार कीजिए पार्ट 8 का!)