Do Dilo ka Milan - 5 in Hindi Love Stories by Lokesh Dangi books and stories PDF | दो दिलों का मिलन - भाग 5

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दो दिलों का मिलन - भाग 5



मुस्कान और लोकेश का रिश्ता दिन-ब-दिन मजबूत होता जा रहा था। बाग में उनकी मुलाकातों का सिलसिला अब कम नहीं हुआ था, बल्कि और भी ज्यादा गहरा हो गया था। जहां एक ओर मुस्कान अपनी पारिवारिक परेशानियों से जूझ रही थी, वहीं लोकेश उसे हर कदम पर सहारा दे रहा था। उनके बीच की समझ और समर्थन अब एक स्थायी बनावट का रूप ले चुका था, और दोनों एक-दूसरे को अपने जीवन का अहम हिस्सा मानने लगे थे।

लेकिन मुस्कान के परिवार में चीजें अभी भी आसान नहीं थीं। उसके माता-पिता की स्थिति को ठीक करने के लिए मुस्कान ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ छोटे-मोटे काम करना शुरू कर दिया था। वह रात-रात भर काम करती और दिन में कॉलेज जाती, ताकि वह परिवार की मदद कर सके। यह सब उसके लिए आसान नहीं था, लेकिन वह जानती थी कि यह कदम उठाना जरूरी था।

लोकेश ने जब मुस्कान से इसके बारे में सुना, तो उसने एक फैसला लिया। उसने मुस्कान से कहा, "मुस्कान, तुम खुद को इतना तनाव में मत डालो। तुम्हारे पास बहुत सी ताकत है, और तुम अपनी मुश्किलों से बाहर निकलने के लिए सक्षम हो, लेकिन अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूँ।"

मुस्कान ने उसे नजरों से देखा और हल्की सी मुस्कान के साथ कहा, "लोकेश, तुमने हमेशा मेरी मदद की है, लेकिन अब मुझे अपनी जिंदगी के रास्ते खुद तय करने हैं। यह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।"

लोकेश ने मुस्कान की बातों को ध्यान से सुना और फिर कहा, "मैं समझता हूँ, मुस्कान। और मैं तुम्हारे इस फैसले का सम्मान करता हूँ। लेकिन तुम्हें यह याद रखना चाहिए कि जब भी तुम्हें मेरी जरूरत हो, मैं हमेशा तुम्हारे पास हूँ।"

मुस्कान ने सिर झुकाया और कहा, "तुमसे बात करने से मुझे हमेशा आराम मिलता है, लोकेश।"

समय बीतते गया, और मुस्कान का परिवार धीरे-धीरे अपने पैरों पर खड़ा होने लगा। उसने बहुत मेहनत की थी, लेकिन अब उसे अपने प्रयासों का फल मिल रहा था। एक दिन, मुस्कान ने लोकेश को फोन किया और कहा, "लोकेश, मुझे तुमसे एक महत्वपूर्ण बात करनी है।"

लोकेश ने फोन उठाया और पूछा, "क्या हुआ, मुस्कान? सब ठीक है?"

"सब ठीक है, लोकेश," मुस्कान ने खुशी से कहा, "मेरे परिवार की स्थिति अब पहले से बहुत बेहतर हो गई है। हम धीरे-धीरे अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं। और यह सब तुम्हारे समर्थन की वजह से संभव हो पाया है।"

लोकेश की आँखों में हल्की सी चमक आई। "यह सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई, मुस्कान। तुमने बहुत मेहनत की है, और तुमने जो कुछ भी किया है, वो बहुत सराहनीय है।"

मुस्कान ने कहा, "तुमसे बात करने से मुझे हमेशा ऊर्जा मिलती है। और तुमने हमेशा मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।"

लोकेश ने हल्के से मुस्कराते हुए कहा, "तुम अपने आप में इतनी मजबूत हो, मुस्कान, और मैं जानता हूँ कि तुम जो भी कदम उठाती हो, वो सही होता है।"

मुस्कान ने शांति से कहा, "तुम्हारे शब्द मेरे लिए बहुत मायने रखते हैं, लोकेश। मुझे लगता है कि मैं अब तैयार हूं। तैयार हूं आगे बढ़ने के लिए, और अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करने के लिए।"

लोकेश ने फोन पर मुस्कान से बातचीत की और उसकी ताकत की सराहना की। फिर, मुस्कान ने कहा, "लोकेश, मुझे तुम्हारे साथ और भी कुछ समय बिताना है। मुझे लगता है कि अब मैं कुछ और चुनौतियों का सामना कर सकती हूँ, और इस बार, मैं तुम्हारे साथ इसे पूरा करना चाहती हूँ।"

लोकेश ने मुस्कान की बातों का आदर करते हुए कहा, "मुझे भी ऐसा ही लगता है, मुस्कान। हम दोनों ने इस रिश्ते में बहुत कुछ सीखा है। अब हमें आगे बढ़ने के लिए नए रास्ते चुनने होंगे।"

यहां से कहानी में एक नया मोड़ आ सकता था। दोनों के बीच कुछ नए कठिनाइयाँ आ सकती हैं या फिर मुस्कान का परिवार अब स्थिर हो सकता है, लेकिन क्या होता है जब दोनों को एक-दूसरे से और भी कुछ ज्यादा अपेक्षाएँ होने लगती हैं? लोकेश के परिवार के साथ कुछ समस्याएं आ सकती हैं, या फिर मुस्कान को एक नया अवसर मिल सकता है, जो उसे लोकेश से दूर कर दे।