Tera hone laga hu - 17 in Hindi Love Stories by Sony books and stories PDF | तेरा...होने लगा हूं - 17

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तेरा...होने लगा हूं - 17

वेदिका काया की तरफ एक कार्ड बढा कर इनडायरेक्टली उसके साथ हाथ मिलाने की बात करती है। काया कुछ पल कार्ड को देखती हैं जिसमें वेदिका का पर्सनल कांटेक्ट नंबर और उसका घर का एड्रेस था। और कुछ सोच कर वो कार्ड उसके हाथ से ले लेती है । मोक्ष जो दूर खड़ा लिफ्ट के आने का वेट कर रहा था वेदिका के हाथों से काया को कार्ड लेते हुए देख अपने डार्क नजरों से काया को देखने लगा और दांत पीसते हुए बोला....."ब्लडी वूमेन। फितरत नहीं बदल सकती।"कहकर वो लिफ्ट के अंदर चला गया ।

काया अपने बाबा किशोर जी और मां ममता जी के पास आ जाती है जहां मुस्कान भी उनके साथ थी। वो अपने बाबा को देख कुछ बोल ही रही थी कि वेटर आकर एक स्नेक्स और जूस का ट्रे उनके तरफ बढ़ा कर  बोला....."ये आप लोगों के लिए और ऊपर सेकंड फ्लोर पर रूम नंबर 364  आप लोगों के रेस्ट के लिए रेडी कर दिया गया है।"....

वेटर की बात सुनकर किशोर जी काया को देखकर असमंजस में बोले....."लेकिन बेटा  हम भी तो अभी निकल रहे हैं ना ?"

काया वेटर को सवालिया नजरों से देखने लगी तो वेटर उनके तरफ रूम कार्ड बढ़ाते हुए बोला....."मोक्ष सर ने कहा है कि sir और madam शादी के फंक्शंस के वजह से थक गए होंगे तो आज ट्रैवल नहीं करेंगे ।कल की फ्लाइट टिकट बुक करदी है हमने। कल ब्रेकफास्ट के बाद गाड़ी उन्हें एयरपोर्ट पर छोड़ देगी।".....बोलकर बेटर वहां से चला गया।

ममता जी मोक्ष की  खातिरदारी से एकदम से इंप्रेस होकर किशोर जी की तरफ देख बोले...."देखा जी आपने मैं ना कहती थी पहली नजर में ही पहचान लिया था मैंने दामाद जी को कोहिनूर है एकदम से। मेरी नजर धोखा नहीं खा सकती। दामाद के रूप में हमें बेटा मिल गया है।"....कह कर वो काया को प्यार से देख नम आंखों से बोले....."दुखी तो हूं के यूं अचानक से तुझे खुद से दूर करना पड़ रहा है लेकिन उससे ज्यादा खुश भी हूं कि

वो बस इतना ही बोली थी कि किशोर जी उन्हे टोक ते हुए बोले...."अरे अकेले ही बिटिया से सारी बातें कर लेंगे या थोड़ा वक्त मुझे भी तो अपनी बिटिया के साथ गुजारने दीजिए "

उनकी बात सुनकर मुस्कान जो इधर-उधर  रिसॉर्ट की खूबसूरती देखने में बिजी थी एकदम से बोल पड़ी....."आप लोग बात कर लीजिए मैं तो दी के घर जाऊंगी उनके पास थोड़े दिन रहने के लिए।"

सुनकर काया उसे कुछ डर और घबराहट के साथ देखने लगी ।और कुछ बोलती उससे पहले ही किशोर जी बोले।   ."नहीं बिल्कुल नहीं नया-नया ससुराल है बिटिया का थोड़े दिन जाने दो।"

किशोर जी की बात सुनकर  मुस्कान इतराकर बोली ...."स्पेशल इनविटेशन है मुझे।"

उसकी बात सुनकर तीनों ममता जी काया और किशोर जी एक ही साथ बोल पड़े।  ......."किसने दिया स्पेशल इनविटेशन तुझे ?"

तीनों को एक साथ बोलता देख मुस्कान कमर पर हाथ रखकर......"जीजू ने"....बोलकर वो मुंह बना देती है।


दूसरे और मुंबई में

शेखावत हाउस मोक्ष का घर

नई नवेली दुल्हन की स्वागत में जगमगाती रोशनी और फूलों से सजी हुई सिखावत हाउस खुद एक दुल्हन जैसी लग रही थी ।चारों ओर सजावट और लर्न में  दूल्हा दुल्हन के इंतजार में चहल पहल करते लोग को देखकर साफ जाहिर हो रहा था कि ये शादी मशहूर बिजनेस टाइकून और यूथ आइकॉन मोक्ष शेखावत की है हो रही है और सम्राट ने किसी भी किस्म की कोई कमी नहीं छोड़ी थी इस शादी को एक रियल लव मैरिज दिखाने की।

