hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • गैस लाइटिंग

    गैस लाइटिंग आखिर है क्या?सर्वप्रथम यह जानना आवश्यक है।यह एक ऐसा दुर्व्यवहार ह...

  • रिश्ते तिज़ारत नहीं होते - 1

    (1) मुझे नहीं पता था कि उम्र के चौथेपन में मुझे इन स्थितियों का सामना करना पड़ेगा...

  • रिमझिम गिरे सावन - 2

    भाग (२) और बाबा उस नवयुवक को घर के भीतर ले आएं, फिर उसका ओवरकोट उतरवा कर बोले......

गैस लाइटिंग By Rama Sharma Manavi

गैस लाइटिंग आखिर है क्या?सर्वप्रथम यह जानना आवश्यक है।यह एक ऐसा दुर्व्यवहार है, जिसमें इस तरह से ब्रेन वाशिंग की जाती है कि आपको अपनी काबिलियत एवं फैसलों पर शक होने लगता है।पीड़ि...

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रिश्ते तिज़ारत नहीं होते - 1 By Ranjana Jaiswal

(1) मुझे नहीं पता था कि उम्र के चौथेपन में मुझे इन स्थितियों का सामना करना पड़ेगा। कोविड 19 की पहली लहर बीमारी से बचने, नौकरी को बचाने, ऑनलाइन पढ़ाने के तनाव में ऊपर ही ऊपर से गुजर ग...

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इन्तजार एक हद तक (महामारी) - 17 By RACHNA ROY

काफी मुश्किल के बाद शायद यही एक घर बचा है यार। अमित ने कहा। रमेश ने कहा हां मुझे भरोसा है अम्मा जी पर। यहा तो शादी का माहौल लग रहा है। ये अमित ने कहा। रमेश ने कहा हां यही कोठी है।...

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रिमझिम गिरे सावन - 2 By Saroj Verma

भाग (२) और बाबा उस नवयुवक को घर के भीतर ले आएं, फिर उसका ओवरकोट उतरवा कर बोले....     बाबूसाहब!, ये रही अँगीठी, आप हाथ पैर सेंक लीजिए, फिर बोले...  झुम्पा! जरा...

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इंस्पेक्शन (भाग 3) By Kishanlal Sharma

व मण्डल वाणिज्य प्रबन्धक मौर्या, सी पी एस मीणा के साथ ट्रेवेल एजेंसी पहुंचे थे । दो कारे बुक करके उसे सारा प्रोग्राम समझाने के बाद मौर्या, मीना से बोले,"अब उन दुकानों को तय कर लिय...

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कर्तव्य - 7 By Asha Saraswat

कर्तव्य (7) सुबह से ही हम सब भाई बहिन ने मिलकर योजना बनाई कि हम दिन में रामलीला का मंचन करेंगे। सुबह की दिनचर्या पूरी करने के बाद हमने भोजन किया और अपने आस-...

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चुड़ैल कहीं की By Ranjana Jaiswal

हमारे समाज में लड़की को कभी प्यार तो कभी तिरस्कार से चुड़ैल कह देने की परंपरा है पर इसका अर्थ कदापि नहीं होता कि लड़की के पैर पीछे की ओर मुड़े होते हैं या वह किसी पर सवार होकर सताती...

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अन्जानी सी दोस्त... By Saroj Verma

कल शाम को अपनी पत्नी के संग बाज़ार से लौट ही रहा था कि अचानक ही सोसायटी के गेट पर कार पार्किंग के समय वो मिल गई,उसने हाथ हिलाकर हैलो बोला तो मैंने भी मुस्कुराते हुए हाथ हिला दिया फ...

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बोलती गुड़िया - 3 - अंतिम भाग By Asha Saraswat

भाग (3) शीतल अपने घर चली गई कभी-कभी लैंडलाइन नंबर पर उससे बात हो जाती । वह अपनी ससुराल में बड़ी बहू होने के कारण सभी की लाड़ली थी। वह अपनी गृहस्थी में बहुत ख़ुश थी । उसके पति इंजीन...

