सुबह का वक्त रायचंद हाऊस
यशवर्धन जी अपनी खूबसूरत से लर्न में पड़े बड़े से सोफे में बैठकर सुबह का धूप ले रहे थे। सामने रखे हुए चाय की प्याली ऑलमोस्ट खत्म हो चुकी थी जो एक सिप बचा था उन्होंने कप उठा कर होठों तक लिया ही था कि उनके मोबाइल जो वही चाय के कप के पास ही रखी हुई थी बजने लगी उन्होंने चाय का कप नीचे रखा और फोन पिक करते हुए अपने अकड़ ते अंदाज में ही बोले ,
"हेलो"
दूसरे साइड से एक सख्श परेशान लहजे में "सर आपने आज का न्यूज़ दिखा?"
यशवर्धन आंखें छोटी करते हुए "क्यों सुबह-सुबह न्यूज़ में ऐसा क्या दिखाया जा रहा है जो हमे देखना जरूरी है?
"एक फुटेज भेज रहा हूं देख लीजिए सर।"
दूसरी तरफ से सख्श ने कहा और फोन कट कर दिया।
फोन कट होते ही यशवर्धन जी सेंड हुए वीडियो को देखने लगे और देखते ही उनका चेहरे के भाव डार्क होने लगा।
गुस्से से गरज कर वो अनिरुद्ध जी और समर को पुकारते हुए घर के अंदर जाने लगे।
घर के अंदर जहां अनिरुद्ध जी और समर ऑफिस के लिए रेडी होकर ब्रेकफास्ट कर रहे थे वही अभय बस तैयार होकर सीडीओ से नीचे उतर रहा था।
यशवर्धन जी की आवाज सुन सब उनके तरफ देखने लगे।
यशवर्धन जी गुस्से से आकर hall के दीवार पर टंगी एलईडी ऑन कर न्यूज़ चैनल चला दिए । सारे न्यूज़ चैनल में एक ही न्यूज़ थी सिद्धार्थ की वो मॉल वाली फुटेज और मीडिया और रिपोर्टर्स के मिर्च मसाले वाली बातें। गुस्से से वो टीवी बंद कर रिमोट नीचे फर्श पर फेंक देते हैं और रिमोट के टुकड़े पूरे फर्श पर बिखर जाते हैं।
वहीं दूसरे और अग्निहोत्री इंडस्ट्रीज में
विराट अपने केबिन में चेयर पर लीन होकर बैठा हुआ किसी से फोन पर बात कर रहा था। इस वक्त उसके चेहरे पर एविल स्माइल थी और आंखें बंद थी फोन उसके सामने की टेबल पर रखा हुआ था और वो ब्लूटूथ पर बात कर रहा था। फोन के दूसरे तरफ से सख्श की बात सुनते हुए ही अपने चेयर को लेफ्ट राइट घुमा ते हुए वो सर्द आवाज में बोला
"कमजोर बेजुबान इंसानों को या फ़िर चीज़ों को तोड़ने की पुरानी आदत अभी तक गई नहीं है तुम्हारी यशवर्धन ।आज तेरे हाथों से तेरे घर की चीज तोड़ रहा हूं कल तेरे गुरुर के हाथों से ही तेरा गुरुर तोडूंगा।"
कहकर वो ब्लूटूथ ऑफ कर अपने मोबाइल उठाकर कुछ टाइप करके किसी को सेंड कर गहरी सांस लेते हुए बोला
"चलिए प्रिंसेस बगावतें इश्क आज से ही सुरु करते हैं।"
कहकर वो अपने फोन टेबल पर रखकर बेहद रिलैक्स के साथ चेयर पर लीन हो जाता है।
रायचंद हाऊस
टीवी का रिमोट टूट कर जमीन पर बिखरे हुए थे और सब भाग कर हॉल में आ चुके थे। तपस्या और तनु भी अभय के पीछे ही सीढ़ियों के पास खड़े हुए थे।
फुटेज में तपस्या को देखकर यशवर्धन जी गुस्से से बोले
"खुद की बेवकूफी की वजह से ओबेरॉय के साथ-साथ रायचंद की भी रेपुटेशन दावों पर लगा दिया ।रोड साइड लोफरों की तरह मॉल के एक मामूली मुलाजिम के साथ उलझने लगे।"
गरज कर वो सीडीओ में खड़े तपस्या की तरह देखने लगे।
अनिरुद्ध जी तपस्या को देख "प्रिंसेस ये कल की बात है क्या !!जब आप दोनों शॉपिंग के लिए गए थे?"
