hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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तुम क्यों हार गई शिखा? By Ranjana Jaiswal

शिखा मेरे बचपन की सखी थी |कक्षा छह से बी. ए. तक हम एक साथ एक ही कालेज में पढ़े थे |कस्बे के एकमात्र कालेज में पढ़ने के लिए वह मिलों दूर अपने गाँव से आती थी |कस्बे में घर होने के कारण...

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विश्व का प्रथम विज्ञापन--- मध्यप्रदेश में By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

मध्य प्रदेश भारतवर्ष का ह्रदय है। इसके आंचल में अनेक साम्राज्य उठे और गिरे है इसके पर्वतों के साए में विभिन्न जातियों ने अंगड़ाई ली है इस के अंतराल में साहित्य का मधुर रस पका है सं...

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स्वतन्त्र सक्सेना की कहानियां - बद्री विशाल - 1 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

बद्री विशाल सबके हैं 1 कहानी स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना समीक्षा स्वतन्त्र सक्सेना एक परिपक्व और विचारशील रचनाकार हैं, वे निबन्ध लेखक और...

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अरे दौरियो बचाईयो By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

अरे दौरियो बचाईयो स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना अरे दौरियो बचाईयो। ओ पनबेसुर।। कक्‍कू का घर गिर गया था दो तीन दिन की घनघोर वर्षा का आ...

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अति की भली न चूप By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

"अति का भला न बोलना अति की भली न चूप"---- इसकी अर्धाली अति का भला न बोलना पर तो ऋषि, मुनि ,संत, महात्मा, दार्शनिक ,राजनेता ,समाज सुधारक सभी ने जोर दिया है। घर परिवार मित्र मंडली स...

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नदी नाव संयोग By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

समय परिवर्तनशील है। बदलते समय के साथ ही समाज की आवश्यकताएं मान्यताएं और विचारधाराएं भी परिवर्तित हो जाती है। जीवन की प्रत्येक वस्तु एवं परिस्थिति को मानव नए परिवेश के संदर्भ में दे...

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पति देवता By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

पति देवता डॉ0 स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना -‘पति तो देवता होता है,पति की ही बेज्‍जती स्‍वागत सत्‍कार तो गया चूल्‍हे...

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चेहरे पर चेहरा (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

"रात को ही आया हूँ।डॉॉॉक्ट साहिब हमे अंदर ले गए।जगदीश बोला,"क्या हुआ रिशते का? कीसन परेशान है।""घर पर फ़ोटो दिखाया था।सबको लड़की पसंद आ गयी।""तो फिर देर किस बात की है?""हां।म...

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जोर जुलुम की टक्कर में.... By राज बोहरे

ट्रेन ठीक ग्यारह बजे आती थी । फटेहाल देहाती से दिखते मजबूत लोगों के एक जत्थे ने स्टेशन पर प्रवेश किया । इसके पांचेक मिनिट बाद दूसरा जत्था भीतर आया, फिर रेला सा लग गया । दस मिनिट...

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इन्तजार एक हद तक - 12 - (महामारी) By RACHNA ROY

फिर खाना खा कर कागज़ की प्लेट फेंकने गया अमित, फिर हाथ धोकर आ गए तो रमेश अपना हाथ धोने गया ‌।फिर बोटल से पानी पीने लगे और उसके बाद दोनों ही अपनी सीट पर सो गए। रमेश तो परी के पास ही...

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हैप्पी बर्थडे टू मी By Rama Sharma Manavi

हर साल जन्मदिन, मैरिज एनिवर्सरी आता है और चला जाता है।घर में शाम को कुछ स्पेशल यथा छोले- भटूरे,चीले, डोसे या इसी तरह कोई एक चीज बना लेती हूँ और पति कोई मिठाई ले आते हैं।वैसे काफ...

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Real Incidents - Incident 3: पुजारी By Anil Patel_Bunny

Incident 3: पुजारी आज से करीबन 2 साल पहले, हनुमान जी के मंदिर के बाहर आज भक्तों की लंबी कतार थी, आज हनुमान जयंती थी, और सभी छोटे बच्चों को आज बाल भोज (गुजरात में ‘बटुक भोजन’) क...

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मेरी मिट्टी मेरा खेत - ( भाग - 5 ) - अंतिम भाग By ARUANDHATEE GARG मीठी

जगमोहन की बात सुनकर सभी हतप्रभ थे । वहां खड़े कुछ गांव वालों ने , जगमोहन की बात का समर्थन किया । क्योकि गांवों में आज भी , लड़की की इज्जत और दहेज एक समान ही होते हैं । दोनों को खान...

