Bandhan Pyar ka - 25 in Hindi Moral Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | बन्धन प्यार का - 25

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बन्धन प्यार का - 25

फिर उसे अपने दूसरे शौहर से तलाक लेकर वह पहले शौहर से फिर से निकाह कर सकती है।बहुत से मौलवी और लोग केवल हलाला के लिए तैयार रहते हैं।और इस तरह नई नई औरतों का
तीन तलाक कानूनी रूप से गलत है।वह चाहती तो कानूनकी मदद ले सकती थी।पर उससे फायदा क्या।जब शौहर उसे चाहता ही नही।अगर चाहता तो क्यो दूसरा निकाह करता।क्यो उसे तलाक देता।फिर हलाला कराके ऐसे शौहर से दुबारा निकाह से क्या फायदा।
उसने हलाला या दूसरे निकाह का इरादा त्याग कर अपने पैरों पर खड़े होने का फैसला किया।
उसने नौकरी की तलाश शुरू कर दी।वह नौकरी के लिए जहा भी गयी।एक सवाल पूछा गया"कितनी तालीम ली है
औऱ तब सलमा को पढ़ाई की अहमियत का पता चला।उसने उसी समय ठान ली थी कि वह अपनी बेटी को तालीम दिलाने में कोई कंजूसी नही करेगी।
सलमा भटकती रही।आखिर में एक स्कूल की संचालिका उसकी राम कहानी सुनकर बोली,"तुम पढ़ी नही हो।चपरासी की नौकरी दे सकती हूँ।
और सलमा करती क्या।जब उसके पास तालीम नही थी तो वह उस नौकरी को लेने के लिए तैयार हो गयी।
नौकरी तो कर ली लेकिन उसे केवल पांच हजार रु मिलते थे।इतने कम रु में वह मकान का किराया देने के बाद गुजारा कैसे कर सकती थी।उसके देश मे महंगाई सुरसा के मुह की तरह बढ़ती जा रही थी।जरूरी चीजों की भारी किल्लत थी।ब्लेक में लेने के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत थी।बेटी को तालीम दिलाने के लिए भी पैसे चाहिए थे
ऐसे में उसने अपनी माँ से ली तालीम का सहारा लिया।उसने अपनी माँ से सिलाई और कढ़ाई सीखी थी।औऱ वह सिलाई और कड़ाई का काम भी करने लगी।धीरे धीरे उसके पास आने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगी और इस काम से उसे अच्छी कमाई होने लगी।और सलमा का बेटी के साथ खूब अच्छी तरह गुजारा होने लगा।बड़ी होने पर उसकी बेटी भी उसके काम मे हाथ बंटाने लगी।
हिना ने अच्छी तालीम हासिल की।इतना पैसा तो था नही की किसी अच्छे नामी प्राइवेट स्कूल में पढ़ती।उसने अपनी सारी तालीम सरकारी स्कूलों में ही ली थी।हाई स्कूल पास करने के बाद वह बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाने लगी थी।
उसकी योग्यता और मेहनत का ही असर था कि उसे इंग्लैंड में वजीफा मिला और वह एम बी ए करन के लिए यहां आ गयी थी।
हिना के एम बी ए करते ही उसे नौकरी मिल गयी थी।बेटी के नौकरी लगने पर सलमा बहुत खुश हुई थी।औऱ सलमा अपनी बेटी का निकाह करने की भी सोचने लगी थी।उसने अपनी बेटी के लिए अपनी बिरादरी में लड़के भी तलाश शुरू कर दी थी
लेकिन
बेेटी के बुलाने पर इंग्लैंड आयी तो अपने साथ कुछ लड़कों के फोटो भी लायी थी।जिन्हें उसने हिना के लिए देख रखा था।और वह चहती थी।हिना उनमें से किसी एक को पसन्द कर ले तो वह उसके साथ बेटी का निकाह कर देगी।
लेकिन यहाँ आने पर उसे पता चला उसकी बेटी को प्यार हो गया है।वो भी अपने मजहब के लड़के से नही।एक काफिर से।एक हिन्दू लड़के से वो भी हिंदुस्तान के लड़के सेवो हिन्दुस्ता जो हमारा पड़ोसी और दुश्मन है।ऐसे लड़के से वह बेटी का निकाह कैसे कर दे