तपस्या" hmmm"में सिर हिलती है और सबको पूरी बात बताती है।
अनिरुद्ध जी माथा रगड़ते हुए "एक ड्रेस को लेकर हाथापाई वो भी ऑब्रॉयस का बेटा मीडिया तो धज्जियां उड़ा देगा उनकी भी और साथ-साथ हमारी भी।"
बोल ते हुए परेशान होकर यशवर्धन जी को देखने लगे जहां यशवर्धन जी भी हॉल में इधर-उधर होते हुए कुछ सोच रहे थे।
और वही समर बिना किसी भाव मोबाइल पर कुछ मैसेज कर रहे थे। चित्रा जी और सरगम खामोश खड़े बस सब कुछ देखते ही रहे । जब घर की ही बात में कुछ बोल नहीं सकते थे तो बाहर की बातों में क्या ही बोल पाते।
अभय सबके ऊपर एक नजर डालकर तिरछी मुस्कुराहट लिए धीमी आवाज में "जैसे खुद हैं दामाद भी बिल्कुल वैसे ही ढूंढा है हिटलर ने,डिस्गस्टिंग।"
कहते हुए वो तपस्या के और एक सवालिया नजर डालता है जैसे पूछ रहा हो आपकी भी यही चॉइस है?
तपस्या नजर झुका लेती है अभय सिर हिलाते हुए उसे एक हॉपलेस नजर से देखता है और वहां से जाने लगा।
तभी बाहर से गार्ड आकर परेशान भाव से "सर वो बाहर मीडिया के भीड़ है । तपस्या मैडम से बात करना चाहते हैं वो लोग।"
"बाहर निकालो उन लोगों को।"अनिरुद्ध जी ने गुस्से से गार्ड के तरफ देखते हुए कहा।
अभय उन्हें रोक ते हुए"No dad Just wait"
अभय गार्ड के तरफ़ देखते हुए कहा।
"उन्हे इज्जत से लर्न में बिठाओ। और बोला तपस्या मैडम आ रहे हैं।"
अभय की बात सुनकर गार्ड" जी सर "बोलते हुए वहां से चला गया।
गार्ड के जाने के बाद अभय तपस्या के ओर देखकर कुछ बोल ही रहा था के यशवर्धन जी उसे टोक ते हुए बोले,
"बिलकुल प्रिंसेस ,अभय सही बोल रहे हैं। आप के एक बार स्टेटमेंट देने से सब सही हो जाएगा।"
तपस्या उनके तरफ सवालिया नजर डाल देख कर"लेकिन हमारे कुछ बोलने
"पहले हमारी पूरी बात सुने प्रिंसेस?" यशवर्धन जी ने उसे टोक कर कहा और अपनी बात कंटीन्यू रखते हुए बोले
"आप अभी जाएं और मीडिया को ये स्टेटमेंट दें के उसे दो कौड़ी के मैनेजर ने आप के साथ बत्तमीजी करने की कोशिश की थी और इसी लिए सिद्धार्थ ने उस पर हाथ उठाया था।"
अभय और तपस्या दोनों ही उनके तरफ देखने लगे लेकिन अभय को कोई हैरानी नहीं थी। उसने एक तंज भरी हंसी के साथ यशवर्धन को देखा और तपस्या को देख बोला
"हम बाहर आप का इंतजार कर रहे है छोटी , क्या बोलना है दादू से रट लो तो बाहर आ जाना।"। बोलकर वो बाहर के तरफ चला गया।
तपस्या यशवर्धन जी को देख कर "लेकिन दादू उस मैनेजर की कोई गलती थी ही नहीं।"
यशवर्धन सर्द आवाज में "फर्क नहीं पड़ता है प्रिंसेस आप को अपने होने वाले हस्बैंड का साथ देना है ना के किसी भी राह चलते का।"
कहकर वो वहां से अपने स्टडी रूम के ओर चले गए।
और तपस्या फिर से अपने दिल और अपने दादू के बीच उलझ ही रही थी के उसके मोबाइल जो उसने अपनी हाथ में ही पकड़ रखी थी मैसेज बीप के साउंड से on कर देख ती है।
"ये इश्क नहीं आसान, एक आग का दरिया है और डूब के जाना है।" विराट का ये मैसेज पढ़ते ही तपस्या के होठों पर मुस्कान के साथ साथ चेहरे पर चिढ़ के भाव भी थे।
वो गुस्से से कुछ बोल ही रही थी के एक और मैसेज बीप उसके कानों में गूंजी।
उसने झट से ओपन किया
"रस्में मोहोब्बत की आगाज हो गई है गर्लफ्रेंड जी।"
पढ़ते ही तपस्या के होठों की मुस्कान खिलखिलाती हाशी में बदल गई थी।