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आइडेंटिटी क्राईसिस - 3 - अंतिम भाग By Manish Gode

एपिसोड ३. ‘मुँबई-मिरर’ का नया अंक बुक स्टॉल पर आ चुका था। उसने पुरे मुँबई में धुम मचा दी थी। हर तरफ उसकी वाह-वाही हो रही थी। हर तरफ उसके आर्टिकल ने लोगों को सोचने पर मज...

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मेज़बान - 3 - अंतिम भाग By Ashish Kumar Trivedi

(3) बुक शेल्फ के बाद किशोर की नज़र एक दीवार पर पड़ी। उसमें कुछ फ्रेम टंगे हुए थे। वह उन्हें देखने लगा। सभी तस्वीरों में प्रोफेसर पवन कुमार एक औरत के साथ थे। वह औरत बहुत सुंदर थी। त...

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मृग मरीचिका - 3 - अंतिम भाग By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

- खंड-3 - यह सब शायद यूँ ही चलता रहता यदि उन दिनों मैं अपनी चचेरी नन्द के घर एक शादी के उत्सव में न जाती, जहाँ एकाएक अनुसुइया भाभी से भेंट हो गई। वैसे उन्हें पहचानना थोड़ा मुश्किल...

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भूलना By S Bhagyam Sharma

तमिल लेखिका वासंती की मूल तमिल कहानी का हिन्दी अनुवाद एस भाग्यम शर्मा छोटू आज बहुत जल्दबाजी में था। आज उसके अध्यापक ने कहा था कि रात को जल्दी सो जाना क्योंकि कल सुबह 7:00 बजे तुम्ह...

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कर्मफल By Saroj Prajapati

" मैं भी तो तेरी भाभी हूं! आज रात रूक जा यही!" अपनी बड़ी भाभी की बीमारी का सुनकर उनसे मिलने आई मैं उन्हें मना ना कर सकी और रुक गई।हर दम चुस्त-दुरुस्त रहने वाली और अपने इशारों पर प...

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विदेश में अपना देस By Arun Singla

“दीदी में मरना चाहती हूँ “ फातिमा ने दुखी हो कर कहा .फातिमा की उम्र लगभग 42 साल कद 5.5 रंग गेहुआ, चोडा माथा, भूरी आँखे, तीखी नाक शरीर भरा भरा था. वह बंगलादेश भारत के 4,156 किलोमीटर...

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पापा की अनकही By S Bhagyam Sharma

इस तमिल कहानी की लेखिका वासंती है | अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा | लिफ्ट के अंदर कोई नहीं था। उसको इसके अंदर अकेले रहना पसंद है। किसी की निगाह में आए बिना अकेले रहना ऊपर पंखे का चलना उ...

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अनुभव अपने-अपने By Rama Sharma Manavi

विवाह के चार माह पश्चात अनिका दौज पर मायके आई थी।छोटी बुआ यामिनी को देखकर अनिका खुशी से बुआ के गले से लिपट गई।छोटी बुआ से उसकी हमेशा से खूब पटरी खाती थी, बुआ कम मित्रता का रिश्त...

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बीवी और टीवी By नन्दलाल सुथार राही

हर कोई रमेश की तारीफ़ करता फिरता था। कुछ लोगो ने तो उसे कलयुग का श्रवण कुमार का दर्जा भी दे दिया। ऐसा संस्कारी पुत्र बड़े नसीब वालो को ही मिलता है। माता पिता और छोटे भाई का पेट वही...

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उबड़-खाबड़ जिंदगी By Rama Sharma Manavi

अभी दो दिन पहले खबर मिली कि हर्षिता के पति का देहांत हो गया।यह तो नहीं कह सकती कि यह खबर सुनकर मैं सकते में आ गई क्योंकि यह तो सम्भावित ही था।बल्कि कटु सत्य तो यही है कि उसके सं...

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सिमॉन का पापा By Lajpat Rai Garg

गाई द मोपासां की कहानी ‘सिमॉन’स पापा’ का हिन्दी अनुवाद बारह बजे थे। स्कूल का दरवाजा खुला और जल्दी से बाहर निकलने की फ़िराक़ में एक-दूसरे को  धकियाते बच्चे बा...