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मार्क्स - Season-1 - भाग - 6 - अंतिम भाग By ARUANDHATEE GARG मीठी

सुहाना का अब कॉलेज का फर्स्ट सेमेस्टर कंप्लीट हो चुका था और सेकंड सेमेस्टर रनिंग में था । नादिर तो अपनी बीमारी के चलते अपनी डेढ़ साल की पढ़ाई से वंचित ही रह गया । नादिर अब पूरी तरह...

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होता है प्यार जीवन मे एक बार By Kishanlal Sharma

"सरिता कभी तुम्हे अकेलेपन का एहसास नही होता?इतना बड़ा घर और तुम्हारी तन्हाई।कोई तो साथी होना चाहिए जिससे जिंदगी में बहार आ जाये।जीवन साथी होना चाहिए जिससे अपने सुख दुख की बाते कर सक...

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आधुनिक नारी उत्थान की इच्छा आखिर पतन क्यों? By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

हर युग का ज्ञान कला देती रहती हैहर युग की शोभा संस्कृति लेती रहती हैइन दोनों से भूषित बेशित और मंडितहर नारी प्रतिभा एक दिव्य कथा कहती है।कला और संस्कृति को अपने आंचल में संजोए प्रत...

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कैसी-कैसी पगडंडियां By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

कैसी-कैसी पगडंडियां स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना गरीबी एक क्रूर शिक्षक की तरह है, जो सिखाती तो है पर जितना सिखाती है उससे जयादा पिटाई करती है, पाठ अच्‍छी तरह याद करने पर शाबास...

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लड़खड़ाते कदम By Rama Sharma Manavi

युवा कदम अक्सर लड़खड़ा जाते हैं, अगर सही समय पर उन्हें न सम्हाला जाय तो वे विनाश के कगार पर पहुंच जाते हैं।इस उम्र में वे कई बार प्यार और आकर्षण में फ़र्क नहीं समझ पाते।यह कथित प्या...

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रक्षाबंधन.......बंधन का पर्व (व्यंग लेख) By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

हमारा भारतवर्ष अनेक त्योहारों का देश है। यहां वर्ष के प्रत्येक महीने में कोई न कोई त्यौहार या पर्व मनाया ही जाता है । होली दीपावली गणेश चतुर्थी रक्षाबधन कृष्ण जन्माष्टमी आदि अनेक प...

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संधिपत्र By Bhavna Shekhar

संधिपत्र----------खिड़की से आती हवा के झोंके दीवार पर टंगे कैलेंडर के पन्नों को फडफड़ा देते मानो उसे याद दिला रहे हों कि चार दिन हो गये हैं, आखिर कब तक सच्चाई को छुपा पायेगी वो। सा...

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फोकट की कमाई By Vijay Tiwari Kislay

कोरी बातों से पेट नहीं भरता। पेट की आग बुझाने के लिए हाथ पैर भी चलाने पड़ते हैं। हमें इसका भी भान होना चाहिए कि पैर पेट की ओर, पेट के लिए ही मुड़ते हैं। पर, दीन...

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महेश कटारे - छछिया भर छाछ By राज बोहरे

छछिया भर छाछ हर नुक्कड़ पर ठट्ठे थे। गो कि अलाव उसी अनुपात में कम हो चुके थे जिस अनुपात में बैलों से खेती। खेतों में बैलों की घंटियों से टुनटुन की जगह ट्रेक्टर की भटर-भटर है। हफ्त...

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एक सपना सुहाना By Rama Sharma Manavi

आज रीमा की आँख जरा देर से खुली,क्योंकि आजकल रात में नींद भी बड़ी देर से आती है।उसने चौंककर इधर- उधर देखा,नितेश दिखाई नहीं दे रहे थे,घड़ी नौ बजा रही थी।सुबह शरीर अत्यधिक भारी रहता...

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भोली By Mayank Saxena Honey

भोली "बधाई हो बाबूजी भोली बिटिया का ब्याह तय हो गया", नौकर रमेश ने ये कहते हुए आदर्श बाबू को उनकी बिटिया का रिश्ता पक्का होने की बधाई दी। आदर्श बाबू सुबह समाचार पत्र पढ़ते हुए हल्की...

