Part 4
हर रोजकी तरह अमित पार्क पहुंचगया.. तब उन्होंने टी-शर्ट और शार्ट पेहना था। .. इस नए अवतार में अमित को देख के मेहरा ने खूब हसा। ..
मेहरा को देख रोनी ने जोर से भौंका। .. मेहरा धरगया.. अब अमितने जोर से हसा और कहा... " इसी तरह बिना सेक्युर्टी के आना मुझे पसंद है.. कई बार सोचा। . आज ममकिन हो पाया। . तुम तो जानते होना मुझे इस तरह सिंपल जीना बहुत पसंद है.."
बादमे दोनों दोस्त मिलकर वाकिंग शुरू किया.. सभी लोग अमित को देखतेही रहगया.. मेहरा ने अमित को पीनिकेलिए पानी दिया..
अमित :" तुम तो बिलकुल नहीं बदला। .... बचपन में जैसे हो वैसे की वैसे ही हो।"
मेहरा : "तुम मेरा छोड़ अपना सोचो। ... अपना सोचो "
अमित : अरे.. यार तुम फिर से शुरू होगया... बिनवजा बाथ को बतंगड़ बना रहेहो। . ...
तब मेहरा ने भी पाने पीना शुरू करदिया। . और अचानक खाँसनेलगा। . .. अमित ने मेहरा के सर पर प्यार से थप थपाया
मेहरा : अरे। .. तुम ये क्या बोल रहे हो.. तुम्हारा बोलनेका ढंग ही बदलगया। .
ओ दोनों हस्ते हुए एक बेंच पर बैट गया..
उसी वक्त उनके नजदीक एक बस आकर रुका था.. वह बस वृद्धाश्रम की था। अमित और महरा देखनेलगा.. बुजुर्ग लोग बसमे चढ़ने लगे... इतनेमे एक बूढ़ी
औरत को ड्राइवर ने रोकलिया.. और गालिया देनेलगा। ...
ड्राइवर : सुनो बुढ़िया। ... तेरा औलाद ने दो महीनो से पैसे नेही भेजा.. हमारा सब तुम इधरइच छोड़ने को बोला... अगर तुझे आनेका है तो अपना बेटे से पैसे भेजनेको बोल "
बस में बैठे हुए बुजुर्ग यह देखकर परेशान होगये..
.
बुढ़िया : "देखो बेटा। .. पता नहीं मेरा बेटा कौनसा मुसीबत में होगा... मुझे पैसे भेजने केलिए कितना मेहनत करता होगा.. एक बार मेरे बाथ उनसे कारवादो "
ड्राइवर नंबर दिल कर दिया... बुढ़िया ने दो तीन बार ट्राई किया। .. लेकिन बेटा फ़ोन नहीं उठाया.. ड्राइवर ने उस औरत के हाथ से फोन चीन लिया..
और गुस्से में बोला...
ड्राइवर: " अरे तेरा बेटा उनका बेटे के पढ़ाई केलिए लाखो रूपया खर्च कर रहा था.. और तुम केहरहेहो की पैसे है हे नहीं...तुम माँ बेटोँका पैसे हडपनेका इरादा थतो नहीं। .... "
Part 4 completed
Part 5
ओ बूढ़ी औरत रो
रहा था। .. तब अमित आकर ड्राइवर पर बहुत गुस्सा किया.. और कहा..
अमिताा:"उनका बेटा पैसा नेही दिया तो क्या हुआ। .. तुम मेरे कार्ड से पैसे लेलो.. "
अमित कौन है ऐ ड्राइवर जानथा नेही.... इसी लिए अमित से इस तरह बात किया। .. मानो चिढ़ गया
ड्राइवर :" ओ साब.. बीच में तेरा क्या... अगर इतना रेहम आया तो खुद दे दो... इन जैसे और भी लोग है यहाँ... उनका भी मसीहा बनो.. आज नहीं तो कल तुझे भी इधर आना पड़ेगा.."
तभी बस में बैठा हुआ एक बुजुर्ग अपने बेटे का गुस्सा निकालते हुए अमितसे कहा। ..
" हां साब हां... ऐ ड्राइवर ठीक ही तो बोल रहा.. आखिर एक दिन तुझे भी इधर आना पड़ेगा.. तब तुजे मई अपने पास बिताऊंगा..."
अमित यह सुनकर स्तब्ध रहगया..ओ सोच में पड़गया अजीबसा असमंजस में पड़गया.. ऐ सब बाते अमित के मन के गेहररयों में उतर गया..
उनकी मन में वही बाते घूमने लगा.. मेहरा ने उनको सम्हालने का कोशीस किया..
कुछ देर बाद अमित थोड़ा शांत हुआ... और अपना जेबसे फोन निकाला.. और ड्राइवर से आश्रम में रहने वालोंका ब्योरा पूछा..
ड्राइवर बड़ी बत्तमीज होकर बोला.. " चल हट। .. बड़ा आया "
तभी मेहरा से रेहा नहीं गया.. और गुस्से में आकर ड्राइवर को थप्पड़ मारा। .. और अपने जेबसे पैसे निकाला। ... उस बुढ़िया को दिया.. और सब को खाना खिलाने को कहा.. महरा इसके पहले किसी को पैसे नहीं दिया...
पैसे लेते वक्त बुढ़िया ने कहा.. " मेरे बेटे से बात होते ही आपको पैसे भिजवादूँगा। ... हमारा ड्राइवर बेटा कभी कबार गुस्सा करता है लेकिन आदमी है बहुत अच्छा। ... आप जब इधर आजाओगे तब मालूम होगा"
अब मेहरा चौक गया.. उसकी बेटे ने उसको छोड़ दिया.. ड्राइवर बेरेहम होकर गुस्सा किया.. फिर भी उनलोगोंपर उस औरत का भरोसा और प्यार देख कर
मेहरा अचंबित रेहगया.. इतने में बस निकलगया.. सभी लोग बस में से इनको बाई बोला। . ..
अमित और मेहरा हताश होकर बैट गया। ... और देखते ही रेहगया.. अमित ज्यादा भावुक होगया.. और उद्विघ्न होकर बोलै... " मेहरा हमारे सात ऐ सब क्या होरहा। ..
क्या हमारा उम्र हमें उंगली उठाकर दिखा रहा.. ' इ देखो यही तुम्हारा कल का कड़वा सच.." मेहरा कुछ नहीं बोलपाया।
बाद में ओ दोनों अपने अपने गाड़ियों में निकल गया.. उनको कुछ दूर जाते ही बच्चों का स्कूल बस नजर आया.. पेरेंट्स बैक पर आकर बच्चोंको छोड़ जारहाथा.. कुछ बुजुर्ग भी बच्चोंको छोड़ने आया.. इन दो तरह की उम्र की लोगन्का बच्चों के ऊपर के प्यार का फर्क अमित को महसूस हुआ.. एक तरफ बुजुर्ग लोबच्चोंको अच्छे से लाड प्यार भेज रहा। ... और कुछ पेरेंट्स.. ऑफिस जाने के चक्कर में अपने ही बच्चों को नाम के वास्ते प्यार देकर भेज रहा.. अमित को उन लोगोंके प्यार में सूखापन महसूस हुआ... इसी सोच में अमित घर निकल गया..
Part 5 compleated