The Author Datta Jaunjat Follow Current Read दिल से रिशता By Datta Jaunjat Hindi Short Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books स्मृतियों का सत्य किशोर काका जल्दी-जल्दी अपनी चाय की लारी का सामान समेट रहे थे... मुनस्यारी( उत्तराखण्ड) यात्रा-२ मुनस्यारी( उत्तराखण्ड) यात्रा-२मुनस्यारी से लौटते हुये हिमाल... आई कैन सी यू - 41 अब तक हम ने पढ़ा की शादी शुदा जोड़े लूसी के मायके आए थे जहां... मंजिले - भाग 4 मंजिले ---- ( देश की सेवा ) मंजिले कहान... पाठशाला पाठशाला अंग्रेजों का जमाना था। अशिक्षा, गरीबी और मूढ़ता का... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Share दिल से रिशता (3) 1.2k 5.1k 1 ये काहाणी एक प्यार पे आधारित हे तो हम काहाणी शुरु करते हे . मैं अपनी काहाणी बताने जारी हुं मेरा नाम शुभांगी हे तो दो सास बात कर रहे थे उनमे एक का नाम चंद्रीका था दोसरी का चंद्रकला था तब चंद्रीका बोलती हे तुम्हारी बेटी ओर बहु कहा हे तब गाणा चालु होता हे तब चंद्रकला बोलती हे चलो उपर तब हमारी शुभांगी नाचरी ही थी सिलसिला ये चाहत का इस गाणे पे तब शुभांगी का डान्स खतम हो जाता है तब शुभांगी बोलती हे बोलो मा क्या होवा तब चंद्रकला बोलती हे कि ये चंद्रीका हे तब शुभांगी बोलती हे ये दिपक कि मा हे ना चंद्रकला बोलती हे हा तब सब चले जाते हे शुभांगी शो मे जाती हे तब वो डान्स करती है घरमुहे परदेसिया इस गाणे पे तब आता हे दिपक तब शुभांगी दिपक के ओपर गिरती हे तब दोनो में प्यार हो जाता है और शुभांगी जित जाती हे दो महिने बाद शुभांगी कि शादी दिपक से हो जाती है तब आती है राणी और बोलती हे दिपक तुमने मुझे धोखा दिया है तब वो बोलता हे कि मुझे माफ करदो तब दिपक वाहासे चला जाता है तब आती है चंद्रीका और बोलती हे कि हमे इसे मारना होगा तब राणी शुभांगी के पास जाती हे और बोलती हे हम चलो घुमने जाते हे तब शुभांगी हा बोलती हे तब शुभांगी और राणी और चंद्रीका जाते हे तब गाडी पहाडी कै पास रोकती हे तब सब उतरते है तब शुभांगी को मारते हे राणी और चंद्रीका और तिसरा कोइ तो और उसे पहाडी मै फेक देते हे दो महिने बाद दिपक कि दुसरी शादी थी तब नाचणे वाली नाचती हो ए आती है और मु पे घुगंट ओढके नाचती हे fitoori गाणे पे तब वो घुगंट ओठाती हे तब होती हे शुभांगी तब सब हेराण हो जाते हैं डान्स खतम होने के बाद सब बोलते तूम शुभांगी होना तब शुभांगी बोलती हे नही मे उनकि हम शकल हो तब शुभांगी कि आत्मा बोलती हे हा मैं तुम सबसे बदला लेने आइ हो दिपक उससे उसका नाम पुछता हे तब वो बोलती हे मेरा नाम शीवांगी हे तब दिपक बोलता हे कि मै शादी नही करोगा तब वो अपने कमरे मे जाता है तब शिवांगी दिपक के कमरे मे जाती हे तब वो पुछती हे ये शुभांगी कोण थी तब दिपक बोलता हे वो मेरी बेबी थी तब शिवांगी पुछती हे कि आप दोनो कि शादी कैसे होइ थी तब दिपक बोलता हे मै उसके घर गया था तब शुभांगी को घरसे निकाल दिया था लेकिन वोसे घरसे क्यो निकाला था मुझे मालुम नही तब मेने उससे शादी करलिई तब दिपक बोलता हे तुम मुझसे शादी करुगी तब शिवांगी हा बोलती हे तब शुभांगी बोलती हे दिपक तुमणे अच्छा किया तब दिपक और शिवांगी कि शादी हो जाती है तब शुभांगी शिवांगी के शरीर मे प्रवेश करती है और पेहेले चंद्रीका को मारडालती हे और फिर राणी को भी मारडालती हे तब शुभांगी बोलती हे तिसरा कोन हे तब शुभांगी घर जाती हे तब दिपक बोलता हे आओ शुभांगी तब शुभांगी बोलती हे मै शिवांगी हो तब दिपक शुभांगी के उपर वार करता है तब शुभांगी बोलती हे वो तिसरा कातील तुम हो तब वो अपना असली सहेरा दिखाता हे वो होती हे चंद्रकला तब दोनो में बोहत लढाई होती हे तब शुभांगी जित जाती हे और दिपक आता हे और बोलता हे शुभांगी तुम मुझे छोडके चली जावोगी तब शुभांगी बोलती हे मेरी बेहन शिवांगी हेना तब शुभांगी बोलती हे मे तुमहारे साथ हो तो चलो..😢दोसाल बाद शिवांगी को बच्ची हो जाती है उसका नाम शुभांगी था......🖋️ Download Our App