Beyond Words : A Love Born in Silence in Hindi Thriller by Dev Srivastava Divyam books and stories PDF | बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 4

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बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 4



शाम का समय,

मैसेज देखने के बाद मिस्टर सिन्हा और यश, दोनों को शॉक में देख कर मिसेज माथुर ने यश को पकड़ कर कहा, " क्या हुआ यश ? क्या है उस मैसेज में ? "

यश ने शॉक में सामने देखते हुए ही कहा, " मां, मां, सिड का पता चल गया है । "

मिसेज माथुर ने खुशी के साथ कहा, " सिड का पता चल गया है ! "

यश ने शॉक में ही उनकी ओर देख कर कहा, " हां, मां ! "

मिसेज माथुर ने नासमझी से कहा, " तो ये तो खुशी की बात है न, फिर तुम दोनों ऐसे शॉक्ड क्यों हो ? "

यश ने भरी हुई आंखों के साथ कहा, " क्योंकि वो अब पहले जैसा नहीं रहा । "

मिसेज माथुर ने नासमझी से कहा, " क्या मतलब पहले जैसा नहीं रहा ? "

यश ने उनके कंधे पकड़ कर कहा, " मतलब ये कि वो सच में सिद्धांत बन चुका है । उसका ऑपरेशन हो चुका है । "

ये सुन कर मिसेज माथुर को जैसे झटका सा लगा । उनके मुंह से निकला, " क्या ! "

यश ने टेंशन के साथ कहा, " हां, और अभी उसे लाने की कोशिश करना, उसकी जान को खतरे में डालने जैसा है । "

मिस्टर सिन्हा ने भी उनकी ओर देख कर कहा, " उसका ऑपरेशन दो हफ्ते पहले ही हो चुका है और हमें कम से कम दो हफ्ते और इंतजार करना पड़ेगा । "

मिसेज माथुर ने इन बातों को साइड करके कहा, " ठीक है, पर वो है कहां ? "

यश ने कहा, " बैंगकॉक में ! "


दो हफ्ते बाद,

वेजथनी हॉस्पिटल, बैंगकॉक, थाईलैंड

दोपहर का समय,

एक लड़की एक लड़के को व्हीलचेयर पर बैठाए हुए बाहर ला रही थी । उस लड़की ने एक नीले रंग की जींस के साथ हल्के गुलाबी रंग का टॉप पहना हुआ था । साथ में उसने एक डेनिम जैकेट पहना हुआ था ।

उसके पैरों में व्हाइट कलर के स्नीकर्स थे । उसने अपने सिर पर एक बेस कैप पहना हुआ था । उसके मुंह पर मास्क था और आंखों पर चश्मा । कुल मिला कर उसका हर एक अंग ढका हुआ था, यहां तक कि आँखें भी ।

वहीं लड़के ने पेशेंट वाले कपड़े ही पहने हुए थे और उसके मुंह पर मास्क लगा हुआ था । उसके बाल कुछ बड़े थे जो उसके माथे पर बिखरे हुए थे और उसकी आंखों को भी ढक रहे थे । उसे देखने से लग रहा था कि उसे कोई होश ही नहीं है ।

वो चुपचाप व्हीलचेयर पर बैठा हुआ था । उसके गोद में उस लड़की का पर्स था जो उसे बाहर लेकर आ रही थी । वो लड़की हॉस्पिटल से बाहर आते ही अपने कार की ओर बढ़ गई । उसने जैसे ही कार का दरवाजा खोला वैसे ही वो लड़का उठा और दूसरी ओर दौड़ पड़ा ।

भागते हुए उसने उसने उस लड़की का पर्स भी के लिया था । जैसे ही वो भागा, एक पल को तो वो लड़की चौंक गई लेकिन अगले ही पल वो भी उसके पीछे दौड़ पड़ी । उसके साथ - साथ उसके गार्ड्स भी उस ओर दौड़ पड़े ।

अब उस लड़के के पीछे लगभग पचास लोग पड़े हुए थे और वो जितना हो सके उतनी स्पीड में दौड़े जा रहा था और वो भाग भी ऐसे रहा था जैसे कि वो वहां के - चप्पे चप्पे की जानकारी रखता हो ।

वहीं वो लड़की और उसके गार्ड्स रास्ते के चक्कर में कन्फ्यूज हो जा रहे थें । इसी बात का फायदा उठा कर वो लड़का एक मॉल में घुस गया । वहां जाकर उसने अपने कपड़े बदले, खुद ही अपने बाल सेट किए और बाहर आ गया ।

