You Are My Choice - 51 in Hindi Short Stories by Butterfly books and stories PDF | You Are My Choice - 51

Featured Books
Categories
Share

You Are My Choice - 51

I am sorry, I have made a mistake. मेने कही कही पे तनेजा वर्ड यूज किया है। Please consider it as Aakash Ahuja. It will be continued with Ahuja only.

--------------------

Happy reading ✨ 


-------------------------------



"लुक्स लाइक भाभी रोई है। अक्की इतना बुरा तो नहीं है कि जिसे प्यार करता है उसे ही रुलाएगा।" श्रेया और उसके पीछे आते आकाश को देख रॉनित ने कहा।

"बकवास मत कर रॉनी। अक्की किसी को नहीं रुलाता।" काव्या ने उसके पेट के पास अपनी कोन्ही मारते हुए कहा।


"श्रेया.. यो’र ओके?" जय ने उसके पास आके बोला।

"हा। में ठीक हु।" जय ने उसे आगे कुछ नहीं पूछा और उसके पीछे आ रहे आकाश की तरफ देखा। आकाश ने उसकी तरफ देख मुस्कुराया। जो देख जय को लगा कि आकाश ने श्रेया के साथ कुछ तो किया है जिससे वो हर्ट हुई है।

जैसे आकाश जय के पास आया, उसने गंभीर होके पूछा, "व्हॉट हैव यू डन, अहूजा?"

"तू तो मुझे कुछ बता नहीं रहा, तो कुछ तो करना पड़ेगा मुझे।" उसे इतना कहके आकाश मेहमानों से मिलने चला गया। 

"हेलो.. राज अंकल।" उन्हें अपनी तरफ गुरता देख आकाश ने पूछा, "कुछ हुआ है क्या, अंकल?"

"बेटा, छुपालो जितना छुपा सको, उसे आना तो वापिस घर ही है। कितना ही छिपेगा मुझसे।" 

"मुझे सचमें कुछ नहीं पता। उसने फोन भी बंध कर रखा है। मेरी बात ही नहीं उससे। दूसरा नंबर वो मुझे देता नहीं है। में क्या करूं आप ही बोलो?" आकाश ने उन्हें सफाई देते हुए कहा।

"कावू को पता हो सकता है।" आकाश ने काव्य की तरफ देखा।

उसके इतना कहते ही काव्या ने गुरकर उसकी तरफ देखा। "दोस्त तो तुम्हारा है। मुझे कैसे पता?" काव्या ने खुद को बचाते हुए कहा।

"रॉनित भाई आपको कुछ कहना हो तो...?" सुहानी ने रॉनित की चुप्पी देख उसे पूछा।

‘हा... में रह जो गया था ना।‘ रॉनित ने अपने मन में सोचा। "में तो हु भी एक मासूम इंसान। मुझे कैसे पता होगा।" उसकी बात सुन वहा खड़े सब हसने लगे। 

"मेरे बेटे से ज्यादा मासूम तो और कोई हो भी कैसे सकता है..।"

"मोम।" अपनी मां को आते देख रॉनित ने कहा और जाके उन्हें गले लगाया।

"बाप भी है वैसे।" 

"पता है।" कहके अपने पापा को गले लगाया।

"ऐसे मिल रहे है जैसे सालों बाद मिल रहे हो।" हर्षवर्धन ने रॉनित के पापा अक्षय कपूर को कहा।

"कम ऑन सोल्जर। मेरा बेटा अपने घर से ज्यादा तो यह रहता है। और बाकी का टाइम अपने उस पेंटहाउस पे गुजरता है।" 

"वह तो तेरी ही गलती है कपूर। किसने बोला था पेंटहाउस गिफ्ट करने के लिए। तेरी वजह से मेरी काव्या भी कभी कभी वहा चली जाती है।" हर्षवर्धन ने अक्षय को कोसते हुए कहा।

"लकी गाइज। कमसे कम तुम दोनों को यह योग पता है कि तुम्हारे बच्चे है कहा।" राज ने कहा।

तभी रॉनित के पास खड़ी यामी कपूर (रॉनित की मां) ने राजेश से कहा, "राज भाई, आदि इस डूइंग गुड। आप क्यों उसे रोकना चाहते है?"