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लाउडस्पीकर By Anand M Mishra

वैसे हमारे घर में शादी-विवाह में लाउडस्पीकर नहीं बजता है। इसका कारण मुझे जो समझ में आया वह यह कि हमारे घर में सभी जोर-जोर से बोलते हैं। मुंह दाब कर बोलना हमलोगों की आदत में नहीं है...

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क्रिसमस ट्री और विवाह By Lajpat Rai Garg

दॉस्तोवस्की की कहानी “द क्रिसमस ट्री एण्ड द वेडिंग” का अनुवाद एक दिन मैं एक विवाह में गया ….  लेकिन नहीं, मैं तुम्हें विवाह के बारे में नहीं, क्रिसमस ट्री क...

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कहानी घरों की By Rama Sharma Manavi

बन्द दरवाजों के पीछे घरों में तमाम कहानियां पलती हैं।अभी मिसेज वर्मा ने उसके यादों के समंदर में कंकड़ फेंककर तरंगे उत्पन्न कर दी थीं।उन्होंने तो बड़े सामान्य भाव से बताया था कि उन...

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स्वीकृति - 7 By GAYATRI THAKUR

स्वीकृति अध्याय 7 उस बड़े और घने वृक्ष की पत्तियों के बीच से अस्त होते सूरज की झिलमिलाती रोशनी उसके चेहरे पर गिर रहे थे. संध्या हो रही थी, परंतु शायद सूरज के इन झिलमिलाती किरणों का...

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उम्मीद By Anand M Mishra

पृथ्वी सूर्य के चारो तरफ चक्कर लगाती है तो जिन्दगी उम्मीदों की परिधि के चारों ओर चक्कर लगाती है। जो बीता वह जिन्दगी और जो बची हुई है – वही उम्मीद है। इसका ही दूसरा नाम आशा, आस, इच्...

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इंस्पेक्शन - 2 By Kishanlal Sharma

मीणा पिछले कई दिनों से मण्डल से लगेज वाहन की डिमांड कर रहे थे।लेकिन मण्डल द्वारा लगेज वाहन उपलब्ध नही कराए जा रहे थे।लेकिन इंस्पेक्शन की वजह से लम्बे अरसे से डिस्पेच के लिए पड़े पेक...

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हरेराम काका By Anand M Mishra

आज माँ से हरेराम काका के कहलगांव में होने की बात सुनी। मन को सुकून मिला। उनका पता बहुत दिनों से नहीं चल रहा था। फोन पर हरेराम काका का हाल निरंतर पूछते रहता हूँ। हमारे भरे-पूर परिव...

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मुझे बचाओ !! - 3 - अंतिम भाग By Brijmohan sharma

(3) विचित्र बारात धन्ना व उसके रिष्तेदारों ने उनका स्वागत किया । सत्या (दूल्हे का मामा) ने धन्ना से कहा,” दूल्हे की सवारी के लिए घोड़ी का इंतजार कीजिए । “ धन्ना बोला, &l...

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बड़े धोखे हैं... By Rama Sharma Manavi

संसार में हर कदम पर धोखे हैं, देने वालों और खाने वालों की कमी नहीं है।कुछ खुशकिस्मत बाल-बाल बच जाते हैं। विविधा के बाल्यकाल में ही माँ की मृत्यु हो गई थी, पिता ने अपने से आधी...

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ब्रेड-बटर... By Saroj Verma

रामनगर में एक किसान रहता था,जिसका नाम रामसजीवन था,उसकी मेहरारू बिंदिया और वो दिनभर खेतों में कड़ी मेहनत करते थे,तब जा के दो वक़्त के खाने का जुगाड़ हो पाता था, धीरे-धीरे वक़्त गुजर...

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संयोग--मुराद मन की - 2 By Kishanlal Sharma

उस दिन के बाद अनुराग को रोज तीनो लडकिया नज़र आने लगी।वे तीनों लडकिया कहां जाती है?इस बात का पता करने के लिए एक दिन उसने उनका पीछा किया।तब उसे पता चला तीनो लडकिया किरन होटल जाती है।य...

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मुखौटा ही मुखौटा - 2 By Heena_Pathan

अब तक आपने पढ़ा देव जो की आज के जमाने का लड़का है और वह सोशल मीडिया का आदि है और जिंदगी में बस गेम और सोशल मीडिया ही उसका जीवन है ना घर में माता पिता से बात करता न कुछ जॉब और दोस्...

