जल्द ही राहुल और अलोक जाकर वह चंदु काका से मिलते है और उन्हें पुरी बात समझाकर उनकी मदत मांगते है। पहले तो काका राजी नहीं होते और मदत के लिए साफ़ इंकार कर देते है। वह कहते है "नहीं अलोक और राहुल ऐसा नहीं हो सकता यह कॉलेज के नियमो के खिलाफ है मै ऐसे कोई भी जानकारी तुम्हारे साथ नहीं बाँट सकता "
राहुल और अलोक ने वह काका को बहुत समझाने की कोशिश की और आखिर मे वह काका से कहते है "काका हम आपकी बात समझ रहे है परन्तु आप ही सोचिए यदि हमारे मन मे कुछ बुरा करने की होती तो हम आपको सब सच नहीं बताते हम चाहते तो हम कोई भी चालाकी से आपसे वह जानकारी निकलवा सकते थे परन्तु हमने ऐसा नहीं किया क्या अब भी आपको हम पर शक है। इस पर काका बड़ा सोच विचारकर कहते है "मै तुम्हे उसकी पुरी जानकारी तोः नहीं दे सकता मै बस तुम्हे उसका नाम और उस लड़की ने किस कोर्स मे दाखिला लिया है बस उतनी जानकारी दे सकता हु। इस पर राहुल,अलोक और अभिषेक तीनो खुश होकर कहते है "धन्यवाद काका उतनी जानकारी हमारे लिए पर्याप्त होगी "
ऐसा कहकर चंदु काका उन्हें वह जानकारी दे देते है,काका की मिली जानकारी के अनुसार वह लड़की का नाम प्रिय ठक्कर है और प्रिय ने फैशन डिजाइनिंग के कोर्स मे दाखिला लिया है। अभिषेक और उसके मित्र राहुल और अलोक के बीच के चर्चा का आवरण:-
राहुल:- बधाई हो अभिषेक जिस लड़की से तुम दोस्ती करना चाहते हो उसके बारे मे हमे जानकारी मिल चुकी है उस लड़की का नाम प्रिय ठक्कर है और संयोग से प्रिय ने हमारे ही कोर्स मे दाखिला लिया है। अभिषेक अब तो तुम्हे कोई दिक्कत नहीं होगा अब तो तुम जाकर प्रिय से दोस्ती कर ही सकते हो क्यों ??
अभिषेक:- हां हां राहुल और अलोक तुम दोनों का बहुत बहुत शुक्रिया तुम दोनों के वजह से ही मुझे प्रिय के बारे मे पता चल सका
अलोक:- हां वो सब तो ठीक है पर तुम दोस्ती करोगे कैसे ??क्या तुमने इसके बारे मे कुछ सोचा है ??
अभिषेक:- सच कहु तो मैंने अभी तक कुछ सोचा नहीं है
राहुल:- तो जल्दी विचार करो इस पर की तुम्हे प्रिय से कैसे दोस्ती करनी है
ऐसा कहकर ही तीनो वहा से चल पड़ते है। अगली सुबह होते ही अभिषेक आज समय पर कॉलेज पहुंच चुका था उसे इतना तो पता था की प्रिय ने उसी के क्लास मे दाखिला लिया है वह जल्द ही तैयार होकर अपने क्लास मे पंहुचा । क्लास मे लेक्चर शुरू हो चुका था और वह जल्दी जल्दी जाकर बैठ गया और लेक्चर सुनने लगा।
जल्द ही लेक्चर ख़तम होते ही अभिषेक अपने मित्रो से मिलता है। अभिषेक और उनके मित्रो का चर्चा का आवरण:-
राहुल:- हां अभिषेक लेक्चर ख़तम हुआ ??
अभिषेक:- हां अभी ख़तम हुआ है
अलोक:- क्या हुआ तुम्हे प्रिय मिली उससे कुछ बात हुई ??
अभिषेक:- नहीं अलोक वह क्या हुआ की मे आज बहुत देरी से लेक्चर मे पंहुचा और फिर मुझे प्रिय क्लास मे दिखी ही नहीं। पता नहीं वो मेरे क्लास मे है भी या नहीं। वो तुम्हारे चंदु काका ने हमे गलत जानकारी तो नहीं देदी ??
राहुल:- नहीं ऐसा नहीं हो सकता मे उन्हें बहुत लम्बे समय से जानता हु यदि उन्हें हमारी मदत नहीं करनी होती तो वह हमे साफ़ मना कर देते
अभिषेक:- तो फिर आज मुझे प्रिय मेरी क्लास मे दिखी क्यों नहीं।
इतने मे प्रिय अपने कुछ सहेलियों के साथ अभिषेक के क्लास से बाहर आती है और अभिषेक उसे देख हक्का बक्का रह जाता है। इस पर राहुल अभिषेक से कहता है।
राहुल:- कौन है फिर वो एक तो तुम ध्यान से देखते नहीं हो और फिर हमे ही सुनाते हो ??
अभिषेक:- मुझे माफ़ कर दो राहुल क्या है आज मे क्लास मे बहुत देरी से पंहुचा शायद उसी वजह से मेरा प्रिय पर ध्यान ही न गया हो
अलोक:- अगर तुम ऐसे ही लापरवाही करते रहोगे तो फिर दोस्ती कब करोगे ??
