Chudel se Pyaar - 4 in Hindi Horror Stories by Rakesh books and stories PDF | चुडैल से प्यार - 4

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चुडैल से प्यार - 4

आरव और ज़ोया की ज़िंदगी अब नई शुरुआत की ओर बढ़ चुकी थी। हवेली की डरावनी यादें पीछे छूट चुकी थीं, लेकिन औरत की कही बात आरव के दिल में कहीं गहरे बैठ गई थी—**"अब तुम्हारे पास सिर्फ़ 15 साल बचे हैं…"**  

क्या ज़ोया इस सच के साथ जी पाएगी? क्या वे इन 15 सालों में एक पूरी ज़िंदगी जी पाएंगे?  

### **समय बीतता गया…**  

आरव और ज़ोया ने शादी कर ली। वे एक छोटे से पहाड़ी शहर में बस गए, जहाँ हर सुबह सूरज की किरणें उनकी खिड़की पर दस्तक देतीं और हर रात वे एक-दूसरे की बाहों में समा जाते। आरव ने अपनी किताब **"हॉन्टेड लव"** लिखी, जो बेस्टसेलर बन गई। लेकिन उनकी ज़िंदगी की असली कहानी किसी को नहीं पता थी।  

### **लेकिन कुछ अजीब हो रहा था…**  

ज़ोया अब पूरी तरह इंसान थी, लेकिन उसके अंदर कुछ बदलाव हो रहे थे। उसके सपने… वे अब सिर्फ़ सपने नहीं रह गए थे।  

कई बार वह आधी रात को जाग जाती और कहती, **"आरव, मैंने कुछ अजीब देखा… जैसे कोई मुझे बुला रहा हो।"**  

आरव उसे समझाता, "बस बुरे सपने हैं, ज़ोया। हम अब एक नई ज़िंदगी में हैं।"  

लेकिन ज़ोया को पता था कि यह सिर्फ़ एक सपना नहीं था।  

### **पहला संकेत**  

एक दिन आरव ने महसूस किया कि उसकी उंगलियों पर हल्का-सा अजीब जलन जैसा एहसास हो रहा था। वह सोचता रहा कि यह क्या हो सकता है।  

कुछ दिनों बाद, उसे आईने में देखकर अजीब लगा—**उसके बाल हल्के सफेद होने लगे थे।**  

वह सिर्फ़ 32 का था, लेकिन उसके बालों में उम्र का असर दिखने लगा। क्या यह उस बलिदान का असर था?  

आरव ने डॉक्टर से जाँच करवाई, लेकिन रिपोर्ट्स सामान्य आईं। लेकिन हर बीतते दिन के साथ वह खुद को थोड़ा कमज़ोर महसूस करने लगा।  

### **ज़ोया की सच्चाई सामने आती है**  

एक रात, ज़ोया अचानक नींद में चलने लगी। वह बिस्तर से उठकर छत की ओर बढ़ गई।  

आरव ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन ज़ोया के होंठों से एक अजीब-सा मंत्र निकल रहा था, जो उसने पहले कभी नहीं सुना था।  

"ज़ोया!" आरव ने ज़ोर से पुकारा।  

ज़ोया रुकी, उसकी आँखें बंद थीं, लेकिन उसने धीमी आवाज़ में कहा, **"आरव… मुझे बचा लो… वह मुझे वापस बुला रहा है…"**  

"कौन?"  

ज़ोया की आँखें खुल गईं, और उनमें हल्की नीली चमक थी।  

**"वही… जिसने मुझे इस दुनिया में नहीं रहने देना चाहता।"**  

आरव का दिल ज़ोर से धड़क उठा। "क्या जिन्न वापस आ गया है?"  

ज़ोया ने सिर हिलाया, "नहीं… यह कुछ और है।"  

### **अंधेरे का आगमन**  

अगली रात, आरव और ज़ोया घर में अकेले थे। अचानक, घर की लाइट्स झपकने लगीं।  

दरवाजे पर किसी ने ज़ोर से दस्तक दी।  

"इस वक्त कौन होगा?" आरव ने घड़ी देखी—रात के 2 बजे थे।  

जब उसने दरवाजा खोला, तो बाहर कोई नहीं था… लेकिन ज़मीन पर एक काले रंग की मोमबत्ती रखी थी, जिसके ऊपर खून से लिखा था—  

**"समय खत्म हो रहा है।"**  

आरव ने तेजी से चारों ओर देखा, लेकिन कोई नहीं था।  

तभी, हवा में धीमी-सी हँसी गूँजी।  

ज़ोया दौड़कर आई। "क्या हुआ?"  

आरव ने मोमबत्ती की ओर इशारा किया।  

ज़ोया का चेहरा सफेद पड़ गया।  

**"वह वापस आ गया है…"**  

"कौन?"  

**"जो मेरी आत्मा को पूरी तरह मिटाना चाहता है।"**  

आरव समझ चुका था कि उनकी मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई थीं।  

### **अगला कदम?**  

अब उनके पास दो ही रास्ते थे—या तो वे इस अंधेरे से भागते रहें, या फिर इस रहस्य को सुलझाएँ और हमेशा के लिए इससे मुक्त हो जाएँ।  

आरव ने ज़ोया का हाथ थामा। **"अब हम पीछे नहीं हट सकते, ज़ोया। हमें यह जानना होगा कि यह सब क्यों हो रहा है।"**  

ज़ोया की आँखों में आँसू आ गए। "अगर मैं तुम्हें खो दूँ तो?"  

आरव ने मुस्कुराकर कहा, **"हमने पहले भी मौत को हराया है, और इस बार भी हम जीतेंगे!"**  

लेकिन क्या यह इतना आसान होगा?  

क्या जो ताकतें ज़ोया को वापस बुला रही थीं, उन्हें हराया जा सकता था?  

या फिर यह आरव और ज़ोया की आखिरी लड़ाई थी?