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तुम क्यों हार गई शिखा? By Ranjana Jaiswal

शिखा मेरे बचपन की सखी थी |कक्षा छह से बी. ए. तक हम एक साथ एक ही कालेज में पढ़े थे |कस्बे के एकमात्र कालेज में पढ़ने के लिए वह मिलों दूर अपने गाँव से आती थी |कस्बे में घर होने के कारण...

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विश्व का प्रथम विज्ञापन--- मध्यप्रदेश में By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

मध्य प्रदेश भारतवर्ष का ह्रदय है। इसके आंचल में अनेक साम्राज्य उठे और गिरे है इसके पर्वतों के साए में विभिन्न जातियों ने अंगड़ाई ली है इस के अंतराल में साहित्य का मधुर रस पका है सं...

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स्वतन्त्र सक्सेना की कहानियां - बद्री विशाल - 1 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

बद्री विशाल सबके हैं 1 कहानी स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना समीक्षा स्वतन्त्र सक्सेना एक परिपक्व और विचारशील रचनाकार हैं, वे निबन्ध लेखक और...

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अरे दौरियो बचाईयो By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

अरे दौरियो बचाईयो स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना अरे दौरियो बचाईयो। ओ पनबेसुर।। कक्‍कू का घर गिर गया था दो तीन दिन की घनघोर वर्षा का आ...

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अति की भली न चूप By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

"अति का भला न बोलना अति की भली न चूप"---- इसकी अर्धाली अति का भला न बोलना पर तो ऋषि, मुनि ,संत, महात्मा, दार्शनिक ,राजनेता ,समाज सुधारक सभी ने जोर दिया है। घर परिवार मित्र मंडली स...

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नदी नाव संयोग By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

समय परिवर्तनशील है। बदलते समय के साथ ही समाज की आवश्यकताएं मान्यताएं और विचारधाराएं भी परिवर्तित हो जाती है। जीवन की प्रत्येक वस्तु एवं परिस्थिति को मानव नए परिवेश के संदर्भ में दे...

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पति देवता By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

पति देवता डॉ0 स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना -‘पति तो देवता होता है,पति की ही बेज्‍जती स्‍वागत सत्‍कार तो गया चूल्‍हे...

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चेहरे पर चेहरा (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

"रात को ही आया हूँ।डॉॉॉक्ट साहिब हमे अंदर ले गए।जगदीश बोला,"क्या हुआ रिशते का? कीसन परेशान है।""घर पर फ़ोटो दिखाया था।सबको लड़की पसंद आ गयी।""तो फिर देर किस बात की है?""हां।म...

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जोर जुलुम की टक्कर में.... By राज बोहरे

ट्रेन ठीक ग्यारह बजे आती थी । फटेहाल देहाती से दिखते मजबूत लोगों के एक जत्थे ने स्टेशन पर प्रवेश किया । इसके पांचेक मिनिट बाद दूसरा जत्था भीतर आया, फिर रेला सा लग गया । दस मिनिट...

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इन्तजार एक हद तक - 12 - (महामारी) By RACHNA ROY

फिर खाना खा कर कागज़ की प्लेट फेंकने गया अमित, फिर हाथ धोकर आ गए तो रमेश अपना हाथ धोने गया ‌।फिर बोटल से पानी पीने लगे और उसके बाद दोनों ही अपनी सीट पर सो गए। रमेश तो परी के पास ही...

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हैप्पी बर्थडे टू मी By Rama Sharma Manavi

हर साल जन्मदिन, मैरिज एनिवर्सरी आता है और चला जाता है।घर में शाम को कुछ स्पेशल यथा छोले- भटूरे,चीले, डोसे या इसी तरह कोई एक चीज बना लेती हूँ और पति कोई मिठाई ले आते हैं।वैसे काफ...

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Real Incidents - Incident 3: पुजारी By Anil Patel_Bunny

Incident 3: पुजारी आज से करीबन 2 साल पहले, हनुमान जी के मंदिर के बाहर आज भक्तों की लंबी कतार थी, आज हनुमान जयंती थी, और सभी छोटे बच्चों को आज बाल भोज (गुजरात में ‘बटुक भोजन’) क...

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मेरी मिट्टी मेरा खेत - ( भाग - 5 ) - अंतिम भाग By ARUANDHATEE GARG मीठी

जगमोहन की बात सुनकर सभी हतप्रभ थे । वहां खड़े कुछ गांव वालों ने , जगमोहन की बात का समर्थन किया । क्योकि गांवों में आज भी , लड़की की इज्जत और दहेज एक समान ही होते हैं । दोनों को खान...

