The Author Datta Jaunjat Follow Current Read नागिन - की अंतिम कहाणी By Datta Jaunjat Hindi Short Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books स्मृतियों का सत्य किशोर काका जल्दी-जल्दी अपनी चाय की लारी का सामान समेट रहे थे... मुनस्यारी( उत्तराखण्ड) यात्रा-२ मुनस्यारी( उत्तराखण्ड) यात्रा-२मुनस्यारी से लौटते हुये हिमाल... आई कैन सी यू - 41 अब तक हम ने पढ़ा की शादी शुदा जोड़े लूसी के मायके आए थे जहां... मंजिले - भाग 4 मंजिले ---- ( देश की सेवा ) मंजिले कहान... पाठशाला पाठशाला अंग्रेजों का जमाना था। अशिक्षा, गरीबी और मूढ़ता का... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Share नागिन - की अंतिम कहाणी (2) 1.1k 5.1k हम काहाणी शुरु करते हे. एक train पुणा जारही थी तब बारीश के कारण train रूक जाती हे तब एक लडकी आती है और नाचती हे cham cham इस गाणे पे तब एक लडका आता हे और उसके साथ नाचता हे डान्स खतम हो जाता है तब वो लडका बोलता हे तुम्हारा नाम क्या है तब वो बोलती हे मेरा नाम राणी हे तब राणी बोलती हे तुम्हारा नाम क्या है तब वो बोलता हे मेरा नाम राजा हे तब दोनो चले जाते हे तब राणी अपने घर आती है और बोलती हे मा तब कोइ नही आता तब वो कमरे मे जाती हे तब शिवकन्या और कुणाल मर गए हैं तब शिवकन्या के आँखो मे वो कातील देखते हे तब राणी बोलती हे इस काहाणी का अंत मे करुगी एक महणे बाद राणी कि शादी हो जाती है तब राणी कि दोस्त बोलती हे राणी तुम्हारी शादी कैसे होइ तब राणी बोलती हे एक महणे पेहेले उसके बाद मे काम करणे लगी तब मुझे राजा धिखा और उसके घरवाले तब राणी बोलती हे राजा मे तुमसे बोहत प्यार करती हु तब उसके घरवाले बोलते है कितणी खुबसुरत हे तब राजा बोलता हे मुझे समय चाहिए तब राणी मंदिर जाती हे और बोलती हे कि मे नागिन क्यो नही हु तब वो बेहुश पड जाती है तब शिवजी उसे एक रहस्य मंदिर मे ले जाते हे तब उसे होश आता हे तब शिव बोलते है तुम एक आम इनसान हो तुम नागिन नही हो सकती तब राणी बोलती हे मे फिर इंतकाम कैसे लो तब शिव चले जाते हे तब राणी पहाडी कै पास जाती हे और बोलती हे मा मे तुम्हारे पास आरही हो तब वो गिर जाती हे तब वो बच जाती है तब आती है शिवकन्या और बोलती हे इतने जलदी उमीद खो दि तुमे बोहत तपस्या करणी होगी और तुम्हे फिर नागिन का वरदान मिल जाए गा तब राणी बोहत तपस्या करती है फिर शिव आते है और बोलते है तुमे मे वरदान देता हु लेकिन तुमे नागमणी कि रक्षा करणी होगी तब शिव चले जाते हे और राणी बोलती हे अब नही छुडोगी तब वो कामपे जाती हे तब राजा कि मा बोलती हे तुम्हारी और राजा कि शादी होणे वाली हे तब दोनो कि शादी हो जाती है.तब उसकि दोस्त बोलती हे तो मे चलती है हो तब आता हे राजा और बोलता हे मेणे सब सुनलिया हे तु तुम एक धोकेबाज हो. तब वो बोलता हे कि तुम एक नागिन हो तब वो चला जाता है तब राणी बोलती हे मुझे कुछ तो करणा होगा. तब आती है राजा कि मा और बोलती हे मुदिखाइ का समय होगया चलो राणी तब राणी बोलती हे मे आती हु तब राजा कि मा चली जाती हे तब राणी बोलती हे मुझे रोहन, राजीव, पलवी, और मेरी सास राधिका तब राणी निचे जाती हे तब एक तरफ सफेरा होता हे और एक तरफ मुदिखाइ तब रसम शुरु होती हे तब सफेरा बीन बजाता हे तब राणी को बोहत तकलिफ होती हे तब राणी को कोई तो गायब करदेता हे और वो उसका रुप लेकर वाहा बेठती हे तब सफेरा चला जता हे तब राणी बोलती हे तुम कोण हो तब वो लडकी बोलती हे मुझे भुल गई राणी मे तुम्हारी दोस्त मानसी राणी बोलती हे हा मुझे याद हे मे तुमे कैसे भोल सकती हो तुम भी एक नागिन हो तब मानसी बोलती हे हा तब सब चले जाते हे तब राणी पहेले राहोन को मारती हे . फिर मानसी पलवी को तब राणी अपणे कमरे मे जाती हे और तब वो टेबल पे चढके वो किताब निकालती हे तब वो गिरणे वाली थी तब आता हे राजा और उसे बचालेता हे तब वो एक दोसरे को देखते हे तब राजा बोलता हे चलो हमे बाहर जाणा हे तब दोनो मिलकर शिवमंदिर जाते हे तब राजा बोलता हे कि मे भी एक नाग हो मे भी अपना इंतकाम लेने आया हुं तब हम दोणो मिलकर इंतकाम लेगे तब वाहा पे आती है राधिका और राजीव तब राजा और राणी अपणा असली रुप लेते हे तब बोहत लढाई होती हे तब राणी शिवजिका शस्त्र लेके राजीव और राधिका को मारडालती हे तब दोनो मरजाते हे तब राजा राणी को मार देता हे तब राणी बोलती हे मे दुबरा वापस जरुर आउंगी दस साल बाद राणी का पुनर्जन्म होता हे और वो एक नागिन थी उसे पता था और अपना इंतकाम लेना हे तब राणी कि शादी दिपक से हो गई थी तब राणी उस मंदिर मे वापस जाती हे तब वाहा आती है शिवकन्या और बोलती हे राणी तुम्हे अपना इंतकाम लेना हे और तुम भी मरणेवाली हु तब तुम्हे उसे मारना होगा तब बोहत तभाही होगी तब तुम राजा और दिपक तुम मरोगे तब शिवकन्या चली जाती हे तब आते है शिव और बोलते है रुको राणी तब राणी शिवको प्रणाम करती है तब शिव बोलते है कि वो असुर हे उसे मारना हे तो इस त्रिशुल को तुमहारे खुण से भिंगाणा होगा तब वो मेरेगा तब वहा आता हे राजा और बोलता हे नागिन मे आगया तुम्हे मारने तब दोनो में बोहत लढाई होती हे तब राजा दिपक को मारडालता हे तब राणी त्रिशुल लेके अपने खुण से भिंगाके उसे मारती हे तब राणी बोलती हे मेरा इंतकाम खतम हो वा तब आते है शिव बोलते है तुमणे बुराइ को मिटाया तब तिनो कि आत्मा चली जाती हे तब राणी बोलती हे अब किसभी नागिन के साथ एसा ना हो एसी दोवा करती हु और अपना इंतकाम खतम होवा . THE END 🐍🐍 Download Our App