Itna to chalta he - 2 in Hindi Women Focused by Komal Mehta books and stories PDF | इतना तो चलता है - 2

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इतना तो चलता है - 2

बात करते है इतना तो चलता है यार।

👉यदि तुम्हारा सहकर्मचारी बात बात पे ..तुम्हे छूता है,
कभी तुम्हारे शोल्डर पर कभी तुम्हारे हाथ को,
और तुम कैसे ये सोच सकते हो,की
इतना तो चलता है।

👉यदि तुम्हारा सहकर्मचारी कुछ भी काम तुम्हे सिखाता है,
हर बात बात पै तुम्हारे बहुत नजदीक आ जाता है,
तुम uncomfortable होती हो, तुम्हे पता है
और फिर भी तुम अपना मुंह खोल करके क्यों यह नही बोल पाती की थोड़े Distance maintain रखे।
और कुछ समझ ना आए तो मेरी जान क्यो ये कहती जो कि,
इतना तो चलता है।

👉यदि तुम्हारा सहकर्मचारी तुम्हारे साथ काम के अलावा कोई और कुछ ऐसी बात करता है जो तुम्हे अच्छी नहीं लगती है,
तुम्हारे पति या तुम्हारे घरवालों के बारे मै कुछ बोलता है,
यहां तक कि तुम्हारे पति और तुम्हारी तुलना तक करते है,
मजाक मजाक मैं तुम्हारे घरकी इज्जत को उछालते है,
ओर तुम यह कह कर क्यो खुद को मना लेते हो,.... की 
इतना तो चलता है।


👉यदि तुम्हारा सहकर्मचारी तुम्हारी बॉडी पर विशेष टिप्पणियां करते है,
तुम्हे ये बताते है की तुम पर कौनसे कपड़े अच्छे लगते है,
तो मेरी जान उसके पीछे को नियत को समझो,
कुछ होते है मर्द जो तुम्हे कहते है हर बात पै की यार तुम तो
बिलकुल मेरी बीवी जैसी हो,
तो मेरी जान ये सब नही चलता है और सब कुछ तुम्हे ही रोकना होगा और सिर्फ तुम्ही रोक सकती हो।


👉यदि तुम्हारा सहकर्मचारी तुम्हे बात बात पर नीचा दिखाए, 
तुमसे असभ्यता से बात करे और जब तुम उसे कुछ कहने जाओ और वो तुमसे बड़ा अधिकारी है वो जताए,
तो उसे तुम भी जताओ मेरी जान की,
ऑफिस में सभी employee है,
यदि किसी को तमीज और तहजीब नही आती तो उसको वो सब सीखना होगा तुम्हे,
तुमे खुद को हर चीज मैं पावरफुल बनना होगा,
की कोई तुम्हारे साथ कभी गलत व्यवहार न कर सके।
तो ये कभी मत सहो और कभी मत बोलो की
इतना तो चलता है workplace पर मेरी जान।

👉जिंदगी में बहुत कम लोग होते है जो हक की लड़ाई को लड़ पाते है,
जांसी की रानी लक्ष्मी बाई वीर नही यदि सती होती क्या होता,
कल्पना चावला चांद पर ना जाती तो क्या वो आज हमारे लिए एक मिसाल होती।
बहाने बनना आसान है पर लड़ना मुश्किल रास्ता है,
आसान रास्तों पर केवल कमजोर लोग चलते है और 
निडर और बहादुर कभी नही कहते की
इतना तो चलता है मेरी जान।

👉अगर ज्यादा दिक्कत है तो जॉब बदल दो,
कम पैसे कमाएंगे तो चलेगा,
लेकिन जान है तो जहान है,
कही लोग आत्महत्या कर देते है ऑफिस के त्रास से ,
तो सहा ना जाए तो लड़ो अपनी लड़ाई यदि अपनी
लड़ाई नही लड़ सकते तो मैदान छोड़ के कही और चले जाओ,
कृष्ण भगवान ने भी कहा है की हर लड़ाई को लड़ना जरूरी नहीं होता,
वरना वो मथुरा छोड़ कर द्वारिका नगरी की रचना क्यो करते,
जीवन मैं कभी कभी रणछोड़ कहेलना पड़ता है,।सब के हित के लिए मेरी जान।
कुछ भी गलत कभी मत सहना और कभी ये मत कहना की इतना तो चलता है।


👉जीवन में बहुत कुछ पाते है , बहुत कुछ खोते है 
लेकिन अपनी मेंटल हेल्थ के साथ कभी कोई खिलवाड़ ना होने दे,
अपने दर्द को मन में कभी ना रखे उसको बाटे,
अपने भरोसेमंद इंसान से वरना होगा यू की,
तुम अंदर ही अंदर गुट गुट कर जीयोगे मेरी जान।
और मेंटल हेल्थ के तो धजिया उड़ जायेंगे,
ना जी सकोगे ना मर सकोगे, हमेशा बस dipression में जीयोगे।
तो मेरी जान समझो की इतना तो कभी नई चलता।