"यामी भाभी, आप नहीं जानती, वो लड़का कभी कभी अच्छा करने के चक्कर ने कानून तोड़ देता है। में नहीं चाहता कि उसकी इन बचकानी हरकतों की वजह से कही मुझे ही उसे गिरफ्तार न करना पड़े। या तो इस देश के बाहर न फेकना पड़े।"

"शुभ शुभ बोलिए भाई साब।" रागिनी ने राज को डांटते हुए कहा। 

"क्या पता किसी दिन इंटरपोल को हैंडओवर करना पड़े।" आकाश ने धीमी आवाज में कहा।

"आई डू अग्री विथ यू।" रॉनित ने फुसफुसाते हुए आकाश के कान में कहा।

"आप लोग कंटिन्यू करो में सबसे मिलके आता हु।" आकाश ने कहा और उसके साथ काव्या और रॉनित भी चले गए।


"मुझे नहीं लगता यह लोग हमे आज छोड़ेंगे। राज अंकल तो आज आदि ब्रो के बारे में सब जानकर ही दम लेंगे यार।" रॉनित ने उन सबसे दूर जाते हुए कहा।

"वो ज्यादा अच्छा होगा।" आकाश ने कहा।

"क्या?" रॉनित ने पूछा।

"यही की अंकल को पता चल जाए, मुझे भी अंकल का डर सही लग रहा है। मेरा कहने का यह मतलब नहीं है कि आदि कुछ गलत करेगा..." 

आकाश ने काव्य की अधूरी बात खत्म करते हुए कहा, "पर उसके साथ कुछ गलत न हो जाए।"

"बाप है डरेंगे तो सही। आफ्टर ऑल उनके बेटे ने दुश्मन ही इतने बना रखे है।" रॉनित ने अपने पापा की तरफ देखते हुए कहा।

"रॉनित.." काव्या ने उसे बुलाते हुए कहा।

रॉनित ने जैसे ही काव्या की तरफ देखा उसकी नजर सामने से आती हुई मायरा पर गई। "नो... वे..।" रॉनित ने जोर से कहा। जब उसका ध्यान आसपास के लोगों पे गया, उसने धीरे से दोनो से पूछा, "यह... यह यहां क्या कर रही है? मेने कहा था मुझे अनवांटेड लोग नहीं चाहिए। फिर क्यों गाईझ?" 

"ब्रो, बॉस है मेरी।" आकाश को बीच में रोकते हुए कहा, "बॉस नहीं, बॉस की बेटी। बिल्कुल उनके जैसी।"

"ऑफकोर्स, तभी ही तो वो आएगी। मुझे उसे इनवाइट करना ही पड़ेगा।" आकाश ने हंसते हुए कहा। उसकी मुस्कुराहट रॉनित को और चिड़ा रही थी।

"व्हाटेवर, वो यहां आ रही है। मुझे यह नहीं रुकना। में जा रहा हु। तुम जैसे दोस्तो के होने से बैटर है, दस दुश्मन और हो। मुझे किसीसे बात ही नहीं करनी।" इतना कहके वो उनसे दूर चला गया।


"हाई आकाश, हाई मिस सेहगल।" मायरा ने दोनों से कहा। और उनके सामने आके खड़ी हुई।

"हेलो।" दोनो ने एक साथ कहा।

दोनो मायरा से बात करने में बिजी थे। लेकिन, उनको देखते हुए, उनसे थोड़े दूर दो और लोग थे, जो गुस्से से जल रहे थे। श्रेया और रॉनित। उनके पास खड़ा जय हालत से बेखबर वही खड़ा अपने ख्यालों में खोया हुआ था, जिसकी नजरे सिर्फ काव्या पे टिकी हुई थी।


सब मेहमानों से मिलने के बाद डिनर के बाद सारे लोग चले गए थे। सिर्फ वर्मा और कपूर परिवार वहां रुका था।

रागिनी और हर्षवर्धन के कहने पे जय और श्रेया रुके थे। उनके साथ विद्या भी थी। और साथ में मायरा भी उनके साथ वहां रूकी थी। जिस वजह से रॉनित और भी गुस्से में था। यामी ने राखी को भी यह कहके रोक था कि वह घर पे अकेली है तो आज यही रुक जाए और उनके बच्चों के साथ आज यही रुके, और एंजॉय करे। 

---------------


Continues in the next episode.........