Beyond Words : A Love Born in Silence - 6 in Hindi Thriller by Dev Srivastava Divyam books and stories PDF | बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 6

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बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 6


शाम का समय,

कोई पुराना गोदाम,

निशा की बातें सुन कर सिद्धांत ने चिढ़ कर कहा, " वो जो भी कर रहा था वो हमारे साथ कर रहा था । वो सब हम दोनों के बीच की बात थी ।

हमारे बीच आने वाली तुम कौन होती हो और तुमसे किसने कह दिया कि वो हमें बदल रहा था ? उसने हमें वैसे ही एक्सेप्ट किया था जैसे हम हैं । बदलने की कोशिश तो तुमने की है हमें । "

निशा ने कहा, " तुम... "

लेकिन उसने अपनी आगे की बात अधूरी छोड़ कर कहा, " छोड़ो ! अभी तो तुमसे बात करना ही बेकार है । "

फिर उसने अपने नाना की ओर देख कर कहा, " चलिए नानू ! "

उसके नाना ने एक जलती हुई नजर सिद्धांत पर डाली और फिर एक गार्ड को कुछ इशारा करके निशा के साथ बाहर चला गया ।

सिद्धांत ने चिल्ला कर कहा, " कहां जा रही हो निशा ? खोलो हमें ! "

लेकिन निशा उसे पूरी तरह से इग्नोर करके चली गई ।

उनके जाने के बाद एक गार्ड ने सिद्धांत के गले में एक इंजेक्शन लगाया और फिर सारे गार्ड्स भी बाहर चले गए लेकिन वो सब सिर्फ उस कमरे से बाहर गए थे और उन सबने उस कमरे को अच्छे से घेर लिया था ।

वहीं इंजेक्शन की वजह से सिद्धांत की हालत फिर से पहले दिन जैसी हो गई थी । उसकी सिर्फ आँखें ही हिल रही थीं बाकी शरीर ड्रग्स के असर से कुछ समय के लिए पैरालाइज हो गया था ।

आज वो खुद को सबसे ज्यादा बेबस महसूस कर रहा था । उसने सामने टंगी घड़ी में समय देखा तो शाम के छः बज रहे थे यानी कि वो कम से कम चार घंटे तक बेहोश रहा था ।

वहीं दूसरी तरफ,

मिस्टर सिन्हा फ्लाइट में बैठे हुए थे । उनके साथ यश भी बैठा हुआ था । उसने अपना सिर सीट पर टिका कर आँखें बंद कर ली थीं और इस वक्त अपनी जिंदगी के पुराने यादों में खोया हुआ था कि कैसे उसकी और सिद्धांत की मुलाकात हुई और उनकी जिंदगी कैसे इन हालातों में पहुंच गई ।


फ्लैशबैक

सात साल पहले,

सुबह का समय

राणा जिम, गोरखपुर

एक लड़का बहुत से लोगों को ट्रेन कर रहा था । उसने अपने मसल्स और एब्स पर बहुत ज्यादा मेहनत की थी । उसकी पूरी लीन बॉडी थी । यहां तक कि उसके हाथों की नसें तक साफ दिख रही थीं । उसकी उम्र अट्ठारह साल थी ।

उसकी लंबाई लगभग छः फीट चार इंच के आस पास रही होगी । उसने काले रंग की ट्रैक पैंट के साथ काले ही रंग की टी - शर्ट पहनी हुई थी जिस पर उस जिम का नाम लिखा हुआ था ।

उसके बाएं हाथ में काले रंग की स्मार्ट वॉच थी और दाएं हाथ में कलावा ( रक्षासूत्र ) बंधा हुआ था और साथ में एक काले रंग का ब्रेसलेट भी ।

उसने अपने मुंह पर मास्क लगा रखा था । उसके पसीने से भीगे हुए बाल उसके माथे पर बिखरे हुए थे जो उसके भौंहों के कुछ ऊपर तक आ रहे थें । उसके गले में काले रंग का हेडफोन लटक रहा था । उसके पैरों में काले ही रंग के स्नीकर्स थे ।

इन सबके साथ उसने अपने गले में एक रुद्राक्ष भी पहना हुआ था और सिर पर चंदन का तिलक लगा रखा था जो उसकी समुद्र सी नीली आंखों के साथ बहुत ही खूबसूरत लग रहा था ।

उसने अपने कानों में एक काले रंग का यूनिसेक्स इयररिंग पहना हुआ था । वो जिन लोगों को ट्रेन कर रहा था उनका ध्यान ट्रेनिंग में कम और उस लड़के पर ज्यादा था ।

लड़कियां तो लड़कियां लड़के भी उससे अट्रैक्ट हो जाते थें । उनमें से आधे से ज्यादा लोगों ने तो उस जिम की मेंबरशिप ली ही उस लड़के के वजह से थी ।

