Jindagi Chalti Rahti he - 5 in Hindi Drama by Bk swan and lotus translators books and stories PDF | ज़िंदगी चलती रहती है - 5

Featured Books
Categories
Share

ज़िंदगी चलती रहती है - 5

Part 6
अमित जब घर पहुंचा। .... तब घर पर हंगामा सा माहौल था। ... अमित के दोनों बेटे बिजी होकर बिज़नेस के बारे में बाथ कर रहे। .. बहु रनिया नास्ते तैयारी में बिजी। .. अमित के पत्नी नास्ता डाइनिंग पर सजा रहा.. ओ अमित को देख मुस्कुराया.. अमित अपने बच्चोंको ऐसे ही देखता रहा...
अमित की पत्नी: आप अपने बच्चोंको ऐसे क्यों देख रहे हो.. "
अमित : "कुछ खास नेही बस ऐसे ही। ..."
अमित : "आप फ्रेश होकर आजायिये... तब तक मई नास्ता परोसता हु। .. आप आकर खालीजिये"
अमित: "हा "
अमित: तैयार होकर नास्ते केलिए आगया... "
कारन (अमित का बड़ा बेटा ) " पापा आप की राह देखकर मई ऑफिस देरी से पहुँच पा रहा हू। ... और कोई भी काम वक्त पर पूरा नेही हो रहा है.. "
यह बाथ सुनकर सब लोग चौकगया। .. अमित अपना दूसरा बीटा को देखा। ... ओ सर झुका कर चुप चाप अपना नास्ता कर रहा था... महोल गर्म होता हुआ देख दोनों बहुये गभरगया.. अमित की पत्नी अमित की कंदेहे पर हात रखा। .. और गुस्सा न कर ने का इशारा किया... अमित अपने पत्नी को देखा
और गुस्से से कहा...
"ओहो इतने बड़े होगयेहो क्या.. मगर तब, मेरेसाथ आफिस आते वक्त। ... इतने में अमित को खासी आगया.. और पानी पीनेलगा..
उस माहौल को बदलते हुए बच्चे लोग उधर आगया.. अमित के गले लगाया.. और चुम्मा देकर स्कूल चला गया..
हलातोंको ठंडा हुआ देखकर पत्नी को सुकून महसूस हुआ...
अमित : कल से मई बच्चनो स्कूल छोडावुंगा..
ए सुनकर सब लोग चुप होगया.. उसी वक्त रोनी ने भौंका.. द्रोप्पिंग को लेकर थोडासा डिसकशन हुआ.. उसके बाद सब हां केहकर अपने अपने कामोंपर चला गया..
अमित : आज मै ऑफिस नहीं जाऊंगा। .. तेरे साथ वक्त बिताऊँग। ...
 बाद में ओ दोनों लें में बैट कर , कॉफ़ी पीते हुए... इसतरह बात किया..
" तुझे एक बात गौर किया क्या.. आज घर में सिर्फ हम दोनों ही बिना काम के रेहगये.." ऐसा केहकर अमित हसा। . ...
अमित के पत्नी वसुंधरा अमित के मनको जान लिया। .. और अमित की हाथोंको अपने हाथो में लेलिया... और प्यार से पूछ लिया..
" आज आपको क्या हुआ जी। .. अजीबसा बर्ताव कर रहे हो.. पहली बार बच्चों पर गुस्सा किया.. उनके बच्चोंको स्कूल पर छोडानेका बात छेड़ा..असल में क्या हुआ। . या सब नया नया क्या जी..
अमित : कुछ नहीं वसुंधरा.. वक्त के साथ कुछ रिस्तों को मिस कर दिया मैंने.. उनको पैसोंसे खरीद नहीं सकते। .. मै अपना सारा वक्त अपने देश ,बिज़नेस , को देकर इधर उधर भटकता रहा.. अब तक का जिंदगी ऐसे ही गुजर गया... सभी लोग कहते थे मै एक ऊंची मंजिल पाया.. लेकिन उनको कैसे समझावू। .. .
तुझे पानेकेलिए ही माय अपना हाथ तुझे दिया.. और मई व्यस्त होने के वजह से ... तुझे वक्त नहीं दे पाया.. अमित के आँखों में आँसू..
