Humraz - 8 in Hindi Crime Stories by Gajendra Kudmate books and stories PDF | हमराज - 8

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हमराज - 8

अफसर की डांट सुनकर बादल का गुस्सा शांत होता है और वह खुद से ही बोलता है, "मुझे अपने मकसद से नहीं भटकना है लेकिन मेरे दुसरे मकसद को भी नहीं भूलना है और उसे भी बड़ी शिद्धत से मुझे पूरा करना है." तभी बादल के कानों में गाड़ी की आवाज आती है और वह खिडकी से बाहर झांकता है. तब उसे दिखता है की वह शख्स उस ही बड़ी गाड़ी में बैठकर वापस लौट आता है. वह सीधा गाड़ी से उतरकर अपने फ्लैट में चला जाता है. बादल यह सब देखता है और बाद में वह अपने ल्यापटॉप में कुछ काम करते हुए सो जाता है. दुसरे दिन वहीं रोज की तरह बादल ज़ेबा के बालकनी की ओर नजरे गड़ाये बैठा था और कुछ न कुछ होने का इंतजार कर रहा था. उसका सारा दिन यूँ ही गुजर गया लेकिन न तो ज़ेबा बालकनी में आयी और न ही वह शख्म उसे कही बाहर आते जाते हुए दिखाई दिया. ऐसे ही कुछ दिन गुजरे तो एक दिन अचानक ज़ेबा और वह शख्स बादल को बड़ी सी गाडी में कहीं जाते हुए दिखाई दिए, फिर क्या बादल भी चीते के जैसी फुर्ती दिखाते हुए उनके पीछे हो लीया. वह बड़ी गाड़ी जहाँ जहाँ जा रही थी, बादल भी उसका पीछा करते हुए उस तरफ जा रहा था. फिर बादल ने देखा की वह गाड़ी एक बड़े से होटल के पास जाकर रुक गयी. तो बादल भी गाड़ी से काफी दूर रुक गया और देखने लगा. बाद में वह गाड़ी होटल के भीतर चली गयी तो बादल ने भी अपनी गाड़ी उस ही जगह जहाँ वह रुका हुआ था. वहीं आसपास खड़ी कर दी और वह भी उस होटल में जाने के लीये नीकला.

    बादल उस बड़े से होटल के भीतर दाखील होने की कोशीश करता है तो उसे होटल के दरवाजे पर तैनात दरबान रोक लेते है. वह उसे वहाँ आने का कारण पूछते है तो उसके पास ऐसा कोई कारण न होने के कारण वह दरबान उसे भीतर जाने नहीं देते है. बादल उन्हें बार बार समझाने की कोशीश करता है की वह उस होटल में खाना खाने के लीये आया है और भीतर खाना खाने के लीये जाना चाहता है. लेकिन उसकी सभी कोशीशे नाकाम होती है और वह दरबान उसे भीतर जाने नहीं देते है. अब बादल होटल के दरवाजे से वापस लौटकर अपनी गाड़ी की तरफ जाने के लीये नीकलता है. बादल अपनी गाड़ी की तरफ जाते जाते होटल के तरफ देखते हुए जा रहा था. तो उसने देिखा की होटल के पहले माले पर बहोत से बड़े बड़े लोग इकट्ठा हुए है और कुछ जलसा हो रहा है. उस होटल की बाहरी सजावट पूरी तरह शीशे की बनी थी उस कारण से होटल के भीतर क्या हो रहा है यह बाहर से भी स्पष्ट दिखाई दे रहा था. तब अचानक बादल को ज़ेबा भी दिखी उन बड़े लोगों के बीच में. फिर वह शख्स भी दिखाई दिया जीसके साथ ज़ेबा रहती थी और आज उस होटल में आयी हुई थी. अब बादल एक झाड़ी का आसरा लेकर छिपकर वहाँ रुक गया और होटल के भीतर देखने लगा.