वहां की सारी लड़कियां उसे अप्रोच करने की कोशिश करती थीं पर वो किसी में भी कोई इंटरेस्ट नहीं दिखाता था । कुछ गिने चुने लोग ऐसे थे जिनसे वो ठीक से बात कर लेता था ।

जैसे ही नौ बजा उस लड़के के फोन में अलार्म बज उठा । उस लड़के ने अलार्म ऑफ किया और जिम ऑनर जिसका नाम राहुल था, उसके केबिन में चला गया । वो जाकर राहुल के सामने कुर्सी पर बैठ गया ।

राहुल ने उसे देखा तो मुस्करा कर कहा, " क्यों सिड, कहा था न मैंने कि इस तरीके से तुम्हारा कर्ज जल्दी खत्म हो जाएगा ! "

सिद्धांत ने अपनी गर्दन झुका कर कहा, " हम जानते हैं ब्रो, लेकिन हमारा मन अभी भी हमें इस बात की परमिशन नहीं दे रहा है । "

राहुल ने साफ शब्दों में कहा, " तो अपने मन को किसी बक्से में बंद करके ताला लगा दो । "

सिद्धांत ने चिढ़ कर कहा, " आई एम नॉट किडिंग, ब्रो । "

इस बार राहुल ने गंभीर होकर कहा, " सिड, मजाक मैं भी नहीं कर रहा हूं । बिलीव मी, मैं खुद भी ये सब नहीं चाहता हूं लेकिन इसमें तुम्हारा ही फायदा है ।

मैंने तो तुम्हें मना भी किया था कि रहने दो, आखिर तुम्हारे पिता श्री मेरे भी तो कुछ लगते थे, लेकिन तुम जिद्द पर अड़े हुए हो तो मैं क्या करूं । "

सिद्धांत ने चिढ़ कर कहा, " बस, बस ! अपना ये इमोशनल अत्याचार बंद करिए और ये बताइए कि उनके पैरेंट्स ने पैसे भिजवाए या नहीं । "

राहुल ने मुंह बना कर कहा, " हां, हां ! भिजवा दिए, इसलिए उनसे अच्छे से बात करना । "

सिद्धांत ने स्टाइल से अपने बालों में हाथ फिरा कर कहा, " बिल्कुल, आखिर सर्वांश ने किसी से कभी भी रुडली बात की है क्या ! "

राहुल ने भी मुंह बना कर अविश्वास से कहा, " अच्छा, नहीं की है ! "

सिद्धांत ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा, " नहीं, कभी नहीं । "

राहुल ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " तो अभी जो तुम बाहर कर रहे थे, वो क्या था फिर ! "

सिद्धांत ने अपनी नजरें इधर उधर घुमा कर अपना सिर खुजाते हुए कहा, " वो तो इसलिए ताकि वो सब हमसे दूर रहें और वैसे भी... "

फिर उसके आई विंक करके कहा, " यहां आने वाली ज्यादातर लड़कियां बहन हैं हमारी । "

राहुल ने फिर से कहा, " और जिनके साथ डेट पर जाते हो, उनका क्या ? "

सिद्धांत ने चिढ़ कर कहा, " छोड़िए न भाई, कौन सा वो डेट असली होती है । फालतू के मैरेज ब्रोकर बन कर रह गए हैं । "

राहुल ने बात बदलते हुए कहा, " अच्छा, वो सब छोड़ो । मुझे तुम्हें एक गुड न्यूज़ देनी है । "

सिद्धांत ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " क्या ? "

राहुल ने मुस्करा कर कहा, " कल वाली लड़की ने अपने पैरेंट्स को तुम्हारे बारे में बता दिया है । "

सिद्धांत ने खुश होकर कहा, " फिर तो हमारा अमाउंट भी बढ़ेगा न ! "

राहुल ने उसे चेताते हुए कहा, " हां, लेकिन ध्यान रखना, ये बात आगे न बढ़े । जो जैसा चल रहा है, चलता रहे, एट लीस्ट दो महीने तक ! "

सिद्धांत ने आराम से कहा, " दो महीने, वो तो हमारे लिए बाएं हाथ का खेल है । "

राहुल ने चिढ़ कर कहा, " बस, बस ! फेंकना बंद करो और जल्दी से शॉवर लेकर निकलो, वरना तुम्हें लेट हो जाएगा । "

सिद्धांत ने भी कहा, " ओ के, ब्रो । "

फिर उसने बाहर जाते हुए कहा, " बाय ! "

राहुल ने भी कहा, " बाय ! "