बंगलो की बाहर दो-तीन गाड़ियां आकर रूकती है जिसमें से पहले दो गाड़ियों में से बॉडीगार्ड निल कर  डोर खोलते हैं और अंदर से मोक्ष की दादी उसके डैड प्रताप शेखावत और स्टेप मॉम वरुणीका शेखावत और उनके ही पीछे-पीछे  उसके स्टेप ब्रदर और सिस्टर शक्ति और रुही शेखावत बाहर निकलती है।रूही बाहर निकलते ही भाग कर सम्राट को गले लगा कर बोली....."भाई ये भी कोई शादी है ? "

सम्राट उसके माथे पर हाथ रख......"सारे गिले सिक्वे अपने मोक्ष भाई को सुना ना मुझे नहीं। मैं तो उसे समझा समझा कर थक ही चुका हूं।"

रूही मुस्कुराते हुए..."अगर उन्हें समझाने की हिम्मत होती तो आपको थोड़े ही बोलती।"

सम्राट हंसते हुए..…"तो  अपनी भाभी से पूछ लेना।"...रूही वापस से मुंह बनाते हुए....." और अगर भाभी उस वेदिका बजाज द ग्रेट सुपर मॉडल जेसी हुई तो?"

सम्राट उसकी बातों का जवाब देते हुए कुछ बोल ही रहा था कि वेरोनिका गाड़ी से निकलकर उसके करीब आते हुए।   "तो क्या फर्क पड़ता है द ग्रेट मोक्ष शेखावत है वो एक और शादी कर लेगा।"

सम्राट उसे देखकर हल्का मुस्कुराते हुए....."नमस्ते आंटी ।"

मौके की नजाकत को देखकर बिना कुछ बोले सम्राट वहां से गाड़ी के तरफ चला जाता है ।जहां दादी गाड़ी से निकलकर उसके पास ही आ रहे थे।सम्राट जैसे ही दादी को देख उनके पैर  छू कर पूछा......."कैसी है दादी ?"

दादी उसके माथे पर हाथ रख बोल पड़े....."अच्छी हूं और मेरे मोक्ष की दुल्हन को देख लूं तो और भी अच्छी हो जाऊंगी। वैसे कब तक आएंगे वो और दुल्हन है कैसी उस डायन वेदिका जैसी तो नहीं है ना ?सुना है दिमाग की डॉक्टर है अच्छा है मेरा मोक्ष अकडू पागल है और उसकी दुल्हन दिमाग की डॉक्टर राम मिलाई जोड़ी एकदम से।"

दादी बस बोलते ही जा रही थी और अगर पीछे से मोक्ष की गाड़ी का हॉर्न ना बजा होता तो शायद दादी की रिकॉर्डर बंद ही नहीं होती।सम्राट दादी को पीछे पलट कर मोक्ष के गाड़ी की तरफ दिखा कर...."दादी बस अब बाकी के सवाल आप मोक्ष और उसकी दुल्हन से ही पूछ लीजिएगा और उसके दुल्हन को देखकर  इतमीनान भी कर लीजिएगा।" 

सम्राट दादी से बात कर ही रहा था कि उसके करीब ही मोक्ष ऑलमोस्ट उसके ऊपर गाड़ी चढ़ा ते हुए अपनी गाड़ी रोक देता है । सम्राट गुस्से से साइड होकर चीख ते हुए......"अबे गाड़ी चढ़ा देगा क्या?"

मोक्ष गाड़ी से बाहर निकल कर दादी के पैर छूकर उन्हें गले लगाते हुए......"अबे साले मेरे बेटे को तो  अपने टीम में शामिल कर चुका है अब क्या मेरी दादी को भी मुझसे छीन लेगा तू?"

सम्राट सिर हिलाते हुए...."कभी तो सीरियस हुआ कर शादी करके आया है अपनी दुल्हन को गाड़ी में बिठाकर उटपटांग हरकत कर रहा है।"

"और एक बच्चे का आप भी है ।"....सम्राट की बात पूरी करते हुए दादी ने कहा और सिर टेढ़ा किए गाड़ी के अंदर झांकने लगी तो मोक्ष दूसरी तरफ जाकर डोर खोलकर काया का हाथ पकड़ते हुए बाहर निकलता है। और दादी के सामने  खड़े कर बोला...."दादी झांकने की जरूरत क्या है  पूरी की पूरी सामने खड़ी है जितना चाहे देख लीजिए।"

बोलते हुए उसकी नजर  प्रताप जी और वरुणिका पर ही थी।प्रताप जी कुछ कहने के लिए मुस्कुराते हुए मोक्ष के करीब आने लगे तो मोक्ष जानबूझकर उन्हें इग्नोर करते हुए दादी की तरफ देख बोला....."दादी आपकी तबीयत कैसी है अभी?"

