You Are My Choice - 49 in Hindi Short Stories by Butterfly books and stories PDF | You Are My Choice - 49

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You Are My Choice - 49

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दीवाली पार्टी – सेहगल हाउस

पूरा घर दिए, लाइट्स और फूलों से सजाया गया था। घर के बाहर एक बड़ी और खूबसूरत रंगोली बनी हुई थी। सब तैयार होके गार्डन में खड़े थे। पार्टी के लिए सारी तैयारियां वही की गई थी। काव्या वर्कर्स के साथ मिलके सब आखरी बार चेक कर रही थी। तभी पीछे से आके आकाश ने चिंता भरी आवाज में कहा, "क्या कर रही है? सब ठीक ही है। ज्यादा काम मत कर।"

जैसे ही काव्या उसकी तरफ मुड़ी, आकाश के चेहरे पर बड़ी सी मुस्कुराहट आ गई। आकाश उसे देखके बहुत खुश था। काव्या ट्रेडीशनल ड्रेस में हमेशा बहुत सुंदर लगती थी। आज उसने सफेद रंग का खूबसूरत लेहंगा पहना था। जिसपे सुनहरे रंग में डिजाइन बनी हुई थी। "प्रीटी प्रिंसेस।"

"यू आर लेट। तो तू अभी मुझे यह बोलना तो डिजर्व नहीं करता।" काव्या ने उसे पीछे धकेलते हुए कहा। "BTW, थैंक्स।"

"होस्ट ही खुद लेट है। क्या ही कर सकते है..." उनकी तरफ आते हुए रॉनित ने कहा।

"व्हेयर इस यौर मोम डैड?" रॉनित को अकेले आते देख आकाश ने पूछा।

"तेरे ही अंकल आंटी है, कैसे आ सकते है ऑफिस से जल्दी..." रॉनित ने उसे इग्नोर करते हुए कहा।

"आकाश बेटा तू आ गया, गो एंड गेट रेडी, जल्दी से।" अपनी मां की बात सुन आकाश बिना कुछ कहे घर के अंदर चल गया।


आकाश के जाने के कुछ देर बाद मेहमान आने लगे थे। "कमिश्नर अंकल।" काव्या ने खुशी से कहा। सामने से एक अधेड़ उम्र के आदमी ने उसे अपना हाथ ऊपर उठाके हाय कहा। इस उम्र में भी वह काफी फिट लग रहे थे। हर्षवर्धन सीधा उनकी तरफ गए और उन्हें गले लगाया।

"तुम्हारी एज अब दिखने लगी है हर्ष।" कमिश्नर राजेश वर्मा ने कहा।

"और तुम तो आदि के छोटे भाई लगते हो।" 

"डोंट बी जेलस हर्ष।" राजेश ने हंसते हुए कहा।
"काव्या इनको छोड़ों, व्हेयर इस भाई?" राजेश की बैठी सुहानी ने कहा।
"मुझे नहीं पता। वो मेरा फोन भी रिसीव नहीं कर रहा है।" काव्या ने चिढ़ते हुए कहा।

"आई गैस, वो आज आएगा।" रॉनित ने उनकी तरफ आते हुए कहा। उसकी बात सुन सब उसकी तरफ देखने लगे। जिस वजह से उसने बात को छुपाने की कोशिश करते हुए कहा, "मतलब.. उसे इन्विटेशन तो नहीं दिया, बट पता तो होगा ही।"
"ओह.." सुहानी ने उसे चिड़ाते हुए कहा।
"तुम दोनों को अपना फाइनल टच अप करना है तो करलो। इट्स टाइम फॉर एवरीवन्स अराइवल।" 
रॉनित की बात सुन सुहानी ने नौटंकी भरे अंदाज में कहा, "ऑफकोर्स सर, अगर आप नहीं होते तो हमारा ध्यान कौन रखता।" 
उसकी ऐसी बात सुन रॉनित ने अपनी नजरे उससे फेर ली और वहा से चला गया।

जय अपने पूरे परिवार के साथ आया था, उनके साथ श्रेया भी थी।
"हेलो डॉक्टर राजशेखर। दीपावली की शुभकामनाए। और आपके परिवार को भी।" हर्षवर्धन ने कहा। "आपको भी ढेर सारी शुभकामनाए। एझ यू सेड, में अपनी पूरी फैमिली के साथ आया हु। मिट माई डैड,  मोम। एंड माई लिटिल सिस्टर। और यह डॉ. श्रेया अवस्थी।" जय ने कहा।

