Ishq da Mara - 63 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 63

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इश्क दा मारा - 63

ये आवाज़ सुन कर गीतिका डर जाती है। तभी वो देखती है कि पीछे बंटी खड़ा होता है।

तब यूवी बोलता है, "तुम डर क्यों रही हों, ये पागल है, इसका मेरे बिना दिल नहीं लगता है इसलिए मेरे पीछे पीछे आ जाता है"। 

तब बंटी बोलता है, "यार अकेले अकेले खाना खा रहा है, कम से कम मुझे तो पूछ लेता "।

तब यूवी बोलता है, "तुझे शर्म नहीं आ रही है, एक तो मैं इतनी मुश्किल से इससे मिलने आया हूं और ऊपर से तू मेरा दिमाग खराब करने आ गया "।

तब गीतिका बोलती है, "ये आपका दोस्त हर दम आपके साथ क्यों रहता है "।

तब बंटी बोलता है, "क्यों भाभी आपको पसंद नहीं है कि मैं अपने दोस्त के साथ रहु "।

तब गीतिका बोलती है, "नहीं मैं ऐसा नहीं बोल रही हूं "।

तब यूवी बोलता है, "तूने घर में खाना नहीं खाया है"।

तब बंटी बोलता है, "कितना बेशर्म है, बताओ लड़की के आते ही पहले प्यार को भूल गया, तूने खाया था जो मैं खाता"।

तब गीतिका यूवी को देखने लगती है और बोलती है, "आपने खाना नहीं खाया "।

तब यूवी बोलता है, "हा....... नहीं खाया "।

तब गीतिका बोलती है, "क्यों ???????

तब यूवी बोलता है, "क्योंकि मुझे तुम्हारे हाथ से खाना है"।

तब गीतिका बंटी की तरफ देखने लगती है। तब यूवी बंटी को खाना देता है और उसे साइड में खाने को बोलता है।

उसके बाद यूवी अपने हाथों से गीतिका को खाना खिलाता है और गीतिका अपने हाथों से यूवी को खाना खिलाती हैं।

सुबह होती है......... 

यूवी अपने कमरे में सोया रहता है। तभी उसकी मां उसके कमरे में आती है और प्यार से उसके बालों को सहलाने लगती है। तभी यूवी उठ जाता है और अपनी मां को देखने लगता है और उसके बाद अपना सर अपनी मां के गोद में रख देता है।

तब यूवी की मां बोलती है, "कैसा लग रहा है ????

तब यूवी बोलता है, "आपकी गोद में हु तो आप समझ जाओ कि कैसा लग रहा है "।

तब यूवी की मां बोलती है, "सर में दर्द हो रहा है क्या ???

तब यूवी बोलता है, "नहीं......

तब उसकी मां बोलती है, "चलो उठो और नींबू पानी पी लो "।

तब यूवी प्यार से बोलता है, "मां थोड़ी देर अपनी गोद में सर रख कर सोने दो मुझे अच्छा लग रहा है "।

उधर गीतिका नाश्ता कर रही होती है। तभी वो अपनी बुआ जी से बोलती है, "बुआ जी मुझे आप से एक बात करनी थी "।

तब उसकी बुआ जी बोलती है, "हा करो बच्चा, क्या बात करनी है"।

तब गीतिका बोलती है, "वो मैं आगे पढ़ना चाहती हूं, अगर आप लोग इजाजत दे तो"।

तब उसकी बुआ जी बोलती है, "बेटा इजाजत की क्या बात है, अगर तुम पढ़ना चाहती हों तो पढ़ो, तुम्हे कोई भी नहीं रोकेगा "।

तब गीतिका बोलती है, "एक बार आप फूफा जी से पूछ लीजिएगा, कही उन्होंने मना कर दिया तो "।

ये सुनते ही गीतिका की बुआ जी हंसने लगती है और बोलती है, "उन्हें तुम्हारे पढ़ने से क्या क्या परेशानी होगी, तुम्हे इतने बुरे लगते हैं वो "।

तब गीतिका बोलती है, "भी नहीं मैं वो नहीं बोल रही हूं, मैं तो बस........

तब मीरा के बड़े भाई बोलते हैं, "तुम्हे कोई कुछ भी नहीं बोलेगा, तुम्हे जितना पढ़ना है पढ़ो"।

ये सुनते ही गीतिका खुश हो जाती है और बोलती है, "तो मैं मीरा के साथ जाऊ कॉलेज में एडमिशन के लिए "।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "नहीं बेटा तुम अकेली नहीं जाओगी तुम्हारे फूफा जी भी साथ जाएंगे, क्योंकि इस तरह दो लड़कियों को अकेला तो नहीं भेज सकते हैं ना "।

ये सुनते ही गीतिका के पैरों तले जमीन खिसक जाती है क्योंकि उसे तो यूवी से मिलना होता है और अगर फूफा जी गए तो वो यूवी से कैसे मिलेगी...........