Shoharat ka Ghamand - 10 in Hindi Fiction Stories by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 10

Featured Books
  • My Wife is Student ? - 25

    वो दोनो जैसे ही अंडर जाते हैं.. वैसे ही हैरान हो जाते है ......

  • एग्जाम ड्यूटी - 3

    दूसरे दिन की परीक्षा: जिम्मेदारी और लापरवाही का द्वंद्वपरीक्...

  • आई कैन सी यू - 52

    अब तक कहानी में हम ने देखा के लूसी को बड़ी मुश्किल से बचाया...

  • All We Imagine As Light - Film Review

                           फिल्म रिव्यु  All We Imagine As Light...

  • दर्द दिलों के - 12

    तो हमने अभी तक देखा धनंजय और शेर सिंह अपने रुतबे को बचाने के...

Categories
Share

शोहरत का घमंड - 10

आलिया के पापा आलिया की मम्मी से बोलते हैं, "तुम ये क्या बोल रही हो आलिया ऑफ़िस केसे जा सकतीं है वो तो अभी पढ़ रही हैं न और अभी उसे और पढ़ना भी तो है"।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "आप परेशान मत होइए वो किसी अनजान ऑफ़िस नही गई है वो आपके ऑफिस ही गई है "।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "मेरे ऑफिस, पर क्यो "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "वो नरेश भाई साहब आएं थे पैसे ले कर और बोल रहे थे कि साहब ने दिए है, मगर आलिया को ये बात पसन्द नही आई और उसने वो पैसे लेने से इंकार कर दिया और बोला की अगर आपके साहब को हम पर इतना ही तरस आ रहा है तो उनसे बोल दो की मुझे कोई जॉब ही दे दे, तो फिर क्या भाई साहब ने जा कर साहब को बोल दिया और उन्होने आपकी बेटी को काम दे दिया "।

तब आलिया के पापा बोलते, "मगर तुमने आलिया को काम करने से मना क्यो नही किया, तुम्हे तो पता है न की उसे पढ़ना कितना अच्छा लगता है,और उसे आगे पढ़ना है "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "आप परेशान मत होइए वो अपनी पढ़ाई नही छोड़ रही हैं, बस कुछ वक्त के लिए जॉब कर रही है "।

तब आलिया के पापा बोलते है, "तुम्हे तो पता है न की अगले महीने उसके पेपर है, अगर वो काम करेगी तो फिर पेपर की तैयारी कैसे करेगी "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "बस बहुत बाते हो गई है अब आप आराम करिए, बाकी की बात आप अपनी लाडली से ही करना "।


उधर आलिया बड़े ही आराम से काम करती है तभी वहा पर साहब आते है। आलिया उन्हे देखते ही गुड इवनिंग बोलती है।

तभी साहब पुछते है, "तुम्हे काम तो समझ में आ रहा है न "।

तब आलिया बोलती है, "जी मुझे समझ में आ रहा है "।

तब नैना बोलती है (जो आलिया को काम सिखा रही होती है) , "सर ये तो बहुत ही इंटेलिजेंट हैं और मुझे काम समझाने में ज्यादा परेशानी भी नहीं हुई ये एक बार मे ही सब समझ गई है और अब मुझे नही लगता है कि मुझे इन्हें दोबारा बताने की जरूरत है, अब ये खुद सब कुछ कर सकती है "।

तभी साहब आलिया को बोलते हैं, "गुड तुम तो मेरी सोच से भी चार कदम आगे निकली मुझे नही लगता था कि तुम इतनी जल्दी सब कुछ समझ जाओगी "।

उसके बाद साहब अपने कैबिन में चले जाते है। उधर मीनू स्कूल से सीधा ट्यूशन जाती हैं और फिर उसके बाद सीधा हॉस्पिटल। मीनू को देखते ही उसकी मम्मी बोलती है, "बेटा तुम घर नही गई"।

तब मीनू बोलती है, "नही मम्मी मै स्कूल से सीधा ट्यूशन गई और फिर सीधा यहां पर आ गई क्योंकि मुझे लगा की आपको किसी चीज की जरुरत होगी तो फिर आप अकेले केसे करोगी क्योंकि दीदी भी आपके पास नही है"।

ये सुनते ही आलिया की मम्मी बोलती है, "मेरी बेटी इतनी समझदार कब से हो गई है, और मेरी समझदार बेटी ने कुछ खाया भी है की नही"।

तब मीनू बोलती है, "नही मम्मी, मेने बस स्कूल में लंच किया था जो दीदी ने बना कर दिया था"।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "क्या, मेरी बेटी अभी तक भुखी है, चलो बैठो जाओ पापा के पास मे अभी कुछ खाने का लाती हूं"।

तभी वहा पर डॉक्टर आता है और वो बोलता है, "देखिए अब आप अपने हसबैंड को घर ले जा सकती है क्योंकि उनकी सारी रिपोर्ट नॉर्मल है "।

ये सुनते ही आलिया की मम्मी और बहन दोनो ही खुश हो जाते है।

तभी डॉक्टर बोलता है, "देखिए इतना खुश होने की कोई बात नही है क्योंकि एक बहुत ही बड़ी परेशानी भी है " ।

ये सुनते ही आलिया की मम्मी घबरा जाती है और बोलती है, "परेशानी..............