Anokha Vivah - 3 in Hindi Love Stories by Gauri books and stories PDF | अनोखा विवाह - 3

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अनोखा विवाह - 3

थोड़ी देर बाद,,,,,,,,,,,,,एक रेस्टोरेंट में एक लड़की लड़के से बात करते हुए,,,,,,नीरज तुमने मुझे यहां क्यों बुलाया है,,,,,,,मेरी जान तुम बैठो बताता हूं सब और हां तेरी छोटी बहन कहां है,,,,,,,,,वो बैठी है,,,,,,,,पर नीरज तुमने क्या सोचा है छोटी को लाने को क्यों कहा ,,,सब बताता हूं चल वही साथ चलकर बैठते हैं,,,,,,,,,,,,,,,

आखिर क्या चल रहा है नीरज के दिमाग, और कौन सा धमाका करने वाला है नीरज काव्या की शादी में जानते हैं,,,,,,,,,

नीरज और काव्या,, सुहानी से ,,,,,,,,,,,,,,, सुहानी तुम बैठो हम दोनों अभी आते हैं तेरे लिए आइसक्रीम लेकर आते हैं,,,,,,,,,वो दोनों उठकर थोड़ी दूर चले जाते हैं, काव्या नीरज से ,,,,

क्या हुआ हम लोग यहां क्या कर रहे हैं,,,,,,,, ,,,,,,,,,,,,नीरज डेविल मुस्कान के साथ काव्या को बताता है कि उसका क्या प्लान है,,,,,,,,, काव्या उसके प्लान को सुनकर शॉक्ड हो जाती है ,,,,,,,,,,,नीरज काव्या को समझाते हुए ,,,,,,देखो काव्या अगर तुम्हें उस अकडू और घमंडी लड़के से शादी करनी है और मुझसे नहीं करनी है तो तुम मेरे इस प्लान में साथ नहीं दो मुझे कोई प्राब्लम नही है पर फिर मुझसे मत कहना कि मैंने हम दोनों की शादी के लिए कुछ किया नहीं ,,,,,,,,,

काव्या कुछ सोचते हुए ,,,,,,,,, नहीं नीरज मैं तुमसे प्यार करती हूं और तुमसे शादी करने के लिए जो तुम कहोगे वही करूंगी,,,,,,,,,,,,नीरज डेविल मुस्कान के साथ- गुड 

वहीं दूसरी तरफ

हवेली में ,,,,,,

आज जोरों सोरों से तैयारियां चल रही हैं क्योंकि कल हवेली के सबसे बड़े पोते का ब्याह जो है,,, 

अनिकेत की हल्दी की रस्म शुरू हो गई थी और आज अनिकेत कुर्ता पायजामा पहन कर सभी लड़कियों की धड़कन बढ़ा रहा था ,,,,,,,,,,,,,

अखण्ड प्रताप सिंह सोफे पर बैठे अपनी मूंछों को ताव देते हुए लाइन से खड़े सभी नौकरों को अपनी तेज आवाज में कहते हैं,,,,,कल हमारे पोते की शादी है कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी ,,,,,,,,,,,,सभी नौकर एक ही धुन में,,,,,जी मालिक 

हवेली के अन्दर सभी रिश्तेदार ठाकुर साहब की शान और शौकत को देखकर शॉक्ड रह गए थे ,,,,,,,,,,,,,

शाम के 5बजे 

काव्या के मेंहदी लग रही थी और वहीं थोड़ी दूर बैठी सुहानी को काव्या ने इशारे से अपने पास बुलाया और उसके हाथों पर भी बिल्कुल दुल्हन की तरह मेंहदी लगवाने को कहती हैं और जो मेहंदी वाली काव्या के मेंहदी लगा रही थी उसके कान में धीरे से कुछ कह देती है ,,,,,,,और फिर अपनी मेहंदी में खुद दूल्हे का नाम लिखने के लिए कहती हैं ,,,,,,,,,,,,,तो मेहंदी वाली काव्या को मेहंदी की कोन दे देती है ,,,,,

थोड़ी देर बाद सुहानी के हाथों पर लिखा नाम देखकर मन ही मन खुश हो रही थी और बेचारी सुहानी हर बात से अनजान अपने हाथों पर लगी मेहंदी को देखकर बहुत खुश हो रही थी 

रात साढ़े 11बजे 

अनिकेत अपने कमरे में कुछ सोचते हुए खुद से ही कह रहा था कि काश उस दिन ऐसा ना हुआ होता तो कल मैं दादू की पसन्द से शादी नहीं कर रहा होता और इतनी जल्दी तो बिल्कुल नहीं .........