अभिषेक:- हां तुम सही कह रहे हो मे अगली बार से ध्यान रखूँगा
राहुल:- क्या तुमने कुछ और सोचा है की कैसे तुम प्रिय से अपनी दोस्ती की शुरुवात करोगे ??
अभिषेक:- हां मैंने सोच तो रखा है।
ऐसे ही करते कुछ दिन बीत गए अभिषेक कोई न कोई कोशिश करता प्रिय से बात करने की पर हमेशा उसे निराशा ही हाथ लगती। वह जब भी उससे बात करने जाता तो वह उस पर ध्यान ही नहीं देती और उसे नजर अंदाज़ कर देती।ऐसे ही करते करते आखिर वह दिन आ ही गया जब अभिषेक को मौका मिल ही गया। अभिषेक और प्रिय जिस क्लास मे पढ़ते थे वहा उनकी एक मैडम पढ़ाती थी जिनका नाम था मिस मैरी। वह दिखने मे जितनी सुंदर थी वह उतनी fashionable भी थी। सारे स्टूडेंट्स उन्हसे सीख लिया करते थे। उन्होंने अपने विद्यार्थियों को एक प्रोजेक्ट का काम दिया जिसके तहत अभिषेक को प्रिय से बात करने का और उससे दोस्ती करने का मौका मिल गया।
मिस मैरी ने जो प्रोजेक्ट दिया था उसके तहत उन्हें ग्रुप मे काम करना होगा और वह ग्रुप होगा (एक लड़का और एक लड़की का) जल्द ही ग्रुप का चुनाव होना था लकी ड्रा सिस्टम जिसके तहत हर लड़की को अपने होने वाले पार्टनर के नाम की चिट चुननी थी। किस्मत से प्रिय के हाथ अभिषेक का नाम ही निकला था। अभिषेक का तोः ख़ुशी का ठिकाना न था। वह तो बहुत ही खुश था परन्तु प्रिय कुछ ख़ास खुश नहीं थी वह मिस मैरी के पास जाकर मिस मैरी से आग्रह करते हुए बोलती है "मिस मैरी मेरी आपसे एक अनुरोध है। मिस मैरी और प्रिय के चर्चा का आवरण :-
मिस मैरी:- है प्रिय बोलो डिअर क्या हुआ ??
प्रिय:- मिस मैरी मुझे आपसे एक अनुरोध करना था
मिस मैरी:- हां बोलो प्रिय क्या अनुरोध है
प्रिय:- मिस मैरी क्या आप मुझे मेरा पार्टनर बदलकर दे सकती है
मिस मैरी:- पर तुम्हे, तुम्हारा पार्टनर आखिर बदलना है क्यों है ??क्या तुम्हे याद नहीं नियम मैंने पहले ही साफ़ कर दिया था की चित मे जिसका नाम आएगा वही आपका पार्टनर होगा प्रोजेक्ट के लिए। अब आप जाइए और अपने पार्टनर के साथ अपने प्रोजेक्ट का काम शुरू कीजिये
[ऐसा बोलकर मिस मैरी ने प्रिय को वापस भेज दिया ]
प्रिय उदास होकर अपने क्लास वापस चली जाती है और उसे उदास देख कर उसकी पक्की सहेली निशा अग्रवाल उसे पूछती है।
निशा और प्रिय के चर्चा का आवरण:-
निशा:- क्या बात है प्रिय तुम बड़ी उदास लग रही हो क्या हुआ तुम तो मिस मैरी से मिलने गई थी ना
प्रिय:- हां निशा,मे मिस मैरी के पास अनुरोध लेकर गई थी की मेरा प्रोजेक्ट पार्टनर बदल दे परन्तु उन्होंने साफ़ मना कर दिया।
निशा:- अच्छा पर तुम्हारा पार्टनर है कौन ??
प्रिय:- मेरा पार्टनर वह अभिषेक ठाकुर है, अरे वो वही लड़का है "जो जब देखो मुझे देख कर मंद मंद मुस्कुराता रहता है "
निशा:- लगता है वो अभिषेक तुम्हे पसंद करता है ??
प्रिय:- नहीं ऐसा कुछ नहीं है वो तो अभी तक मेरा दोस्त भी बना नहीं है और वह मेरे लिए बिलकुल अंजान है तो मे उसके साथ कैसे काम कर सकती हु ??अब तुम ही बताओ ??
निशा:- अरे प्रिय इसमें चिंता की क्या बात है देखो हमे जो भी प्रोजेक्ट पार्टनर मिला है वह हमारे लिए अंजान ही है मुझे लगता है तुम्हे उसे एक मौका देना चहिए
प्रिय:- शायद तुम सही कह रही हो निशा चलो फिर ठीक है [ऐसा कहकर वह दोनों वहा से चली जाती है ]
वहा दुसरी ओर अभिषेक प्रिय का प्रोजेक्ट पार्टनर बन बड़ा खुश था वह अपनी ख़ुशी अपने दोनों जिगरी दोस्त राहुल और अलोक के साथ साझा करता है।