logo ka to kaam hai bolna in Hindi Poems by SARWAT FATMI books and stories PDF | लोगो का तो काम हैं बोलना

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लोगो का तो काम हैं बोलना

लोगो का काम हैं बोलना
हमारा काम हैं चलना
लोगो का क्या आज आप पर बोले
कल दूसरे पर
ये तो दस्तूर हैं ज़माने का
इस बात पर दिल दुखाया मत करो
मैं तेरा आज हूँ और तेरा ही रहूँगा
कभी मेरे निगाहो से तो देख अपने आप को
एक खूबसूरत सी तस्वीर मिलेगी मेरे दिल, मेरे नज़रो मैं
क्या हो तूम मेरे लिए
कभी बैठ कर भी तुझसे बयान ना कर पाऊंगा
लोगो का तो काम हैं कहना वो तो कहेँगे
पर मेरी जान तूम क्या हो
वो किसी को एहसास नहीं
साबित करोगे खुद को आज के दौर मैं
तो गलत तूम कहलाओगे
मुझे पता है
तूम क्या हो, तूम क्या हो .
अपनी मंजिल को इतना बड़ा और मुश्किल
ना बना के तूम उसी मैं उलझ जाओ
सरवत मैं कहता हूँ
चल कही दूर चलते हैं
जहा तुम्हे सुकून हो पर शायद उसे
मुझपे ऐतबार नहीं
अब उन्हें कौन समझाये वो क्या हैं मेरे लिए
उनकी सिसकियाँ, उनकी बेचैनिया
वो उनका रोना
कैसे बयान करूँ के अब देखा ही नहीं जाता यू
उनको
जान हैं वो मेरी और अब वो मेरी जान लिए बैठी हैं
अरे लोगो का तो काम हैं बातें बनाने का
तूम क्या हो क्यू... क्यों बताना इन बातें बनाने
वालो को
तुझे याद हैं वो तेरा पहली बार अपनी हाथों के बने मिठाई
खिलाना
वो तेरे बने हाथो की चाये की चुस्की लेना
और गप्पे मारना
तुझे बाजार ले जाना
वो तेरा आइसक्रीम की ज़िद, तो कभी टेडी बेयर की ज़िद
वो मेरी जान कहा गयी
जो लोगो की परवा नहीं करती थी
तूम आज भी वही हो बस
सोचना छोड़ दो
क्यू की लोगो का तो काम ही हैं बातें बनाना
आये काशः के तुझे इस को भूल जाती
क्या इतनी मुश्किल हैं??
तेरे ना होने से किसी को कुछ नहीं जायेगा
बस मैं बिखर जाऊँगा
आये काश के तूम समझ सको
मेरे इस टूटे दिल की आवाज़
क्यू मैं तेरा होकर भी तेरा नहीं हो सकता
क्यू ज़माने से डरना
उनका तो काम ही हैं बातें बनाने का
चुप रहो तो बातें, ज्यादा बोलो तो बातें
मेरी जान तूम ये सोच लो क्या चलोगी मेरे साथ
हाथ लिए खड़ा हूँ बस थाम लो...
मत सोच लोगो को उनका तो काम ही हैं
बातें बनाने का
तेरी गम मेरे, और मेरी ढेर सारी खुशियाँ तेरी
बस एक बार मुस्कुरा दे मेरी जान
जिसको मैं जानता हूँ वो ऐसी तो ना थी
फिर ...क्यू परवा इस ज़माने की
हम खुश दुनियां खुश
हम उदास दुनियां उदास
यही कहती थी ना तूम?
फिर क्यू... फिर क्यू??
मैं जब से जाना तुझे बस चाहा तुझे
यू उदास देखा नहीं जाता
मुझे खुशियाँ देकर यू अकेला छोड़ कर तो नहीं जा सकती
एक बार मौका तो दे मुझे, अपने एहसास को बता सकूँ
यू अकेला छोड़ कर मत जा के दिल दुखा कर
तेरे दिल मैं दुखो का सैलाब हैं पता हैं मुझे
एक बार मौका तो दे इसे कम करने का.
मैं तेरा हूँ और तेरा ही रहूँगा
कभी खुशियाँ देने का मौका तो दे मुझे
एक बार फिर कहता हूँ तेरा आज भी मैं हूँ और तेरा ही रहूँगा
हैए यही खुशि के लिए तो मैं सालो तक इंतज़ार करता रहा
चल थाम मेरा हाथ चल कही दूर चलते हैं
तू हैं मेरे पास तेरी खुशियाँ हैं मेरे साथ
हर पल बिताये लम्हे हैं
फिर क्या करना लोगो का
उनका तो काम ही बातें बनाने का.
लोगो का तो काम ही हैं बातें बनाने का ...