दादी उसकी तरफ देख प्यार से..."मेरे लिए इतनी खूबसूरत दुल्हन ढूंढ के लाया है तो अब तो मेरी सारी बीमारी चली जाएगी ।और हां अब में यही रहने वाली हूं तेरी दुल्हन के साथ रखेगा ना मुझे?"

मोक्ष दादी को बाहों में भर कर उन्हें चुनते हुए...."मैं तो शादी के मिशन पर ही था दादी जब तक आपको आपके पसंदीदा दुल्हन नहीं मिलती मैं रुकने वाला  थोड़े ही था ।"

दादी उसका कान खींचते हुए...."शैतान कहीं का ।जब भी देखो पागलपन की बात करता है।"

सम्राट उसके करीब आकर....."इसीलिए तो दिमाग की डॉक्टर से शादी करके लाया है अब तो डॉक्टर साहिबा ही इसके दिमाग की इलाज करवाएंगे।" बोलते हुए उसने काया पर एक नजर डाला जो चुपचाप खामोश खड़ी हुई थी।

वरुणिका दादी और काया की तरफ आते हुए फिक्र भरे भाव से बोले।    "लेकिन मां यहां पर आपका  देखवाल कौन करेगा ?"दादी मुंह बनाते हुए....."जैसे वहां पर तू बड़ा ही मेरा देखभाल करती थी ।वहां पर तो नौकर नौकरानियां ही मेरी देखभाल करती थी यहां पर तो मेरी मोक्ष की दुल्हन भी है और डॉक्टर भी है वो ।बोलकर  उन्होंने काया की तरफ देखा तो काया उन्हें देख मुस्कुरा दी।

वरुणिका काया की तरफ देखते हुए...."काया देशमुख यही नाम है ना तुम्हारा?"

काया उनकी तरफ एक नजर देख  दादी की तरफ देखती है और दादी उसे बरुणिका से इंट्रोड्यूस करवाते हुए बोले....."दुल्हन ये तुम्हारी सास है।"

काया कदम बढ़ाकर वरुणिका के पैर छू कर बोली

"जी मेरा नाम काया  देशमुख है।"....वरुणिका उसपर सिर से लेकर पांव तक  एक सरसरी सी नजर डालकर.……"वैसे हो बहुत खूबसूरत।"कहकर उसने मोक्ष की तरफ देखा जो बिना भाव उसे देख रहा था ।और बोली......"वैसे इन मामलों में मोक्ष है बहुत खुसनसीब, दोनों बीवियां उसे बेहद खूबसूरत ही मिली हैं।चाहे वो वेदिका  बजाज हो या काया देशमुख।"

मोक्ष दादी को पीछे से पकड़ कर उनके कंधे पर अपना चीन टिका कर अपनी नजर वरुणिका पर डालता है जो सिल्वर डीप नेक स्लीवलेस ब्लाउज के साथ ऑफ व्हाइट  शिफॉन साड़ी पहनी रेड लिपस्टिक से होठों पेंट किए मेक अप से पुती हुई काया की तरफ एक सरसरी नजर डाले देखे जा रही थी ।

मोक्ष दादी को देख फिक्र भर आवाज में  देख बोला....."दादी जरा नजर उतार दीजिएगा मेरे स्वीटहार्ट की। आप कहती थी ना डायन की नजर तेज होती है?"

ये सुनकर जहां काया उसे आंखे बड़ी किए देख रही थी वही दादी और सम्राट दोनों ही एक साथ बोल पड़े...…"लेकिन डायन कहां है यहां?"

मोक्ष दादी के कमर पर हाथ कस कर उनके गालों को चूमते हुए बोला...…"ब्रिज काका बेबी एलिफेंट से बोल रहे थे कि घर के बाहर पीपल के पेड़ पर रोज सफेद साढ़ी पहने लटकते थी ।आज उसे अपने सामने देख रहा हूं। सायद शादी की दावत सूंघ कर चली आई है।"

उसकी बात जिस जिस को समझ में आया उन्होंने वरोणिका के तरफ देखा  और जिनको नहीं आया वो मोक्ष को देखने लगे ।और वरूणिका  गुस्से से प्रताप जी के तरफ देख दांत पीसते हुए कुछ बोल ही रही थी कि प्रताप जी उसे रोक कर सर्द आवाज में बोले...."इसीलिए मैंने मना किया था तुम्हें यहां आने के लिए लेकिन  तुमको ही तमाशा बनना और बनाने का शौक चढ़ा है ना।".....बोलकर वो एक जलती नजर मोक्ष पर डालकर वहां से चले गए और उनके पीछे-पीछे बारुणिका थी।मोक्ष चारों ओर नजर डाल कर क्रिश को ढूंढने लगा।सम्राट उसकी नजरों को समझ कर बोला....."ब्रिज काका सुला रहे हैं उसे।"