उसने खुद को ऐसे ट्रांसफॉर्म किया था कि उसे देखने से लग रहा था कि वो थाईलैंड का रहने वाला ही है । उसने पेमेंट करने के जगह उस लड़की का बैग ही वहां छोड़ दिया और बाहर आ गया ।

फिर उसने रास्ते में चलते हुए ही किसी की पॉकेट से उसका फोन लिया और किसी को कुछ मैसेज करने लगा । फिर वो किसी को कॉल करने लगा लेकिन इससे पहले कि वो कॉल कर पाता, किसी ने तेज आवाज में उसका नाम लेकर उसे पुकारा ।

उस लड़के ने अपनी गर्दन उस दिशा में घुमाई तो वहां पर एक थाई लड़का खड़ा था । उसने काले रंग की स्टाइलिश जींस के साथ ग्रे कलर का टी शर्ट पहना हुआ था । इसके साथ उसने एक डेनिम जैकेट पहन रखा था ।

उसने अपने पैरों में सफेद रंग के स्नीकर्स पहने हुए थे । उसके बाल छोटे थे जो उसके माथे को कुछ हिस्सों तक ढक रहे थें । उसके दाएं हाथ में एक साधारण सी लेकिन महंगी घड़ी थी । उसका चेहरा गोल था और उसकी बड़ी - बड़ी आंखों में दुनिया जहां की मासूमियत थी ।

उस लड़के ने हाथ हिला कर कहा, " सिड ! "

सिद्धांत ने भी अपना हाथ हिला दिया और उसकी ओर बढ़ गया । वो उस लड़के के पास गया तो उस लड़के ने कहा, " ब्रो, लॉन्ग टाइम नो सी ( बहुत दिनों से मुलाकात नहीं हुई ) ।

सिद्धांत ने उसकी बातों को नजरंदाज करके कहा, " आइस ब्रो, वो सब हम बाद में बताते हैं । अभी हमें तुम्हारी मदद चाहिए । "

आइस ने उसके गले में अपने हाथ डाल कर कहा, " बोलो न, ब्रो ! "

( इस थाई बंदे को हिंदी कैसे आती है वो आप सबको आगे जाकर पता चल जाएगा । )

सिद्धांत ने उसे कुछ बातें बताई जिन्हें सुन कर आइस की आंखें बड़ी हो गई ।

उसने सिद्धांत की ओर देख कर कहा, " रियली ! "

सिद्धांत ने हां में सिर हिला दिया तो उसने कहा, " डॉन्ट वरी ब्रो, तुमने हमारे लिए इतना कुछ किया है तो हम भी तुम्हारे लिए इतना तो कर ही सकते हैं । "

सिद्धांत ने हल्के से मुस्करा कर कहा, " थैंक्स ब्रो ! "

आइस ने मुंह बना कर कहा, " वन डे, यू योरसेल्फ टोल्ड मी दैट देयर इज नो सॉरी एंड नो थैंक्स इन फ्रेंडशिप ( एक दिन तुमने ही मुझसे कहा था कि दोस्ती में सॉरी और थैंक यू नहीं होता है ) । "

सिद्धांत ने फिर से मुस्करा कर कहा, " ओ के, आई विल नॉट से दैट अगेन ( ठीक है, हम ये दुबारा कभी नहीं कहेंगे ) । "

आइस ने भी हंस कर कहा, " गुड फॉर यू ( तुम्हारे लिए वही अच्छा है ) ! "

उसने अभी इतना ही कहा था कि इतने में किसी की आवाज आई, " वो रहा, पकड़ो उसे । "

सिद्धांत और आइस, दोनों ने उस तरफ देखा तो वहां पर बहुत सारे गार्ड्स थें जो उन्हीं की ओर दौड़े चले आ रहे थें ।

सिद्धांत ने तुरंत आइस की ओर देख कर कहा, " आई विल मीट यू लेटर ! बट फॉर नाउ, जस्ट रन एंड सेव योरसेल्फ ( हम तुमसे बाद में मिलेंगे, लेकिन अभी के लिए बस भागो, और खुद को बचाओ ) । "

आइस ने भी उसकी बातों पर हां में सिर हिलाया और इसी के साथ दोनों उल्टी दिशाओं में दौड़ पड़ें । सिद्धांत ने दौड़ते हुए ही उस फोन को अपने कपड़ों में छिपा लिया ।

वो भागने को पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन अब उसका शरीर उसका साथ छोड़ रहा था क्योंकि उसकी एक नहीं कम से कम चार या पांच सर्जरीज हुई थीं ।