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मार्क्स - Season-1 - भाग - 6 - अंतिम भाग By ARUANDHATEE GARG मीठी

सुहाना का अब कॉलेज का फर्स्ट सेमेस्टर कंप्लीट हो चुका था और सेकंड सेमेस्टर रनिंग में था । नादिर तो अपनी बीमारी के चलते अपनी डेढ़ साल की पढ़ाई से वंचित ही रह गया । नादिर अब पूरी तरह...

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होता है प्यार जीवन मे एक बार By Kishanlal Sharma

"सरिता कभी तुम्हे अकेलेपन का एहसास नही होता?इतना बड़ा घर और तुम्हारी तन्हाई।कोई तो साथी होना चाहिए जिससे जिंदगी में बहार आ जाये।जीवन साथी होना चाहिए जिससे अपने सुख दुख की बाते कर सक...

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आधुनिक नारी उत्थान की इच्छा आखिर पतन क्यों? By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

हर युग का ज्ञान कला देती रहती हैहर युग की शोभा संस्कृति लेती रहती हैइन दोनों से भूषित बेशित और मंडितहर नारी प्रतिभा एक दिव्य कथा कहती है।कला और संस्कृति को अपने आंचल में संजोए प्रत...

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कैसी-कैसी पगडंडियां By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

कैसी-कैसी पगडंडियां स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना गरीबी एक क्रूर शिक्षक की तरह है, जो सिखाती तो है पर जितना सिखाती है उससे जयादा पिटाई करती है, पाठ अच्‍छी तरह याद करने पर शाबास...

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लड़खड़ाते कदम By Rama Sharma Manavi

युवा कदम अक्सर लड़खड़ा जाते हैं, अगर सही समय पर उन्हें न सम्हाला जाय तो वे विनाश के कगार पर पहुंच जाते हैं।इस उम्र में वे कई बार प्यार और आकर्षण में फ़र्क नहीं समझ पाते।यह कथित प्या...

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रक्षाबंधन.......बंधन का पर्व (व्यंग लेख) By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

हमारा भारतवर्ष अनेक त्योहारों का देश है। यहां वर्ष के प्रत्येक महीने में कोई न कोई त्यौहार या पर्व मनाया ही जाता है । होली दीपावली गणेश चतुर्थी रक्षाबधन कृष्ण जन्माष्टमी आदि अनेक प...

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संधिपत्र By Bhavna Shekhar

संधिपत्र----------खिड़की से आती हवा के झोंके दीवार पर टंगे कैलेंडर के पन्नों को फडफड़ा देते मानो उसे याद दिला रहे हों कि चार दिन हो गये हैं, आखिर कब तक सच्चाई को छुपा पायेगी वो। सा...

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फोकट की कमाई By Vijay Tiwari Kislay

कोरी बातों से पेट नहीं भरता। पेट की आग बुझाने के लिए हाथ पैर भी चलाने पड़ते हैं। हमें इसका भी भान होना चाहिए कि पैर पेट की ओर, पेट के लिए ही मुड़ते हैं। पर, दीन...

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महेश कटारे - छछिया भर छाछ By राज बोहरे

छछिया भर छाछ हर नुक्कड़ पर ठट्ठे थे। गो कि अलाव उसी अनुपात में कम हो चुके थे जिस अनुपात में बैलों से खेती। खेतों में बैलों की घंटियों से टुनटुन की जगह ट्रेक्टर की भटर-भटर है। हफ्त...

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एक सपना सुहाना By Rama Sharma Manavi

आज रीमा की आँख जरा देर से खुली,क्योंकि आजकल रात में नींद भी बड़ी देर से आती है।उसने चौंककर इधर- उधर देखा,नितेश दिखाई नहीं दे रहे थे,घड़ी नौ बजा रही थी।सुबह शरीर अत्यधिक भारी रहता...

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भोली By Mayank Saxena Honey

भोली "बधाई हो बाबूजी भोली बिटिया का ब्याह तय हो गया", नौकर रमेश ने ये कहते हुए आदर्श बाबू को उनकी बिटिया का रिश्ता पक्का होने की बधाई दी। आदर्श बाबू सुबह समाचार पत्र पढ़ते हुए हल्की...