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मातृभाषा हिंदी By Anant Dhish Aman

हिंदी का इतिहास भारत में 1000 साल पुराना है यह भारत के सिर्फ भाषा ही नहीं बल्कि इसमें झलकती है हमारी कृती प्रकृति और संस्कृति। इस भाषा के द्वारा संस्कृत भाषा को जीवंत रखते आए हैं स...

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एक झोंका हवा का By Rama Sharma Manavi

उम्र के सातवें दशक का प्रारंभ, एकसार उबाऊ दिनचर्या, न उत्साह,न उमंग,बस जीवन गुजारा जाता है।जीना किसे कहते हैं काफ़ी पहले ही भूल जाते हैं हम जिंदगी की जद्दोजहद में।कुछ ऐसी ही हमार...

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स्वतन्त्र सक्सेना की कहानियां - बद्री विशाल - 4 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

बद्री विशाल सबके हैं 4 कहानी स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना समीक्षा स्वतन्त्र सक्सेना एक परिपक्व और विचारशील रचनाकार हैं, वे निबन्ध लेखक और...

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चेहरे की किताब By Anant Dhish Aman

फेसबुक (चेहरे की किताब)चेहरे की किताब अक्सर धोखा खाया करती है ऐसा कहा करते है हमारे बड़े बुजुर्ग। चेहरे से किसी के चरित्र को नहीं देखा जा सकता है बात तो बिल्कुल सत प्रतिशत सत्य है।...

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हिंदी भाषा पर आधुनिकता के बढ़ते प्रभाव By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

मानव ह्रदय में स्थित भाव एवं विचारों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम भाषा है। भाषा विचारों की सम वाहिका है । भाषा के अभाव में भाव मूक हो जाते हैं विचार वधिर और अभिव्यक्ति पंगु बन कर...

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वैज्ञानिक चेतना, भविष्‍य केा जानने की चिन्‍ताएं By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

लेख वैज्ञानिक चेतना , भविष्‍य केा जानने की चिन्‍ताएं डॉ स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना भविष्‍य के प्रति जिज्ञासा व चिन्‍ता...

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भाई की शादी और अवकाश By Anand M Mishra

कोरोना काल चल रहा था। रोज मरने-दफनाने-जलाने की ख़बरें आ रही थीं। चाँद पर अवस्थित एक विद्यालय में कार्यरत सुजय सर को अपने छोटे भाई की शादी में घर जाना था। उन्होंने अपना ट्रेन में अ...

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स्वीकृति - 8 By GAYATRI THAKUR

स्वीकृति अध्याय आठ सुष्मिता पार्सल को खोलती है तो पार्सल में नोटों के कुछ बंडल पड़े थे जिसे देखते ही उसके आंखों में विस्मय तथा संशय दोनों ही भाव एक साथ तैरने लगते हैं. एक साथ सैकड़...

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अरेंज मैरिज भी आसान नहीं By Rama Sharma Manavi

मैं आजकल अपने बड़े बेटे के विवाह के लिए प्रयासरत हूँ।मेरा बड़ा बेटा सरकारी बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर अभी दो वर्ष पूर्व पोस्टेड हुआ है।अब मेरा बेटा है तो मुझे तो सर्वगुण स...

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गैस लाइटिंग By Rama Sharma Manavi

गैस लाइटिंग आखिर है क्या?सर्वप्रथम यह जानना आवश्यक है।यह एक ऐसा दुर्व्यवहार है, जिसमें इस तरह से ब्रेन वाशिंग की जाती है कि आपको अपनी काबिलियत एवं फैसलों पर शक होने लगता है।पीड़ि...

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रिश्ते तिज़ारत नहीं होते - 1 By Ranjana Jaiswal

(1) मुझे नहीं पता था कि उम्र के चौथेपन में मुझे इन स्थितियों का सामना करना पड़ेगा। कोविड 19 की पहली लहर बीमारी से बचने, नौकरी को बचाने, ऑनलाइन पढ़ाने के तनाव में ऊपर ही ऊपर से गुजर ग...

