नोट: यह सीरीज "जिसे समझा मामूली वो निकला करोड़ पति" के पहले सीज़न का तीसरा भाग है। अगर आप इस कहानी को पूरी तरह समझना और महसूस करना चाहते हैं, तो कृपया पहले इसके पिछले दो भाग जरूर पढ़ें।
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अब पेश है — भाग 3…
अवंतिका अपनी दोस्त राधिका के साथ खड़ी थी, जब राधिका की नज़र आर्यन पर पड़ी। वह हैरानी से बोली—
राधिका (आश्चर्य से): "अरे अवंतिका, तुम तो कह रही थी कि ये तुम्हारा ड्राइवर है! लेकिन ये तो तुम्हारे साथ ऐसे खड़ा है जैसे तुम्हारा पति हो?"
अवंतिका ने हल्की मुस्कान के साथ जवाब दिया—
अवंतिका: "हाँ, राधिका, मैंने तुमसे झूठ बोला था। यही मेरे पति हैं।"
राधिका को अब भी यकीन नहीं हो रहा था। उसने बात बदलते हुए पूछा—
राधिका: "अच्छा, तुम यहाँ क्या कर रही हो?"
अवंतिका: "तुम पहले बताओ, तुम यहाँ क्या कर रही हो?"
राधिका: "आज मेरा इंटरव्यू है, सामने वाली कंपनी में।"
अवंतिका (आश्चर्य से): "तुम्हें पता भी है वो कंपनी किसकी है?"
राधिका (कंधे उचका कर): "नहीं, किसी बिज़नेसमैन की होगी।"
अवंतिका (मुस्कुराते हुए): "वो कंपनी मेरे पति की है।"
राधिका ठहाका लगाते हुए बोली—
राधिका: "अवंतिका, मैं मानती हूँ कि आर्यन तुम्हारा पति है। लेकिन इतना भी मत फेंको कि पहली कंपनी तुम्हारी और दूसरी तुम्हारे पति की हो!"
अवंतिका चुपचाप मुस्कुरा दी।
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सच्चाई का खुलासा
राधिका जब सामने वाली कंपनी में इंटरव्यू के लिए पहुँची, तो उसे वेटिंग रूम में बैठाया गया। रिसेप्शनिस्ट ने विनम्रता से कहा—
रिसेप्शनिस्ट: "मैडम, कृपया कुछ देर इंतजार करें, हमारे बॉस खुद आपका इंटरव्यू लेंगे।"
राधिका को थोड़ा अजीब लगा, लेकिन वह इंतजार करने लगी। कुछ देर बाद, जैसे ही उसे बॉस के केबिन में बुलाया गया, उसके कदम ठिठक गए।
सामने की कुर्सी पर कोई और नहीं, बल्कि आर्यन बैठा था!
उसने एक हल्की मुस्कान के साथ राधिका को देखा और कहा—
आर्यन: "अरे राधिका! तुम यहाँ? तुम्हें इंटरव्यू देने की कोई जरूरत नहीं। तुम तो अवंतिका की दोस्त हो, इसलिए मैं तुम्हें बिना इंटरव्यू के जॉब देता हूँ।"
राधिका ने झूठी मुस्कान दी और धन्यवाद कहा, लेकिन उसके मन में कुछ और ही चल रहा था।
राधिका (मन में सोचते हुए): "अब मेरा असली खेल शुरू होगा!"
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राधिका की चोरी की कोशिश
राधिका ने नौकरी तो ज्वॉइन कर ली, लेकिन उसका असली मकसद कुछ और था। वह आर्यन और उसकी कंपनी को बर्बाद करना चाहती थी, और इसके लिए उसे कंपनी की महत्वपूर्ण फाइल्स चाहिए थीं।
रात हुई, ऑफिस के सारे कर्मचारी घर जा चुके थे। राधिका जानबूझकर रुक गई और सबके जाने का इंतजार करने लगी। जब पूरा ऑफिस खाली हो गया, तो वह धीरे-धीरे बॉस के केबिन की ओर बढ़ी।
उसने अलमारी खोली और फाइल निकालने ही वाली थी कि अचानक गार्ड की आवाज सुनाई दी—
गार्ड: "मैडम, आप अभी तक यहीं हैं?"
राधिका का दिल जोर से धड़कने लगा, लेकिन उसने खुद को सँभाला और मुस्कुराते हुए कहा—
राधिका: "हाँ, सर ने कुछ फाइल्स संभालकर रखने को कहा था, वही देख रही थी।"
गार्ड को कोई शक नहीं हुआ, और वह आगे बढ़ गया। राधिका ने राहत की सांस ली, लेकिन वह फाइल चुराने में नाकाम रही।
राधिका (गुस्से में बुदबुदाते हुए): "आज नहीं सही, लेकिन अगली बार मैं यह फाइल ज़रूर चुरा लूँगी!"
उसने जल्दी से अलमारी बंद की और वहाँ से बाहर निकल गई।