फ्लैश बैक 

तीन महीने पहले ,,,,,,,,के एल यूनिवर्सिटी (अनिकेत का कालेज 

अनिकेत का दोस्त,,,,,,,,,,, अनिकेत चल आज क्लब चलते हैं,,,, अनिकेत बे मन से अपने दोस्त को मना करते हुए क्लब,,,, नहीं यार तू जानता है कि दादू को बिल्कुल नहीं पसन्द कि मैं क्लब जाऊं और मैं दादू को निराश नहीं करना चाहता दादू ने मुझे पहले ही बोल दिया है कि वो मुझे क्लब वगैरह में कभी ना देखे और मैं दादू को शर्मिन्दा नहीं कर सकता,,,,,,,,,

अरे यार तू भी ना तेरे दादू को कुछ नहीं पता चलेगा प्लीज़ ना चल और अगर आज मेरा बर्थडे नहीं होता तो मैं तुझे कभी फोर्स नहीं करता चल ना यार तेरे बिना हमें अच्छा नहीं लगेगा पर ,,,,,, अनिकेत कुछ बोलता उससे पहले ही सभी दोस्त उसका नाम लेकर हूटिंग करने लगते हैं तो फिर अनिकेत मना नहीं कर पाता और जाने के लिए हां कर देता है ,,,

उसी रात 9:30बजे 

अनिकेत अपने दोस्तों के साथ क्लब से बाहर निकलते हुए लड़खड़ा कर चल रहा था और एक लड़की को अपनी बाहों में लेता आगे बढ़ रहा था और  उसी बीच एक गाड़ी क्लब के सामने आकर रूकती है और उसके अन्दर बैठा इन्सान अनिकेत को अपनी गुस्से भरी आंखों से घूरता चला जा रहा था और वो कोई और नहीं अखण्ड प्रताप सिंह थे और उनके साथ शहर के मशहूर बिजनेसमैन  ,वो बात अलग है कि ये अखण्ड प्रताप सिंह से कम ही मशहूर थे और ओहदा भी कम ही था पर फिर भी ,,,,, अखण्ड प्रताप सिंह को इस बात की चिन्ता जरूर हो गई थी कि उनका पोता वो भी इस हाल में,,,,उनकी रिपोटेशन का क्या ही होगा तभी मशहूर बिजनेसमैन ने अखण्ड प्रताप सिंह से सवाल किया ,,,,,,सर वो आप ही के ग्रैंड सन हैं ना,,,,,,,,,,,,,, ,,,,,,,,,,,दरसअल जिस लड़की के साथ अनिकेत  क्लब से बाहर आ रहा था उसका चेहरा उसके बालों के कारण ठीक से दिख नहीं रहा था तो उसे गाड़ी के अन्दर से देख पाना मुश्किल था ,,,,,,,,,,,,, इसीलिए अखण्ड प्रताप सिंह ने अपने साथ बैठे मशहूर बिजनेसमैन को अनिकेत की इस हरकत के लिए उसकी इस बात पर पर्दा डालते हुए बहुत ही रौबदार आवाज में कहना शुरू किया,,,,,,,,,,,,,,,,मिस्टर तेजवान ,,,,जी हां वह हमारा ही ग्रैंड सन हैं और वो जो लड़की उसके साथ थी वो हमारी होने वाली बहू है ,,,,,,,ओह कांग्रेचुलेशन फिर कब है शादी उम्मीद है कि आप हमें इन्वाइट करना नहीं भूलेंगे,,,जी हां बिलकुल नहीं भूलेंगे आपकी बात ,,,,,,,,,,,,,

थोड़ी देर बाद हवेली के सामने एक गाड़ी रूकती है और अखण्ड प्रताप सिंह बहुत गुस्से में बाहर आते हैं जैसे ही वो हवेली के अन्दर एंटर करते हैं उनकी तेज आवाज पूरे घर में गूंज जाती है ,,,,,,,,,, अनिकेत,,,,,,,,,, अनिकेत

उसी बीच संजय घर के अन्दर से आते हुए,,,,,,,,,,,,,,,क्या हुआ पिताजी सब ठीक तो है आप इतने गुस्से में क्यों हैं

अखण्ड प्रताप गुस्से से,,,,,,,,,,,,,,,,, अनिकेत कहां है ,,,,,

वो तो अभी घर नहीं आया बताइये हुआ क्या है ,,,,,,,,,, अखण्ड प्रताप सिंह गुस्से से ,, कुछ नहीं अनिकेत जैसे ही आए उसे हमारे कमरे में भेज दीजिएगा ,,,,,,,,,,,,

ठीक है पिता जी हम भेज देंगे,,,,,,,,...................

आखिर क्या होगा जब अनिकेत घर आएगा और उस लड़की को अखण्ड प्रताप सिंह ने अपनी होने वाली बहू क्यों कहा,,,,,,,,,,,,,,,,देखते हैं नेक्स्ट पार्ट में