फिर सिद्धांत उस केबिन से निकल कर वहां के बाथरूम में चला गया जो सिर्फ सिद्धांत के लिए रहता था । लगभग दस मिनट बाद वो बाहर आया तो उसने काले रंग की जींस के साथ सफेद रंग का टी शर्ट पहना हुआ था ।

टी शर्ट के साथ उसने एक डेनिम जैकेट डाल रखा था और सिर पर एक बेस कैप भी पहना हुआ था । उसके मुंह पर अभी भी मास्क था ।

वहां से निकल कर वो बाहर की ओर बढ़ गया लेकिन इससे पहले कि वो बाहर जा पाता, एक लड़की उसके सामने आकर खड़ी हो गई । सिद्धांत ने अपने कदम रोक लिये तो वो लड़की मुस्कराते हुए उसे देखने लगी ।

सिद्धांत ने दो मिनट तक इंतजार किया लेकिन उस लड़की ने कुछ नहीं कहा तो सिद्धांत ने उसकी आंखों के सामने चुटकी बजा दी जिससे वो लड़की अपनी सेंसेज में वापस आई ।

ये देख कर सिद्धांत ने अपनी भौंहें उठा दीं तो उस लड़की ने अपना फोन उसके सामने लहराते हुए कहा, " कैन आई गेट समवन्स नंबर ( क्या मुझे किसी का नंबर मिल सकता है ) ? "

सिद्धांत ने उसका फोन लेते हुए कहा, " याह, श्योर ! " और फिर उस फोन में कोई नंबर टाइप करने लगा तो उस लड़की ने खुश होते हुए कहा, " थैंक यू सो मच ! "

सिद्धांत ने उसे उसका फोन वापस देते हुए दूसरा हाथ अपने सीने पर रख कर कहा, " माय प्लेजर ! " और फिर आगे बढ़ गया ।

वहीं उस लड़की ने फोन में नंबर देखा तो वो नंबर देख कर उसका मुंह बन गया क्योंकि सिद्धांत ने फोन में वन जीरो नाइन जीरो टाईप किया था ।

उस लड़की ने सिद्धांत की ओर घूम कर गुस्से में कहा, " ये क्या है ? "

सिद्धांत ने उसकी ओर पलट कर आराम से कहा, " महिला हेल्पलाइन नंबर ! इफ यू गेट स्टक इन एनी प्रॉब्लम यू कैन कॉल देम फॉर हेल्प ( अगर आप किसी भी समस्या में फंस जाती हैं तो आप मदद के लिए उन्हें कॉल कर सकती हैं ) । "

उस लड़की ने बौखला कर कहा, " आई आस्कड फॉर योर नंबर ! "

सिद्धांत ने आराम से कहा, " लुक मिस, हूएवर यू आर ! फर्स्ट ऑफ ऑल, यू आस्कड फॉर समवन्स नंबर, नॉट माइन एंड सेकंड थिंग, आई डोंट गिव माय नंबर टू एवरीवन

( देखिए मिस आप जो भी हैं, सबसे पहले तो ये कि आपने किसी का नंबर मांगा था, हमारा नहीं और दूसरी बात ये कि हम अपना नंबर हर किसी को नहीं देते हैं ) । "

उस लड़की ने उसके पास आकर कहा, " डू यू काउंट मी इन एवरीवन ( क्या तुम मुझे हर किसी में गिनते हो ) ? "

सिद्धांत ने अपना सिर ना में हिला कर उसकी ओर बढ़ते हुए कहा, " नॉट एट ऑल, आई काउंट यू एज... "

फिर उसने अपना चेहरा इस लड़की के चेहरे के बिल्कुल पास लाकर कहा, " नो वन । "

इतना बोल कर वो फिर से पलट कर आगे बढ़ गया तभी एक दूसरी लड़की उसके सामने आ खड़ी हुई तो उस सिद्धांत ने कहा, " जी फरमाइए । "

उस लड़की ने क्यूटनेस के साथ कहा, " कैन आई आस्क फॉर योर नंबर ? "

सिद्धांत ने भी तुरंत ही वैसी ही क्यूटनेस के साथ कह दिया, " नो ! "

लड़की ने फिर से उसी तरह से कहा, " क्यों ? मुझे भी नो वन में गिनते हो क्या ? "

इस बार सिद्धांत ने कहा, " अरे नहीं, नहीं, कैसी बातें कर रही हैं आप, गिनने के लिए आप नजर भी तो आनी चाहिए । "

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किस कर्ज की बात कर रहा था राहुल ?

सिद्धांत को लड़कियों के पैरेंट्स पैसे क्यों देते थे ?

सिद्धांत के चेहरे पर हमेशा मास्क क्यों रहता था ?

इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए,

बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस

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लेखक : देव श्रीवास्तव