उसे यूं खुद से ही हंस ते हुए देख तनु जो वहीं पर ही खड़ी थी आंखे छोटी कर उसे देख ते हुए बोली
"दी लगता है के सिद्धार्थ जीजू के प्यार का असर आप पर कुछ ज्यादा ही चढ़ गया है के उनके इस हरकत पर भी आप को इतनी खुशी महसूस हो रही है।"
तपस्या ने उसके बात पर कोई गौर नही किया।
वो वापस से अपने कमर पर दोनों हाथ रख बोली
"दी जीजू ने कोई जंग नहीं जीता बल्के एक बेचारे निर्दोष इंसान के साथ बत्तमीजी की है।"
तपस्या किसीको call लगाते हुए तनु के तरफ देख ती है और उसके गालों को पिंच करते हुए बेखयाली में ही बोली
"प्यार में सब कुछ कितना खुशनुमा सा फील होता है ना। इंसान खुद में रह ता ही नहीं।i जस्ट लव दिस फीलिंग।"
वो और भी फीलिंग जाहिर करती दूसरे तरफ के हेलो शब्द से उसकी दिल की धड़कने फिर से थम गई थीं ।
उसने बस तनु पर एक नजर डाला फिर वहां से भाग गई।
तनु उसे शॉकिग नज़रों से बस देखती रह गई।
दूसरी तरफ तपस्या फोन हाथों में पकड़े भाग कर बाहर के तरफ अति है और बाहर दरवाजे पर टिक कर खड़ी होकर फूलती सासों को समेट कर
"Hello"
विराट जो अपने केबिन में रिलैक्स मोड पर बैठा हुआ था उसके आवाज से ओर रिलैक्स होते हुए इनटेंस voice में
अर्ज किया है ....."मेरे इश्क का रंग ओढ़ कर तू खुशनुमा हैमें ही में तुझ में हूं तू कहां है।"
कुछ विराट की आवाज और कुछ सायरी के लफ्ज़ तपस्या बहक ते हुए फोन अपने बढ़ती धड़कनों के करीब थाम कर अपनी आंखे बंद कर लेती है।
विराट फोन पर उसकी धड़कनों की आवाज साफ सुन कर"अपने बहके धड़कनों की आवाज यूं सुना कर मुझे भी आप बहका रही हैं प्रिंसेस।"
विराट ने आवाज कुछ तेज करके कहा के तपस्या के कानों तक गूंजी। तपस्या के कानों में विराट की बात पड़ते ही वो झट से अपना फोन अपने सीने से हटा कर कानों के पास रख कर इतराते हुए
" बस रात का इंतजार करिए बॉयफ्रेंड जी जिस इश्क के दरिया में आप मुझे डुबो ने पर तुले हुए है , बस एक बार हमे उसमे से डुबकी मार कर आने दीजिए, उसी आग के लपटों में आप को भी न जलाया तो हम भी
"Would be mrs virat tapsya agnihotri नहीं।"
तपस्या के बातों को आधे में ही काट कर विराट ने कहा। और फोन कट कर दिया।
तपस्या एक नजर फोन को देख वापस से विराट के कहे गए लफ्जों को याद कर खुशी से चीख पड़ी और उसकी चीख सुनकर अभय जो थोड़े ही दूर खड़ा उसी का ही वैट कर रहा था भाग कर उसके पास आया और घबरा कर "क्या हुआ छोटी?"
तपस्या होश में आकर खुद को संभाल कर अपनी खुशी छिपाते हुए "कुछ नही कुछ भी तो नहीं भाई में तो बस मीडिया से बात करने आ ही रही थी।"
अभय उसकी बात सुनकर आंखे छोटी कर बोला
"आप के होने वाले हस्बैंड बॉर्डर पर जंग जीत कर नहीं आए हैं बल्के बहत ही बेहूदा हरकत करके आए हैं तो मीडिया से उनके गुणगान के लेकर इतनी एक्साइटमेंट?"
तपस्या उसे गले लगाकर बोली "तनु ने भी यही कहा भाई , लेकिन आप दोनों को ऐसा क्यों लगता है के हमारे चेहरे की ये खुशी सिद्धार्थ के वजह से ही है?"
कहकर वो अभय का हाथ पकड़ कर आगे बढ़ जाती है।
अभय उसके चेहरे के भाव और रौनक देखकर मुस्कुराते हुए "हमे ऐसा क्यों लग रहा है के 7 दिन के बाद इस घर में शादी की बैंड नहीं बल्के हिटलर के गुरुर की बैंड बजने वाली है?"
