Pyaar ki Pahchan - 7 in Hindi Love Stories by Aman Mishra books and stories PDF | प्यार की पहचान - 7

Featured Books
Categories
Share

प्यार की पहचान - 7

Chapter 5 प्रोजेक्ट की तैयारी (Part 1)

अगले दिन सुबह अभिषेक जाकर अपने मित्रों(अलोक और राहुल)से मिलता है। उनके चर्चा का आवरण:-
राहुल:- आओ,अभिषेक कैसे हो तुम??क्या बात है बड़े खुश लग रहे हो ??
अलोक:- अरे राहुल तुम भुल गए क्या कल ये प्रिय के साथ बाहर घुमने गया था न उसी वजह से ये इतना खुश है क्यों अभिषेक ??
[इस पर अभिषेक मुस्कुराते हुए कहता है ]
अभिषेक:- हां अलोक कल का दिन मेरे जिंदगी का सबसे यादगार पलों मे से था 
राहुल:- अच्छा, जरा हमे भी बताओ की तुमने वहा क्या क्या किया 
[इस पर अभिषेक कल की हुई सारी घटना अपने दोस्तों को कह सुनाता है ],और यह सुनते ही अलोक और राहुल बड़े खुश हो जाते है। 
इस पर राहुल और अलोक अभिषेक से कहते है 
राहुल:- वाह अभिषेक हम तुम्हारे लिए बहुत खुश है मतलब अब तुम्हारी और प्रिय की बहुत अच्छी दोस्ती हो चुकी है बधाई हो !
अभिषेक:- हां ये बात तो सही है राहुल 
अलोक:- तो इसका मतलब यह है अभिषेक तुम प्रिय से जाकर यह कह सकते हो की तुम उसे बहुत पसंद करते हो क्यों ??मे सही कह रहा हु ना 
राहुल:- नहीं अलोक मुझे लगता है ये अभी बहुत जल्दी हो जाएगा और हम ये कैसे पक्का करेंगे की प्रिय भी अभिषेक को पसंद करती है मतलब हम ये कैसे पक्का करेंगे की "आग दोनों तरफ बराबर लगी है " 
[इस पर अभिषेक कहता है ]
अभिषेक:- क्या सच मे तुम्हे इसमें कोई शक है क्या ??
अलोक:- नहीं अभिषेक हमे पुरा विश्वास है परन्तु हमे प्रिय के मन की बात भी जान लेनी चहिए क्यों??
अभिषेक:- हां अलोक! तुम सही कह रहे हो तुम चिंता मत करो मै इस बात का पुरा ध्यान रखूँगा 
एक ओर अभिषेक प्रिय को मन ही मन खुब पसंद करता था परन्तु वहा दुसरी ओर प्रिय के मन मे अभिषेक को लेकर ऐसी कोई भावना न थी वह केवल अभिषेक को अपना एक अच्छा दोस्त मानती थी। 
प्रिय और उसकी दोस्त निशा का discussion:- 
निशा:- अच्छा, प्रिय ये बताओ कल तुम्हारी date कैसी थी अभिषेक के साथ ??
[इस पर प्रिय हस्ते हुए कहती है ]
प्रिय:- क्या कुछ भी निशा date वगैरा कुछ नहीं हम सिर्फ अच्छे दोस्त है और कुछ नहीं 
निशा:- अच्छा, ये तो बताओ आखिर कल तुमने क्या क्या किया ??
इस पर प्रिय कल की सारी घटना कह सुनाती है   
इस पर निशा हँसते हुए कहती है 
निशा:- देखा,मुझे सच मे लगता है अभिषेक तुम्हे पसंद करने लगा है 
इस पर प्रिय मुस्कुराकर कहती है  
प्रिय:- नहीं निशा तुम कुछ ज्यादा ही सोच रही हो 
(कॉलेज का समय शुरू होते ही अभिषेक और प्रिय समय पर अपने lectures मे पहुंच गए) मिस मैरी आते ही क्लास मे उनके दिए हुए project को लेकर discussion शुरू कर देती है। 
[मिस मैरी के चर्चा का आवरण ]:-
मिस मैरी:- Dear students, तुम्हे याद होगा की पिछली बार मैंने तुम सबको एक project का काम दिया था मे उम्मीद करती हु की सबने अपने अपने project का काम शुरू कर दिया होगा मे आप सबको ये बताना चाहती हु की पिछली बार मैंने आप सबको इस project के deadlines एक महीने का दिया था परन्तु अब मे तुम्हे ये बताना चाहती हु की अगले दो हफ्तों के भीतर ही तुम्हे ये प्रोजेक्ट का काम पुरा करना होगा और तभी इस प्रोजेक्ट को review करने के लिए बाहरी कॉलेज से कुछ ऐसे professors आएंगे और वही तुम्हारे project को approve करेंगे। और वही प्रतियोगिता के लिए groups को select करेंगे। यदि तुम चाहते हो की तुम्हारा ग्रुप उस प्रतियोगिता के लिए चुना जाए,तो तुम्हारे पास केवल दो हफ्ते का समय है अपनी तयारी पुरी कर लीजिये। 
ऐसा कहकर मिस मैरी वहा से चली जाती है