नामांश जेल के अंदर बैठा था। उसकी आँखों में गुस्सा और बदले की आग साफ झलक रही थी।
नामांश अपने एक खास आदमी, विक्रम, से फोन पर बात कर रहा था, "आर्यन ने मुझे जेल में डालकर बहुत बड़ी गलती की है। अब उसकी बर्बादी शुरू होगी।"
विक्रम गंभीर स्वर में बोल रहा है, "बॉस, आपको बस हुक्म देना है। क्या करना है?"
नामांश मुस्कुराते हुए बोल रहा है, "आर्यन की कंपनी की सबसे अहम फाइल्स चोरी करनी हैं। उन फाइलों में उसकी सारे प्रोजेक्ट्स की डिटेल्स हैं। अगर वो मेरे हाथ लग गईं, तो उसका पूरा बिजनेस खत्म हो जाएगा।"
विक्रम सिर हिलाते हुए बोल रहा है, "आप चिंता मत कीजिए, बॉस। कल रात तक वो फाइल्स आपके पास होंगी।"
नामांश ठहाका लगाते हुए बोल रहा है, "बहुत बढ़िया! अब देखता हूँ आर्यन कैसे बचता है।"
रात के अंधेरे में, विक्रम और उसके दो साथी आर्यन की कंपनी के ऑफिस में घुस चुके थे। अंदर सबकुछ शांत था। सिक्योरिटी गार्ड ड्यूटी पर थे, लेकिन विक्रम ने पहले ही उनके खाने में बेहोशी की दवा मिला दी थी।
विक्रम धीरे से अपने आदमी रोहित से बोल रहा है, "सीसीटीवी कैमरे बंद कर दो। जल्दी से फाइल ढूंढो और चलते बनो।"
रोहित लैपटॉप खोलकर सीसीटीवी का फीड बंद करने ही वाला था कि अचानक एक तेज आवाज आई।
अवंतिका गुस्से में बोल रही है, "रुको! तुम लोग यहाँ क्या कर रहे हो?"
विक्रम और उसके साथी चौंक गए। अवंतिका के साथ दो सिक्योरिटी गार्ड भी थे।
विक्रम घबराते हुए बोल रहा है, "मैडम, आप यहाँ इतनी रात को?"
अवंतिका कड़क स्वर में बोल रही है, "तुम लोगों की चोरी पकड़ने के लिए! क्या सोच रहे थे, हम तुम्हारी साजिश नहीं समझेंगे?"
तभी सिक्योरिटी गार्ड ने विक्रम और उसके साथियों को पकड़ लिया।
कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुँच गई। इंस्पेक्टर राठौड़ ने विक्रम और उसके आदमियों को हथकड़ी पहनाते हुए कहा, "चोरी के इल्ज़ाम में तुम सबको गिरफ्तार किया जाता है। बोलो, ये सब किसके कहने पर कर रहे थे?"
विक्रम घबराते हुए चुप था, लेकिन जब पुलिस ने उसे धमकाया, तो उसने सच उगल दिया।
विक्रम डरते हुए बोल रहा है, "सर, ये सब नामांश के कहने पर कर रहे थे। उसने हमें फाइल्स चुराने का ऑर्डर दिया था!"
इंस्पेक्टर राठौड़ गुस्से में बोल रहा है, "अच्छा! तो जेल में बैठा नामांश बाहर की दुनिया में ऐसी हरकतें कर रहा है? लगता है, अब उसे असली सज़ा दिलवानी पड़ेगी।
अगले दिन, जेल के अंदर नामांश गुस्से में बौखला गया।
नामांश जोर से चिल्लाते हुए बोल रहा है, "निकम्मों! इतनी छोटी सी चीज़ भी नहीं संभाली गई तुम लोगों से?"
विक्रम सिर झुकाए खड़ा था, "बॉस, हमें नहीं पता था कि अवंतिका वहाँ होगी।"
नामांश गुस्से में मेज पर मुक्का मारते हुए बोल रहा है, "अब मुझे खुद कुछ बड़ा करना पड़ेगा! आर्यन को मिटाना ही होगा!"
(आगे जारी रहेगा… नामांश अब कौन सी नई चाल चलेगा? क्या आर्यन और अवंतिका उसकी साजिश को नाकाम कर पाएंगे? जानने के लिए अगले भाग का इंतजार करें!)
"अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो, तो इसे शेयर ज़रूर करें और मुझे फॉलो करना न भूलें, क्योंकि इस रहस्यमयी कहानी के आने वाले हिस्से आपको हैरान कर देंगे! आगे की कहानी और भी रोमांचक, चौंकाने वाली और आपकी सोच से परे होने वाली है!"