तपस्या उसकी बात सुनकर मुंह बनाकर बोली "आप क्यों यूं अपशगुन बातें करते है भाई , 7 दिन बाद शादी तो होगी हमारी लेकिन दूल्हा
बोलकर वो रुक गई और अभय उसे रुकता देख शॉकिंग अंदाज में "दूल्हा बदल गया? कब ओर कौन? क्या हिटलर ने एक ही पल में अपना फैसला बदल दिया? वो इतने अच्छे केसे हो गए?"
अभय बिल्कुल बेसब्र बच्चे की तरह सवाल पूछने लगा।
तपस्या उसे रोक कर "रुकिए भाई थोड़ा सांस लीजिए, दादू ने कुछ नही कहा ये हमारा फैसला है के हम सिद्धार्थ से शादी नहीं करेंगे।"
अभय इसे सवालिया नजर से देख कार"तो किस से करेंगी?"
तपस्या वापस से उसके बाहों में जाकर उसके सीने पर सिर रख प्यार से बोली "अभी मत पूछिए भाई प्लीज। हम खुद बहत परेशान हैं। अपने फीलिंग को लेकर। बस किसी के साथ शेयर करना चाहते थे और आप से बेहतर कौन हो सकता था।"
अभय उसके माथे को चूम कर "हमारे लिए इतना ही काफी है के आप अपनी दिल की सुन रहे हैं बाकी हम आप केलिए हमेशा हैं प्रिंसेस जब भी मन करे बता देना आप के दुल्हे का नाम।"बोलकर वो मुस्कुरा कर तपस्या को देखने लगा जो शरमा कर नजर चुरा रही थी। उसने तपस्या को अपने सामने खड़ा किया और अपनी हाथों से उसका चेहरा थाम कर गहराई के साथ बोला
"चाहे कुछ भी हो कितनी भी मुस्किल आए अपने प्यार का साथ कभी मत छोड़ ना प्रिंसेस।"
बोलते हुए ही वो किसी के यादों में गुम हो चुका था।
रात का वक्तअग्निहोत्री हाउस
विराट परी के रूम में बैठा उसका माथा सहलाते हुए उसके जागने का वैट कर रहा था। परी हल्का सा कुनमुनाते हुए अपनी आंखे खोलती है और सामने विराट को देख कर एक दम से मुस्कुरा देती है। विराट मुस्कुराते हुए उसके माथे को चूम कार "कैसा लग रहा है दी?"
परी रोती हुऐ आवाज में किसी बच्ची की तरह"सिर में बहत दर्द है मुझे थोड़ा बाहर लेकर चलो ना बीर?"
वो उठने की कोशिश करती है और विराट उसे थाम कर ठीक से बिठाकर उसे अपनी बाहों में भर लेता है और समझा कर बोला "बस थोड़े दिन और दी। इतना इंतजार किया है तो थोड़ा ओर?"
परी गले में हाथ रख कर "आई प्रोमिस किसीको कोई हार्म नहीं करूंगी।"
विराट चिढ़ ते हुए "मुझे किसी से कोई मतलब नहीं है आप खुद को हार्म करती है।" परी मुंह फूला देती है।
विराट उसे अच्छी तरह से अपने बाहों के घेरे में भर कर
"आप फिलहाल अपना सुकून अपने छोटे भाई के बाहों में ढूंढ लीजिए एक बार dr प्रिया परमिशन दे देंगी तो आप को पूरी दुनिया घुमाऊंगा।"
उसकी बात सुनकर परी फुसफुसाकर कुछ बोल रही थी इतने धीरे से के विराट को सुनाई भी न दे। विराट उसके होठों के करीब अपने कान लेकर उसकी फुसफुसाहट सुनने की कोशिश करने लगा।
"जानवी बिल्कुल सही बोल रही थी। तू बदल गया है। उस तपस्या के आने से तू मुझे भूल गया है।"
विराट की आंखे लाल हो गई एक गहरी सांस लेकर उसने अपनी आंखे बंद कर ली और परी के चेहरे को अपने हथेली में थामकर सर्द आवाज में बोला
"क्या आप को सच में लगता है दी के में किसी केलिए भी आप को भूल दूंगा?"
परी ने मासूमियत से उसकी आंखो में देखा जो हल्की नम थी। ओर वो सिर ना में हिला कर मुस्कुरा दी।
विराट उसके माथे को चूम कर "आप आराम करो दी , आई प्रोमिस में आप को जल्दी बाहर घुमाने ले जाऊंगा।"
बोलकर उसने नर्स को इशारा किया और वहां से तेज कदमों से बाहर निकलते हुए जानवी को call लगाने लगा।
क्या करेगा अब विराट जानवी के साथ?
जानने केलिए आगे पढ़ते रहें।❤️❤️❤️