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लाउडस्पीकर By Anand M Mishra

वैसे हमारे घर में शादी-विवाह में लाउडस्पीकर नहीं बजता है। इसका कारण मुझे जो समझ में आया वह यह कि हमारे घर में सभी जोर-जोर से बोलते हैं। मुंह दाब कर बोलना हमलोगों की आदत में नहीं है...

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क्रिसमस ट्री और विवाह By Lajpat Rai Garg

दॉस्तोवस्की की कहानी “द क्रिसमस ट्री एण्ड द वेडिंग” का अनुवाद एक दिन मैं एक विवाह में गया ….  लेकिन नहीं, मैं तुम्हें विवाह के बारे में नहीं, क्रिसमस ट्री क...

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कहानी घरों की By Rama Sharma Manavi

बन्द दरवाजों के पीछे घरों में तमाम कहानियां पलती हैं।अभी मिसेज वर्मा ने उसके यादों के समंदर में कंकड़ फेंककर तरंगे उत्पन्न कर दी थीं।उन्होंने तो बड़े सामान्य भाव से बताया था कि उन...

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स्वीकृति - 7 By GAYATRI THAKUR

स्वीकृति अध्याय 7 उस बड़े और घने वृक्ष की पत्तियों के बीच से अस्त होते सूरज की झिलमिलाती रोशनी उसके चेहरे पर गिर रहे थे. संध्या हो रही थी, परंतु शायद सूरज के इन झिलमिलाती किरणों का...

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उम्मीद By Anand M Mishra

पृथ्वी सूर्य के चारो तरफ चक्कर लगाती है तो जिन्दगी उम्मीदों की परिधि के चारों ओर चक्कर लगाती है। जो बीता वह जिन्दगी और जो बची हुई है – वही उम्मीद है। इसका ही दूसरा नाम आशा, आस, इच्...

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इंस्पेक्शन - 2 By Kishanlal Sharma

मीणा पिछले कई दिनों से मण्डल से लगेज वाहन की डिमांड कर रहे थे।लेकिन मण्डल द्वारा लगेज वाहन उपलब्ध नही कराए जा रहे थे।लेकिन इंस्पेक्शन की वजह से लम्बे अरसे से डिस्पेच के लिए पड़े पेक...

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हरेराम काका By Anand M Mishra

आज माँ से हरेराम काका के कहलगांव में होने की बात सुनी। मन को सुकून मिला। उनका पता बहुत दिनों से नहीं चल रहा था। फोन पर हरेराम काका का हाल निरंतर पूछते रहता हूँ। हमारे भरे-पूर परिव...

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मुझे बचाओ !! - 3 - अंतिम भाग By Brijmohan sharma

(3) विचित्र बारात धन्ना व उसके रिष्तेदारों ने उनका स्वागत किया । सत्या (दूल्हे का मामा) ने धन्ना से कहा,” दूल्हे की सवारी के लिए घोड़ी का इंतजार कीजिए । “ धन्ना बोला, &l...

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बड़े धोखे हैं... By Rama Sharma Manavi

संसार में हर कदम पर धोखे हैं, देने वालों और खाने वालों की कमी नहीं है।कुछ खुशकिस्मत बाल-बाल बच जाते हैं। विविधा के बाल्यकाल में ही माँ की मृत्यु हो गई थी, पिता ने अपने से आधी...

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ब्रेड-बटर... By Saroj Verma

रामनगर में एक किसान रहता था,जिसका नाम रामसजीवन था,उसकी मेहरारू बिंदिया और वो दिनभर खेतों में कड़ी मेहनत करते थे,तब जा के दो वक़्त के खाने का जुगाड़ हो पाता था, धीरे-धीरे वक़्त गुजर...

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संयोग--मुराद मन की - 2 By Kishanlal Sharma

उस दिन के बाद अनुराग को रोज तीनो लडकिया नज़र आने लगी।वे तीनों लडकिया कहां जाती है?इस बात का पता करने के लिए एक दिन उसने उनका पीछा किया।तब उसे पता चला तीनो लडकिया किरन होटल जाती है।य...

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मुखौटा ही मुखौटा - 2 By Heena_Pathan

अब तक आपने पढ़ा देव जो की आज के जमाने का लड़का है और वह सोशल मीडिया का आदि है और जिंदगी में बस गेम और सोशल मीडिया ही उसका जीवन है ना घर में माता पिता से बात करता न कुछ जॉब और दोस्...

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