   बादल ने फिर अपना कैमरा नीकाला और वहाँ उपस्थीत लोगों की तस्वीरे और बाद में वहाँ चल रहे जलसे का वीडियो नीकाल लीया. उसके बाद वह वहाँ से नीकलकर अपनी गाड़ी में जाकर बैठ गया और ज़ेबा और उस शख्स के होटल से बाहर आने का इंतजार करने लगा. करीबन दो घंटे के बाद वह बड़ी सी गाड़ी होटल के बाहर नीकली जीसमे ज़ेबा बैठी हुई थी और जाने लगी. बादल ने झट से अपनी गाड़ी स्टार्ट की और वह उस गाड़ी के पीछे पीछे जाने लगा. वह गाड़ी आगे आगे बढ़ते हुए शहर के बाहर जाने लगी. तब बादल को कुछ गड़बड़ होने का अंदेशा लगा इसलीये उसने अपनी गाड़ी से उस बड़ी गाड़ी को ओवरटेक किया और अपनी गाड़ी उस गाड़ी के आगे खड़ी कर दी. फिर बादल ने उतरकर उस गाड़ी के करीब जाकर देखा तो उस गाड़ी में कोई नहीं बैठा था सीवाय ड्राईवर के. बादल यह समझ गया की उसे बेवकूफ बनाने के लीये यह चाल चली गयी थी. वह झट से वहाँ से वापस लोटकर होटल के पास आया तो देखा की सभी गाड़िया जा चुकी है और वह होटल बंद हो चूका है. फिर बादल तेजी से अपनी गाड़ी लेकर उसके फ्लैट की तरफ भगा. अपने प्लैट के पास आकर उसने देखा तो ज़ेबा के फ्लैट की बत्ती जल रही थी. उस जलती हुई बत्ती को देखकर बादल को थोड़ी तसल्ली हो गयी की उसे देर नहीं हुई. वह फिर अपने कमरे में बैठकर जेबा के कमरे की तरफ एकटक देखता हुआ बैठा था.

    यूँ ही देखते देखते कब जाने उसकी आँख लग गयी तो उसे पता ही नहीं चला और वह सो गया. आधी रात में कुछ आवाज आयी तब बादल की नींद टूटी तो उसने देखा की ज़ेबा के कमरे की बत्ती अभी भी जल रही थी. बादल को फिर कुछ शक होने लगा इसलीये उसने अपने कमरे से बाहर आकर करीब से ज़ेबा के कमरे की बत्ती की तरफ देखा. बत्ती सच में जल रही थी लेकिन यह बत्ती रातभर क्यों जल रही है यह सवाल बादल के दिमाग में आया. रोज तो यूँ नहीं जलती रहती है ऐसा उसने सोचा. फिर उसका शक और बढ़ने लगा इसलीये उसने अभी के अभी ज़ेबा के फ्लैट में जाने का तय कीया. वह अपने कमरे से नीकला और चोरी से ज़ेबा के फ्लैट के दरवाजे के पास जाकर देखने लगा. एकबार फिर बादल को उस पल का सामना करना पड़ा ज़ेबा सही में अपने कमरे में नहीं थी और उसके फ्लैट के दरवाजे पर ताला लगा हुआ था. उसके बाद बादल को किसी के आने की आहट सुनाई दी इसलीये वह बड़ी ही सावधानी से चोरी चुपके से अपने पलैट के कमरे में आ गया. फिर उसने खिड़की के बाहर देखा तो उसे एक वर्दीवाला गुरखा दिखाई दिया जो उस एरिया का रखवाला था. वह गुरखा वहाँ आया और उसने ज़ेबा के प्लैट के इर्दगिर्द चक्कर लगाया और सीटी बजाते हुए वह नीकल गया. अब बादल सोच में पड गया की ज़ेबा और वह शख्स आखीर गये तो कहाँ गये. एकबार तो उसके दिल में यह ख्याल आया की ज़ेबा ने फिर उसे धोखा दिया और वह फिर मुंह छुपाकर चली गयी. ज़ेबा के बारे में सोचते सोचते काफी समय होने लगा था और अब भोर होनेवाली थी के तभी एक गाड़ी वहाँ आयी और उसमें से जेबा उतरकर अपने पलैट की और जाने लगी.

   शेष अगले भाग में .........८