Do Dilo ka Milan - 11 in Hindi Love Stories by Lokesh Dangi books and stories PDF | दो दिलों का मिलन - भाग 11

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दो दिलों का मिलन - भाग 11



सुनामी जैसा प्यार

लोकेश और मुस्कान बाहर निकले और वे दोनों अपनी कार की ओर बढ़ने लगे। हरे-भरे रास्ते पर चाँदनी रात की हवा उनके चेहरे से टकरा रही थी, जैसे कोई नई शुरुआत हो रही हो। लोकेश ने मुस्कान का हाथ पकड़ा और उसे अपनी तरफ खींच लिया। "हम दोनों हमेशा साथ रहेंगे, मुस्कान। चाहे जो हो, मैं तुमसे कभी दूर नहीं जाऊँगा।"

मुस्कान ने हल्के से मुस्कुराते हुए उसकी आँखों में देखा। उसकी आँखों में प्यार और विश्वास था, जो दिल को छूने वाला था। "लोकेश, तुम्हारे साथ होने से मुझे किसी भी मुश्किल का डर नहीं है। मुझे यकीन है कि हम हर चुनौती का सामना कर सकते हैं।"

लोकेश की धड़कन तेज़ हो गई। "तुम्हारा प्यार ही मेरे लिए सबसे बड़ी ताकत है, मुस्कान। मैं तुम्हारे बिना कुछ नहीं हूँ।"

मुस्कान की आँखों में हल्के आंसू थे, लेकिन उन आंसुओं में एक ख़ुशी और सुरक्षा का अहसास था। वह जानती थी कि वह कभी अकेली नहीं होगी, क्योंकि लोकेश अब उसकी जिंदगी का हिस्सा बन चुका था।

"हमेशा साथ रहेंगे, लोकेश," मुस्कान ने धीरे से कहा। "तुम और मैं, जैसे दो आत्माएँ एक ही यात्रा पर हों।"

एक रहस्यमयी संदेश

मुस्कान और लोकेश की बातें अब रोमांटिक और भावनाओं से भरी हो रही थीं, लेकिन तभी लोकेश के फोन पर एक और अनजान कॉल आई। लोकेश ने बिना किसी सोच-विचार के कॉल उठा लिया।

"लोकेश, मुस्कान को छोड़ दो!" एक कड़क आवाज़ ने उसे चौंका दिया।

"कौन बोल रहा है?" लोकेश ने गुस्से से पूछा।

"तुम नहीं समझोगे," वह आवाज़ बोली, "मुस्कान को तुम्हारे साथ रहना खतरनाक हो सकता है। वो जो सचाई है, वह तुम्हें कभी पता नहीं चलेगी।"

फोन अचानक कट गया, और लोकेश का दिल धड़कने लगा। यह वही रहस्यमयी आदमी था जो उसे पहले भी धमकी दे चुका था। अब यह साफ था कि यह कोई सामान्य मामला नहीं था, बल्कि मुस्कान और लोकेश के लिए किसी बड़े खतरे का इशारा था।

"क्या था यह?" मुस्कान ने चिंतित होकर पूछा।

"कुछ नहीं," लोकेश ने उसे यथासंभव शांति देने की कोशिश की, "यह सिर्फ़ एक और धमकी थी। हम इसे नजरअंदाज करेंगे।"

लेकिन मुस्कान को महसूस हो रहा था कि अब यह मामला और भी गहरा हो चुका था।

रात का सफर

लोकेश और मुस्कान कार में बैठे थे, और दोनों की आँखों में सवाल थे। लेकिन वे जानते थे कि यह समय डरने का नहीं, बल्कि साथ मिलकर हर चुनौती का सामना करने का था। रात का सफर धीरे-धीरे खत्म हो रहा था, और वे दोनों एक-दूसरे के साथ अपने जीवन की नई शुरुआत की ओर बढ़ रहे थे।

"लोकेश," मुस्कान ने अचानक कहा, "तुमसे एक बात कहनी है।"

"क्या?" लोकेश ने उसकी ओर देखा, उसकी आँखों में सवाल था।

"मैं... मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।" मुस्कान ने अपने दिल की बात बिना किसी डर के कह दी।

लोकेश की आँखों में प्यार की चमक और आभार था। उसने मुस्कान का हाथ अपनी ज़ोर से पकड़ा और कहा, "मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, मुस्कान। और जब तक हम साथ हैं, हमें कोई भी ताकत हमें अलग नहीं कर सकती।"

दोनों की आँखों में एक नया विश्वास था। उनका प्यार अब मजबूत और स्थिर हो चुका था। वे एक दूसरे के लिए बने थे।

एक नया दिन

अगली सुबह, लोकेश और मुस्कान ने फैसला किया कि वे इस रहस्यमयी मामले को सुलझाने के लिए मिलकर काम करेंगे। लेकिन सबसे पहले, वे एक दूसरे के साथ अपने प्यार को और भी मजबूत करना चाहते थे।

वे दोनों एक छोटे से कैफे में बैठकर चाय पी रहे थे, और लोकेश मुस्कान से कह रहा था, "मुस्कान, हमारी जिंदगी में बहुत सारी मुश्किलें आएंगी, लेकिन हम कभी हार नहीं मानेंगे। हम हमेशा एक दूसरे का साथ देंगे।"

मुस्कान ने उसकी आँखों में गहरी सच्चाई देखी। "हमारे पास एक दूसरे का प्यार है, और इससे बड़ी कोई ताकत नहीं हो सकती।"

लोकेश मुस्कान की आँखों में डूबते हुए मुस्कुराया। "तुम सही कहती हो।"

आगे की राह

अब, दोनों की जिंदगी एक नई राह पर थी। उन दोनों के दिलों में सिर्फ़ एक बात थी—एक दूसरे का प्यार। लेकिन इस बीच, वह रहस्यमयी शख्स और उसकी धमकियाँ अभी भी उनके सिर पर मंडरा रही थीं। वे जानते थे कि उन्हें एक बड़े खतरे का सामना करना होगा, लेकिन उनके बीच का प्यार और विश्वास उन्हें किसी भी कठिनाई से उबार सकता था।

आगे क्या होगा?

1. क्या लोकेश और मुस्कान उस रहस्यमयी शख्स का सामना करेंगे?


2. क्या उनका प्यार हर चुनौती का सामना कर पाएगा?


3. क्या यह रहस्य सुलझेगा, या यह और भी बड़ा हो जाएग