मोक्ष बस एक गहरी सांस लेकर खामोश खड़ा रहा।इन सब के बीच अभी भी काया चुपचाप खड़ी थी के दादी की आवाज उसके कानों में गूंजती है......"दुल्हन!!", काया पलट कर देखती है दादी उसकी तरफ देख मुस्कुरा रहे थे।

काया भी वेमन मुस्कुरा दी और दादी के तरफ कदम बढ़ाकर उनके पैर छू ने केलिए झुकी तो दादी  उसे रोक कर बोले......"बेटियां पैर छुआ नहीं करते वो तो लक्ष्मी की रूप होती है और तुझ में तो वो रूप साफ झलक रही है।"....कहते हुए एक रेड कलर के बॉक्स काया के सामने खोलकर दो कंगन की तरफ इशारा करते हुए बोले......"ये हमारी खानदानी कंगन है। जब मोक्ष की मां की मौत हुई थी तभी से मेरे पास है ना ही मैंने ये प्रताप की दुल्हन को दिया और ना ही उस वेदिका को ।"

कहते हुए उसने मोक्ष की तरफ देखा जो सम्राट के साथ शायद क्रिश के बारे में ही बात कर रहा था।दादी वापस से काया को देखकर... "मैं इन्हें तिजोरी से निकाल कर तो लाई लेकिन सोचा था कि मेरे दिल में उतरोगी  तभू भी ये तुझे दूंगी ।"उसकी बात सुनकर काया मुस्कुराते हुए...."फिर अभी क्यों दे रहे हैं दादी?"

दादी चेहरे पर एक संतुष्टि भरी मुस्कराहट लाए...."75  साल की हूं । इन बूढ़ी आंखों ने न जाने कितने चेहरे  रंग बदल ते हुए देखे हैं।"...और काया के हाथों में कंगन पहना ते हुए बोले...." जैसा मेरा मोक्ष है   साफ और सच्चा तू भी बिल्कुल वैसे ही साफ दिल की है।"....

इन सब के बीच ब्रिज काका को घर के अंदर से बाहर आते हुए देख मोक्ष उनके पास सीडीओ के तरफ जाकर बोला.... "क्या कर रहा है वो?"

ब्रिज काका थोड़ी परेशानी भरे लहजे में..."क्रिश बाबा तो सुबह से बिल्कुल खामोश है बेटा । किसिसे बात नहीं कर रहे हैं । नाही किसी बात का कोई जवाब दे रहे हैं ।खाना भी ठीक से नहीं खाया।"

सम्राट उसके पास आकर उसका कंधा थपथपा कर...."टेंशन मत ले । उसे मैं समझा दूंगा।"

मोक्ष कुछ पल खड़ा रहा और पीछे मुड़कर लर्न की तरफ देख  गहरी सांस लेते हुए बिना किसी भाव बोला....."अब में थक गया हूं  मूड नहीं है मेरा रिसेप्शन तू ही अटेंड कर ले मैं सोने जा रहा हूं।"

सम्राट उसके ऊपर गुस्से से चीखते हुए...."अबे पागल हो गया है क्या शादी तेरी हुई है तेरी बीवी है और रिसेप्शन में अटेंड करूं?"

मोक्ष बिना भाव के काया की तरफ देखता है जो दादी के साथ खड़ी मुस्कुरा कर कुछ बात कर रही थी और बोला...."मेरी बीवी के साथ अटेंड करने के लिए थोड़ी बोल रहा हूं अकेले अटेंड कर ले।"

उसने बोला और सीढ़ियां उतरकर काया और दादी की तरफ चला गया।पास जाकर उसने काया को देखा जो उसे इग्नोर कर दादी से बात किए जा रही थी।......"सारी बातें मुलाकातें आज ही खत्म करते वाली हो क्या स्वीटहार्ट ? कुछ बात कल के लिए भी बचा के रखो अभी तुम्हारी राशन पानी यहीं पर ही है ।बहुत मौके मिलेगा जान पहचान बढ़ाने के लिए ।मैं बहुत थक गया हूं चलो सोने चलते हैं ।"....बोलकर जैसे ही उसने काया का हाथ थामा काया के डर के मारे सांस रुक रही थी।  वहीं  काया के कलाई में अपनी मां की कंगन देख उसके चेहरे के भाव बदल गए।।           


   To be continued