"सबको हार्दिक शुभकामनाए। आपने मेरी बेटी के बारे में तो सुना ही होगा। काव्या। माय ऑनली डॉटर। और यह है, रागिनी अहूजा। मेरी बहन।" 
"नमस्ते।" काव्या और रागिनी ने सबको नमस्ते किया। 
"हाई, यू नो.. आई एम यौर बिग फैन।" विद्या ने काव्या को देख खुशी से कहा। काव्या ने भी उसकी तरफ देख मुस्कुराया।
"श्रेया बेटा, कैसी हो?" रागिनी ने पूछा।
"अच्छि हु आंटी। आप कैसे हो?" श्रेया ने शांत आवाज में कहा।
"और भाईसाब, में इन्हें पहले से ही जानती हु। श्रेया और जय, आकाश के अच्छे दोस्त थे स्कूल में।" रागिनी के कहा।
"ठीक है। चलिए अंदर चलते है।" हर्षवर्धन ने उन्हें अंदर आने के लिए कहा।
"आकाश कहा है?" जय में पूछा।
"रेडी होने गया है, ऑफिस से थोड़ा लेट आया था।" काव्या ने उसे जवाब दिया।

रागिनी उनसे बात करने में व्यस्त हो गई और हर्षवर्धन दूसरे मेहमानों के साथ।

"मिस सेहगल।" श्रेया ने धीरे से उसके पास आते हुए कहा।
"यू कैन कॉल मी काव्या। ओके।" 
"एक्चुअली, मुझे आकाश से कुछ बात करनी थी.." श्रेया ने अपने मन की बात कहना चाही, पर वह आगे कुछ कह पाती उससे पहले ही काव्या ने एक सर्वेंट को बुलाया।
"यह तुम्हे आकाश का रूम दिखा देगा। ओके।"
"थैंक यू।" श्रेया ने वहां से जाते हुए कहा।


"गुड इवनिंग माम।" 
"अह ह.. माम? कम ऑन यार, राखी। मना की तुम अपने OG दोस्तों के साथ अच्छा टाइम स्पेंड करके आई हो, धात डस नॉट मीन की तुम मुझे ऐसे एड्रेस करने वाली हो। आइम नोट रूड एझ यौर बॉस, आई गैस।" काव्या ने राखी की बात सुन उससे शिकायत भरे अंदाज में कहा।

"हेलो, ब्यूटीफुल लेडीज़।" रॉनित ने आते हुए कहा। वो काव्य के पास जाके खड़ा हो गया और उसके कंधे पर हाथ रखा।
"हेलो सिर, हैप्पी दीवाली।" राखी ने उसे कहा।
रॉनित की नज़ारे उससे हट ही नहीं रही थी।
"तो मिस सूद के अकॉर्डिंग में रूड हु, है ना?" रॉनित ने कहा।
"मेने ऐसा कुछ नहीं कहा।" राखी ने रॉनित की नजरों से अपनी नजरे मिलते हुए कहा।
"वैसे रूड तो आप है। इस तरह कोई छोड़ के जाता है क्या?" रॉनित ने हल्का सा राखी की और झुकते हुए कहा।
राखी ने अपने एक उंगली से उसे पीछे धक्का देते हुए कहा, "में वेकेशन पे थी।"
"जबरदस्ती का वेकेशन।" रॉनित ने उसे चिड़ाते हुए कहा।
"व्हाटेवर, आप दोनों बाते करिए। में मिसेज कपूर से मिलके आती हु। बाई।" राखी वहां से चली गई।
"तुझे ऐसा नहीं लगता इसकी और मोम की कुछ ज्यादा ही अच्छी दोस्ती हो गई है।" अपनी बात का जवाब न मिलता देख रॉनित ने काव्या की और देखा जो कबसे उन दोनों के बीच चल रही बाते सुन रही थी। जो अब रॉनित की तरफ देख रही थी। जिसकी आंखों में अब सवाल साफ नजर आ रहे थे।
"व्हॉट?" रॉनित ने अंजान बनते हुए पूछा।
"व्हॉट... व्हॉट हा। क्या था ये? यू वेयर टीजिंग हर। यह कबसे हो गया?" काव्या ने पूछा।
"किसीने मुझे कुछ दिन पहले रियली करवाया था, की हम काफी टाइम से साथ में काम कर रहे है। बस यही हुआ है।" 
"नो बॉम्बेस्टिक साइड आईज है।" इतना कहके वो काव्या से अलग होकर सबसे बात करने लगा।

सब मेहमानों से बात करने में व्यस्त थे। जय अपनी फैमिली के साथ खड़ा था। "वैसे लड़की तो सुंदर भी है।" सरस्वती ने कहा।
"कौन मम्मा?" विधा ने पूछा।
"तुम्हारे भाई की पेशेंट।" अपनी मां की बात सुन जय ने उनकी तरफ देखा।
"शी कैन ने यौर गर्लफ्रेंड।" अपने पापा की इस तरह बात सुन जय ने चौंकते हुए कहा, "डैड, आप भी। कम ऑन यार।" 
"लड़की सच में काफी अच्छी है।"
"गाइस प्लेस, वो मेरी पेशेंट है। बस। और कुछ भी नहीं।"


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 Continues in the next episode....

Glimpse of next chapter:
इस पिंक साड़ी में वो बहुत खूबसूरत लग रही है। नो नो नो नो... आई कांट लूझ। तू गुस्सा है उससे।