वसुंधरा : क्या हुवा जी.. ( ऐसा पूछ ते हुए अमित को अपना दिल को लगाया..)
                                                                    Part 6 compleated
                                     Part 7
अगले दिन वाकिंग पूरा करके अमित घर पहुंचगया.. उनका बड़ा बेटा सूट में तैयार था.. अमित को देख ते ही उनका पाव चूलिया.. बचेलोग आकर अमित का गले लगगया। .. अमितने उनको चॉक्लेट्स दिया.. स्कूल का बस आगया बच्चे स्कूल चलेगये...
अमित का छोटा बेटा रोशन: " पापा मै सब अरेंज करवाके आप को कॉल करूँगा.. तभी आप आजाना.. " ऐसा केहकर ऑफिस चलागया... सर्वेंट ने अमित हाथ से रोनिको लेलिया... अमित तैयार होकर ड्रेसिंग टेबल के पास आगया... अमित शुरुवाद का इस्तेमॉल अक्सर किया करते थे जैसे वाच,कोट, स्पेक्ट्स। .. उनसब को वह देखकर ओ बहुत खुश हुवा... और अपने मन में ही वसुंधरा {मिसेस अमित }को बार बार thanks केहता रहा... वसुंधरा पूजा पूरा करके अमित को आरती दिखाया.. अमित नमन किया.. वसुंधरा ने अमित के हाथ पकड़ कर डाइनिंग टेबल के पास लेगई। .. छोटी बहु टीवी ऑन की। ... t.v. में भी अमित की प्रॉपर्टी बटवारा। .. और मार्कीट पर उसका असर का चर्चा होरहा था... अमित नास्ता करलिया और हाथ धोलिया...
तभी रोहन ने फ़ोन किया... " पापा सब कुछ रेडी, आप आजाओ.. "
अमित : है.. बस मई निकल ही रहा हू.. ऐसा केहकर अपने गीली हातोंको वसुंधरा की पल्लू से पोंछलिया। .. और पूछा " कुछ केहना है क्या..."
वसुंधरा : कुछ नेही जी। ...
दोनों गाड़ी में ओफ्फ्स निकलगया... सिक्योरिटी भी साथ में था। ... तभी मीडिया कवरकरना शुरू किया... सभी देशों में बेस हुए भारतीय अमित का ही किस्से के बारे में सोच रहे थे। . और t.v. पर आने वाला न्यूज़ का इंतजार कर रहे थे। ... गाड़ी जब मुंबई के सेंसेक्स की रोड में से गुजर रहा। .. उधर का लोगों में सेंसेक्स के बारे में चर्चा चल रहा... anchors जनता पर सवालोंकी बारिश कर रहे...
अमित की गाड़ी जब बीच रोड से जरहा था {top view } ... अमित वसुंधरा के हाथ को अपना हाथ में लिया। .... उनकी झुर्रीदार त्वचा को देख
" मैंने तेरे बारेमे कभी सोचा ही नेहीं। .. " ऐसा केह कर उनकी हाथ को चूम लिया...
वसुंधरा :" आप ऐसा क्यों सोच रहे हो जी। .. अगर आप नहीं हो तो मै भी नेही...वैसे ही इस ड्रेस में आप बहुत हैंडसम लागृहे हो... आप जो कुछ भी करते हो सोच समझ कर करते हो। ... मैंने तो सिर्फ अपनी पत्नी होनेका फर्ज निभाया... लेकिन इस परिवार को आगे ले जाने केलिए। .. आपने कितने रात बिना सोया हुआ गुजरा था..
अमित : ( आँखों में प्यार भरा आसूवों से ) तुझे पत्नी के रूप में पाना... ये मेरा खुश किस्मत की बात .... ऐसा कहते हुए अमित वसुंधरा के कंधे पर अपना सर रख दिया... वसुंधरा अमित की माथे को चूम लिया..
                                                                    Part 7 compleated