Shoharat ka Ghamand - 106 in Hindi Women Focused by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 106

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शोहरत का घमंड - 106

अपने पापा को बेहोश देख कर मीनू घबरा जाती है और चिल्लाने लगती है, "पापा पापा.....

तभी उसके पड़ोसी वहां पर आ जाते हैं और पूछते हैं, "क्या हुआ बेटा तुम रो क्यों रही हों "।

तब मीनू बोलती है, "मेरे पापा अचानक बेहोश हो गए हैं और इन्हें होश नहीं आ रहा है और मेरी मम्मी भी घर में नहीं है"।

तब एक औरत बोलती है, "तुम अपनी मम्मी को कॉल करो और जल्दी से उन्हें बुलाओ "।

तब मीनू बोलती है, "मेरी मम्मी के पास फोन नहीं है "।

तब वो औरत बोलती है, "तो फिर उन्हें बुला कर ले आओ जल्दी से, तब तक हम यही पर हैं"।

तब मीनू बोलती है, "मुझे ये भी नहीं पता है कि मेरी मम्मी कहा पर काम करती हैं "।

तब वो औरत बोलती है, "ऐसा थोड़े ही होता है, की तुम्हारे पापा की ऐसी हालत है और तुम्हारी मां फोन ले कर भी नहीं जाती हैं, और तुम्हे ये भी नहीं पता है कि तुम्हारी मां कहा पर काम करती है "।

मीनू बहुत ही घबरा जाती है और रोने लगती है और सोचती है कि अब मैं क्या करु। तब मीनू उस औरत को बोलती है, "आंटी प्लीज आप मुझे हॉस्पिटल ले चलो, मुझे बहुत डर लग रहा है, मेरे पापा बेहोश हो गए हैं और इन्हें होश भी नहीं आ रहा है "।

तब वो औरत बोलती है, "अरे ऐसा थोड़े ही होता है, अब हम तो तुम्हे जानते तक नहीं है, तो फिर हम तुम्हे कैसे ले कर जाए, अगर की कुछ हो गया तो फिर हम क्या करेंगे "।

तब मीनू बोलती है, "आंटी आप ये कैसी बाते कर रही है "।

तब वो औरत बोलती है, "अरे भई चलो यहां से, जब इस की मां को ही अपनी बेटी और पति की फिक्र नहीं है तो फिर हम क्या करे "।

उसके बाद वो सब वहां से चले जाते हैं। मीनू चीखती चिल्लाती है, मगर कोई भी उसकी मदद नहीं करता है।

उसके बाद वो बाहर अपनी मम्मी को ढूंढने के लिए निकल जाती है।

उधर आलिया आरू के साथ घर पहुंच जाती है।

आरू को आलिया के साथ देख कर उसके मॉम और डैड चौक जाते हैं। तभी आरू की मॉम बोलती है, "आरू तुम इस लड़की के साथ क्या कर रही हों"।

तभी आरू अपनी मॉम के गले लग जाती है और रोने लगती है।

तभी पीछे से पुलिस भी वहां पर आ जाती हैं। उन्हें देख कर आरू के मॉम और डैड और ज्यादा घबरा जाते हैं। 

तब आरू के डैड बोलते हैं, "क्या हुआ बेटा तुम रो क्यों रही हों और ये पुलिस यहां पर क्या कर रही हैं.....

तब पुलिस वाला बोलता है, "जी घबराने की कोई बात नहीं है, वो कुछ गुंडे आपकी बेटी के पीछे पड़ गए थे"।

ये सुनते ही आरू के डैड और मॉम घबरा जाते हैं। तभी आरू के डैड बोलते हैं, "गुंडे पीछे पड़ गए थे, कैसे और कौन थे वो"।

तब आरू रोते हुए बोलती है, "मुझे नहीं पता, मैं नहीं जानती किसी को भी, वो जबरदस्ती मुझे ले कर जा रहे थे "।

तब आरू की मॉम बोलती है, "मगर तुम तो कॉलेज से ड्राइवर के साथ आती हो, या फिर आर्यन के साथ , तो फिर तुम्हारे पीछे गुंडे कहा से आ गए "।

तब आरू बोलती है, "वो मेरी फ्रेंड का बर्थडे था आज, तो वो हमे समुंदर पर ले गई थी, अपना बर्थडे मनाने, तभी वहां पर कुछ गुंडे आ गए और मुझे जबरदस्ती ले जाने लगे, तभी वहां पर भाभी भी आ गई और उन्होंने मेरी मदद की, और मेरी हेल्प करते करते इनके हाथों में चाकू लग गया और इनका हाथ कट गया, अगर आज भाभी न होती तो मैं शायद आप लोगों के पास न होती "।

उधर मीनू रास्ते में चलते रहती है तभी उसे रास्ते में वो आंटी मिल जाती है, जो उन्हें घर दिलवाती है। तभी मीनू उन्हें सारी बाते बताती है। तभी आंटी उसको उसकी मम्मी के पास ले जाती है। और उसकी मम्मी जल्दी से उसके साथ घर आती है और मीनू के पापा को हॉस्पिटल ले जाती है। 

हॉस्पिटल जाते ही डॉक्टर उनके जल्दी से देखते हैं ।

थोड़ी देर बाद डॉक्टर आते हैं।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "डॉक्टर साहब कैसे हैं अब मेरे पति ?????

तभी डॉक्टर बोलता है, "आप लोगो ने उन्हें लाने में बहुत देर कर दी"।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "आप ये बताइए न कि वो अब कैसे है???

तब डॉक्टर बोलता है, "वो हॉस्पिटल आने से पहले ही उनकी जान जा चुकी थी, तो सॉरी हम उन्हें बचा नहीं पाए..................