Bandhan Pyar ka - 6 in Hindi Moral Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | बंधन प्यार का - 6

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बंधन प्यार का - 6

बिग बेन
काफी भीड़ थी।दूर से ही टावर की तरफ देखते हुए हिना बोली,"इतनी बड़ी घड़ी?"
"क्या तुम्हारे पाकिस्तान में है ऐसी घड़ी?"
"मैं पाकिस्तान में लाहौर से बाहर ज्यादा नही गयी हूँ।जहा भी गयी हूँ,ऐसी तो नही देखी।न ही इतनी विशाल होगी,"हिना बोली,"और हिंदुस्तान में?
"हमारे देश में क्लॉक टावर बहुत से शहरों में है।मैं कभी कलकत्ता तो नही गया लेकिन मैंने सुना है।कलकत्ता में बिग बेन की प्रतिकृति है।इतनी बड़ी नहीं है।आकार औऱ ऊचाई में इसकी एक तिहाई ही है,, नरेश ने अपने देश के बारे में हिना को बताया था।
"इसे देखने के लिए तो काफी लोग आते है,"भीड़ की तरफ देखते हुए हिना बोली,"लगता है संसार के सभी देशों के लोग यहाँ हो।"
"लन्दन सिर्फ ग्रेट ब्रिटेन की राजधानी ही नही है।ऐसा लगता है सारा विश्व इसमें आकर सिमट गया हो।"
"इस टावर का नाम अब बिग बेन नही है"
"अच्छा,"हिना बोली,"फिर क्या है?"
"इस टावर का नाम अब बिग बेन से बदलकर एलिजाबेथ टावर कर दिया गया हैं।"
"तुम बिल्कुल सही कह रहे हो।"
हिना और नरेश काफी देर तक घूमते रहे।फिर वह बोला चलो कुछ खाते है।"
और नरेश, हिना के साथ एक रेस्टोरेंट में आ गया था।वह बैठते हुए बोला,"क्या लोगी?"
"जो चाहो मंगवा लो।"
नरेश वेटर का इंतजार करने लगा।वेटर आया तो उसे सेन्डविच और कॉफी का ऑर्डर दिया था।रेस्तरां में लोगो के आने जाने का क्रम जारी था।सभी उम्र के लोग थे। वेटर सेन्डविच और कॉफी रख गया था।वे बाते करते हुए खाने लगे।कॉफी खत्म करने के बाद हिना ने पर्स खोला तो नरेश बोला,"क्या कर रही हो?"
"क्या बिल नही देना?"
"मैं दूंगा
"क्या हर बार तुम ही दोगे?"
"हां"
"क्यों?,
"मैं मर्द हूँ।"
"तो
"इसलिए मैं दूंगा।"
"औरत नहीं दे सकती
"हमारे यहाँ औरत का सम्मान करना सिखाया जाता है"
औऱ वे वापस लौट आये थे।
और फिर उनकी बात नही हो पाई थी।शनिवार को हिना का फोन आया था,"क्या कर रहे हो?"
"लेटा हूँ,"नरेश बोला,"और तुम?"
"मैं भी,"हिना बोली,"क्या कल चलोगे?,
"हां।"
"कहां पर चलने का इरादा है।"
"टावर ब्रिज चले
"As u like"
"तो टावर ब्रिज ही चलते है
और सन्डे को नरेश,हिना के साथ टावर ब्रिज गया था।वहाँ पर काफी भीड़ थी।"
"हाय--हिना ने हाथ हिलाकर आवाज लगाई थी
"किसे बुला रही हो?नरेश ने पूछा था।हिना कुछ जवाब दे पाती उससे पहले एक लड़की एक लड़के के साथ चली आयी
"हलो हिना
"क्या तू यहा घूमने के लिए आई है?"हिना ने उस लड़की से पूछा था,"और ये तेरे साथ कौन है
""घूमने ही आये है,"वह लड़की बोली,"यह हेनरी हे।मेरा बॉय फ्रेंड।यह फिलीपींस से है।"
"यह नरेश है मेरा दोस्त,"हिना एक दूसरे का परिचय कराते हुए बोली,"यह मेरी सहेली रोजी है।यह जर्मनी से है।मेरे साथ कम्पनी में काम करती है
"पहली बार आये हो क्या यहा?"रोजी ने पूछा था
"हम तो पहली बार ही आये हैं,"हिना बोली,"और तुम लोग?"
"हम तो यहाँ कई बार आ चुके हैं
"आओ चले।",हेनरी बोला था।और वे चारो चल दिये।
"यह टावर ब्रिज टेम्स नदी पर बना हुआ है।यह दो हिस्सों में है।इस ब्रिज के नीचे से जहाज भी निकलते हैं।जब जहाज आते है तो पुल के दोनों हिस्से ऊपर उठ जाते हैं,"हेनरी उन्हें पुल के बारे में बताने लगा,"यह पुल लंदन शहर के दोनों हिस्सो को जोड़ने का काम भी करता है।"
",आओ पुल पर चले।"रोजी बोली थी

और वे चारो पुल पर आ गए थे।पुल पर खड़े होकर नीचे बहती नदी को देखने लगे