वो समझ गया कि अब वो और नहीं भाग पाएगा इसलिए उसने आस पास देखा और उसकी नजर सन रे कैफे पर पड़ी । वो तुरंत कैफे के अंदर चला गया जहां पर बहुत से लोग थे ।

सिद्धांत ने सोचा कि इतने लोगों की भीड़ में वो सेफ रहेगा और ये कैफे था भी उसके दोस्त का इसलिए वो अंदर जाते ही अपने दोस्त के पास गया और उसके कान में कुछ कहा जो सुन कर उस लड़के की आँखें बड़ी हो गईं ।

लेकिन इतने में ही वो सारे गार्ड्स भी वहां पहुंच गए । उनमें से एक गार्ड ने सीधे जाकर सिद्धांत को गन प्वाइंट पर ले लिया और इसी के साथ एक आदमी की भारी सी आवाज आई, " बहुत भाग लिया मुन्ना, अब वापस चलें । "

वो आवाज आते ही सारे गार्ड्स तुरंत साइड में हो गए और सामने वही आदमी नजर आने लगा जो सिद्धांत के किडनैपिंग में निशा के साथ था ।

उसने सिर से लेकर पांव तक सब कुछ काले रंग का पहना हुआ था और उसके चेहरे पर अभी भी घमंड साफ नजर आ रहा था ।

उसे देख कर सिद्धांत ने उससे सवाल करते हुए कहा, " पहले हमें ये बताईए कि आप हैं कौन और हमारे पीछे क्यों पड़े हैं और, और निशा का साथ क्यों दे रहे हैं ? "

उस आदमी ने सिद्धांत को ऊपर से नीचे तक देखते हुए पूरे एटीट्यूड के साथ कहा, " पहले ये बताओ कि तुममें ऐसा क्या है जो मेरी नातिन सिर्फ तुमसे ही शादी करना चाहती है । "

सिद्धांत ने शॉक के साथ से कहा, " क्या, निशा आपकी नातिन है ? "

उस आदमी ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " अभी भी तुम पूछ रहे हो ! "

सिद्धांत ने विनती करते हुए कहा, " सर, प्लीज हमारी बात समझिए । हम उससे प्यार नहीं करते हैं । अगर हम दोनों की शादी हो भी गई फिर भी वो खुश नहीं रहेगी । इसलिए, प्लीज ! हमें जाने दीजिए, सर ! "

निशा के नाना ने उसकी बातों को पूरी तरह से नजरंदाज करके कहा, " अब बाकी बातें वापस चल कर होंगी । "

ये सुन कर सिद्धांत और उसके दोस्त, दोनों का ही मुंह खुला का खुला रह गया

वहीं निशा के नाना ने अपने आदमियों की ओर देख कर कहा, " उठाओ इसको । "

इतना कह कर वो वापस जाने के लिए बाहर की ओर मुड़ ही रहा था कि इतने में वहां एक चीख गूंज उठी ।

निशा के नाना ने अपने कदम वापस घुमाए तो उसने देखा कि वहां पर उस गार्ड का हाथ टूटा हुआ था जिसने सिद्धांत पर गन प्वाइंट कर रखा था और उसकी गन सिद्धांत के हाथ में थी । ये देख कर निशा के नाना को बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ा ।

उसने आराम से कहा, " तुम एक गन छीन सकते हो, सारी नहीं । "

सिद्धांत के होठों पर एक तिरछी मुस्कान आ गई । उसने कहा, " डू यू रियली थिंक दैट ( क्या आपको सच में ऐसा लगता है ) ? "

निशा के नाना ने थोड़ी तेज आवाज में कहा, " व्हाट डू यू मीन ( तुम कहना क्या चाहते हो ) ? "

सिद्धांत ने उसी गन से अपने सिर पर स्क्रैच करते हुए कहा, " एक्चुअली, यू आर राइट ( असल में, आप सही कह रहे हैं ) ! हम सारी गन्स नहीं छीन सकते हैं, लेकिन... "

फिर उसने गहरी आवाज में कहा, " खुद को तो खत्म कर सकते हैं न । "

अपनी बात बोलते ही सिद्धांत ने वो गन अपने ही सिर पर प्वाइंट कर ली ।

निशा के नाना ने चीखते हुए कहा, " सिड ! "

___________________________


सिद्धांत ने किसे मैसेज किया था ?

कौन है आइस ?

क्या सिद्धांत खुद को बचा पाएगा इस नाना - नवासी की जोड़ी से ?

अगर नहीं, तो क्या होगा उसके साथ ?

इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए,

बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस

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लेखक : देव श्रीवास्तव