my sour soil memories in Hindi Motivational Stories by SARWAT FATMI books and stories PDF | मेरी खट्टी मिट्टी यादे

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मेरी खट्टी मिट्टी यादे

मेरी खट्टी मिट्टी यादे
 
 
कुछ पल यु गुज़र जाते हैँ 
जिसे हम जीना चाहते हैं
 
 
अम्मी कहती हैँ तुम बहुत शरारती थी 
स्कूल के ना जाने के बहाने तलशाती थी 
 
अम्मी के गोद मे सर रख कर अपनी यादो को याद करती हूँ 
 
भाई का  प्यार ,डांट ,दुलार ,उनका गुस्सा सभी महसूस किया हैँ
मैंने मेरे स्कूल के बहानो से परेशान होकर सब कुछ देखा हैँ मैंने
बहनो का प्यार अनोखा ,सभी चीज़ो से रूबरू कराना
 
घर घर खेल मे हमेेेशा doctor का रोल को अपनाना
 
अब्बू का कहना ,बेटा मेरा डॉक्टर बनेगा,अपनी टूटी ज़ुबान सेकहना 
 
जी बड़े होकर डॉक्टर बनुँगी, सब को ठीक काउंगी
 
ओ बच्चपन भी कितना सुहाना था , बेफिक्री ,का ज़माना था 
 
स्कूल के फंक्शन मे जब हाथ पैरो ने रंग लगाना ,
फंक्शन के दरमियान मेरी फॅमिली का वो हौसला,
वो प्यार वो proud feel करना 
तब एहसास हुआ ,कितने सपने मुझपर देखे गये 
 
फिर कभी बहानो की नौबत ही ना पड़ी ,
 
saturday, sunday छुट्टी क्यू होती हैँ 
 
ये सवाल अपनी फॅमिली से बार बार पूछते रहना 
 
class की topper से लेकर मेडिकल clear  करने मे
 
ना जाने कितनी रातें मेरी कभी हुई ही नही
 
वो मेरा ख्वाब ,वो अब्बू का डॉक्टर का सेट लाना,वो अम्मी का डॉक्टर वाली doll लाना ,
भाई ,बहनो का डॉक्टर का सेट रेडी करना मुझे खिलवाना 
वो बच्चपन की यादें ,
वो बच्चपन से सभी के आँखों मे एक सपना ,
वाही चाहत ,वही उमीद ,यादो को याद कर के अक्सर मेरी आँखे नम् हो जाती हैँ 
वो पहली बार Dr. sana का batch मिलना
 
वो अब्बू ,अम्मी का रोना वो पहली बार हॉस्पिटल मे जाना
 
 
,लोगो को Dr. sana बुलाना 
वो पल मानो मेरी पुरी रात ,पुरी मेहनत मेरे नज़रो के सामने
 
 
एक मूवी की तरह चलने लगी,याद हैँ मुझे
 
उस रात मुझे नींद नहीं आना वक़्त बदल गया
,उंगलिया उढ़ाने वाले अब हाथ मिलाने  लगे 
 
जो मुह फेर लिया करते थे 
 
अब एक बार बात करलो,इस उमीद से फोन लिए बैठे होते हैँ 
 
सच कहा हैँ लोगो ने कामयाबी पुरी दुनियां कोआपके पास ला खड़ा करती हैँ 
 
मेरी यादें अक्सर मुझे  अपने होने का एहसास दिलाती हैँ 
 
मेरी मेहनत याद दिलाती हैँ
वो क्लास ,वो स्कूल, वो अब्बू का क्लास के बाहर घंटो मेरा इंतज़ार
कभी भाई का  इंतज़ार करना 
 
सभी का मेरे पीछे का मेहनत मुझे याद आता हैँ
 
और आँखे नम् हो जाती हैँ 
 
खुद को खो कर पाया हैँ
अपने सपनो को कैसे कहूं कितनी मेहनत हैँ
 
सभी का मेरे यहा लाने में
 
"मेरी खवाइशें मेरी ज़ुनून बन गयी 
तुझे पाना मेरी जिद बन गयी
वो पल् भी बहुत हसीन थी
जब खुद को खोकर पाया था तुझे"
 
छुट्टियों मे घर आकर अम्मी,अब्बू को story सुनाती हूँ और कुछ उनकी सुनती हूँ
 
भाई के साथ लोंग drive पर चल जाती हूँ
 
तो बहनो के साथ निकल पड़ती हूँ shopping करने 
 
terrace पर बारिश के कुछ हसीन पल गुज़ारती हूँ
 
 
कुछ खेल लेती हूँ बहनो के साथ,
तो कुछ पल लड़ लेती हूँ
 
घर की लाड़ली हूँ जानब, किसी के हाथ कहा आती हूँ
 
सब की दिल की राजकुमारी जो हूँ 
 
छुट्टियां तो मानो यु गुज़र जाती हैँ मेरी 
 
जैसे कल की ही बात हो कुछ हसीन पल और गुज़ार लूं इसलिए अम्मी ,अब्बू को लेकर चले अपने सपनो के महल में
 
वो खुशियाँ वो सब कुछ देने जो उनका हक हैँ 
 
अब्बू का डॉक्टर के सेट की जगह मेरा Stethoscop देना 
 
अम्मी का doll की जगह मुझे रेडी करना 
 
और फिर बड़े प्यार से,आंखे नम कर के मेरा बैच मुझे पहनाना ,
और बड़े ही शान से मुझे पुकारना
Dr. sana घर जल्द आ जाना ।