Serpent - Last Result of in Hindi Short Stories by Datta Jaunjat books and stories PDF | नागिन - का अंतिम इंतकाम

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नागिन - का अंतिम इंतकाम

काहाणी शुरु करते हे . लेकिन पेहले नागिन कि अनोखी काहाणी पडलो तो ही समज आएगा . तो चलो काहाणी शुरु करते हे . बेला कि बेटी आरही हे काहाणी को पुरा करणे और वो रहस्य कोनसे हे देखेगे चलो तो काहाणी शुरु करते हे मंदिर मे बेला मरी थी तब वो उठती हे और बोलती हे मुझे किसणे मारा मुझे पता हे लेकिन मेरा इंतकाम मेरी बेटी लेगी एक मंदिर मे एक बच्चा रो रहा था तब एक औरत को वो बच्चा दिखा तब वो बोली ये बच्ची किसकी हे तब वो घर ले जाती हे तब आता हे एक बोहत बडा नाग और वो बोलता हे तोम इसे सभालो गी तब वो औरत बोलती हे हा तब वो नाग बोलता हे तुम्हारा नाम क्या है तब वो बोलती हे मेरा नाम शिवकन्या हे तब वो बोलता हे ये बच्ची एक नागिन हे तब वो बोलती हे मे संभालोगी दस साल बाद एक नागिन शिवमंदिर जाती हे और वो तांडव करती है और वो बोलती हे हे शिव मुझे बताइये मे कोण हो और मे किसकी बेटी हो तब एक नाग आता हे और बोलता हे तुम राधा की बेटी हो और तुम भी एक नागिन हो तो तुम्हे बेला कि बेटी के साथ अपना इंतकाम लेना हे तब वो नाग बोलता हे संजना तब आती है संजना तब वो बोलता हे ये हे विश ये तुम्हारे साथ इंतकाम लेगी तब दोनो चले जाते हे तब वो अपना असली रूप लेते हे तब आती है शिवकन्या और बोलती हे संजना इतनी देर और ये नागिन कोण हे तब संजना बोलती हे ये विश हे ये मेरी मदत करणे आइ हे तब एक लडका आता हे और बोलता हे आज तु मुझे मिलगइ तब संजना विश को गायब करदेती हे और वो लडका संजना कि सारी शक्ती या छिन लेता हे और वो चला जाता है तब शिवकन्या आती है और बोलती हे संजना उठो तब शिवकन्या संजना को शिवमंदिर ले जाती हे और बोलती हे ए नाग मेरी बेटी को बचाव तब एक नाग आता हे और बोलता हे इसे विश देना होगा वो सभी नागिनो का मिश्रण उस पापी का अंत बनेगा तब वो नाग बोलता हे आगे आओ
शुभांगी , शिवकन्या, चंद्रकला, गौरी, राणी, मानसी,बेला सब अपना विश देते है तब संजना बोलती हे उसे नही छुडोगी दो महिने बाद संजना कि शादी देव के साथ हो जाती है तब वो आदमी बोलता हे तुमणे मेरे भाइ के साथ शादी करलिइ तब संजना शिवमंदिर जाती हे और वो बोलती हे ये आवाज कैसी तब वो देखती हे तो क्या सब नागिन और उनके बिच शिव बेठे थे तब पंडित आते है और बोलते है संजना ये तुम्हारा पेहला रहस्य हे सुनो तुमे वो अमृत चाहिए तो उन नागिनो के साथ तुम्हे मनसे तांडव करना होगा तब संजना तांडव करती है और बोलती हे शिवजी वो रावण वापस आगया हे उसे मारणे हेतु मुझे वो अमृत दिजिए तब शिव बोलते है वो नरेंद्र आगया हे लेकिन उसे मारणा इतना आसान नहीं है लेकीन मे तुम्हे वो अमृत देता हो तब संजना चली जाती हे तब पंडित बोलते है इस अमृत को जहरीला बनाने केलिए तुमे उस गंगा नदी मे जाना है वाहा बोहत शिवलिंग हे और एक शिवलिंग कि पुजा करके वो अमृत वाहा रख दो तब संजना जाती हे और वो अमृत उसे मिल जाता है तब शिव मंदिर मे नरेंद्र आता हे और बोलता हे ये अमृत से मुझे मारोगी तब नरेंद्र वो अमृत पि जाता है तब उसे कोछ होता नही तब संजना उसे ढसती हे और विश भी उसे ढसती हे और वो मर जाता है तब विश बोलती हे मेरा इंतकाम खतम हो वा मे चलती हो तब संजना अपने मा के पास जाती हे तब सब मरगए थे तब संजना जाती है और देव के सभी भाइ यो को मार देती है तब देव बोलता हे मेने मारा था तेरी मा को तेरी मा मतलब बेला को मे कोण हो तुम्हे देखना है मे हु विक्रम तब वो संजना को शिवमंदिर ले जाता है और वो उसे मारे तब संजना त्रिशुल लेके उसे मार देती है तब बोहत बारीश होती हे तब संजना को कोई तो मार देता है तब काहाणी खतम हुइ . The End 🐍