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इन्तजार एक हद तक (महामारी) - 17 By RACHNA ROY

काफी मुश्किल के बाद शायद यही एक घर बचा है यार। अमित ने कहा। रमेश ने कहा हां मुझे भरोसा है अम्मा जी पर। यहा तो शादी का माहौल लग रहा है। ये अमित ने कहा। रमेश ने कहा हां यही कोठी है।...

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रिमझिम गिरे सावन - 2 By Saroj Verma

भाग (२) और बाबा उस नवयुवक को घर के भीतर ले आएं, फिर उसका ओवरकोट उतरवा कर बोले....     बाबूसाहब!, ये रही अँगीठी, आप हाथ पैर सेंक लीजिए, फिर बोले...  झुम्पा! जरा...

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इंस्पेक्शन (भाग 3) By Kishanlal Sharma

व मण्डल वाणिज्य प्रबन्धक मौर्या, सी पी एस मीणा के साथ ट्रेवेल एजेंसी पहुंचे थे । दो कारे बुक करके उसे सारा प्रोग्राम समझाने के बाद मौर्या, मीना से बोले,"अब उन दुकानों को तय कर लिय...

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कर्तव्य - 7 By Asha Saraswat

कर्तव्य (7) सुबह से ही हम सब भाई बहिन ने मिलकर योजना बनाई कि हम दिन में रामलीला का मंचन करेंगे। सुबह की दिनचर्या पूरी करने के बाद हमने भोजन किया और अपने आस-...

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चुड़ैल कहीं की By Ranjana Jaiswal

हमारे समाज में लड़की को कभी प्यार तो कभी तिरस्कार से चुड़ैल कह देने की परंपरा है पर इसका अर्थ कदापि नहीं होता कि लड़की के पैर पीछे की ओर मुड़े होते हैं या वह किसी पर सवार होकर सताती...

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अन्जानी सी दोस्त... By Saroj Verma

कल शाम को अपनी पत्नी के संग बाज़ार से लौट ही रहा था कि अचानक ही सोसायटी के गेट पर कार पार्किंग के समय वो मिल गई,उसने हाथ हिलाकर हैलो बोला तो मैंने भी मुस्कुराते हुए हाथ हिला दिया फ...

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बोलती गुड़िया - 3 - अंतिम भाग By Asha Saraswat

भाग (3) शीतल अपने घर चली गई कभी-कभी लैंडलाइन नंबर पर उससे बात हो जाती । वह अपनी ससुराल में बड़ी बहू होने के कारण सभी की लाड़ली थी। वह अपनी गृहस्थी में बहुत ख़ुश थी । उसके पति इंजीन...

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आइडेंटिटी क्राईसिस - 3 - अंतिम भाग By Manish Gode

एपिसोड ३. ‘मुँबई-मिरर’ का नया अंक बुक स्टॉल पर आ चुका था। उसने पुरे मुँबई में धुम मचा दी थी। हर तरफ उसकी वाह-वाही हो रही थी। हर तरफ उसके आर्टिकल ने लोगों को सोचने पर मज...

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मेज़बान - 3 - अंतिम भाग By Ashish Kumar Trivedi

(3) बुक शेल्फ के बाद किशोर की नज़र एक दीवार पर पड़ी। उसमें कुछ फ्रेम टंगे हुए थे। वह उन्हें देखने लगा। सभी तस्वीरों में प्रोफेसर पवन कुमार एक औरत के साथ थे। वह औरत बहुत सुंदर थी। त...

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मृग मरीचिका - 3 - अंतिम भाग By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

- खंड-3 - यह सब शायद यूँ ही चलता रहता यदि उन दिनों मैं अपनी चचेरी नन्द के घर एक शादी के उत्सव में न जाती, जहाँ एकाएक अनुसुइया भाभी से भेंट हो गई। वैसे उन्हें पहचानना थोड़ा मुश्किल...

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भूलना By S Bhagyam Sharma

तमिल लेखिका वासंती की मूल तमिल कहानी का हिन्दी अनुवाद एस भाग्यम शर्मा छोटू आज बहुत जल्दबाजी में था। आज उसके अध्यापक ने कहा था कि रात को जल्दी सो जाना क्योंकि कल सुबह 7:00 बजे तुम्ह...

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कर्मफल By Saroj Prajapati

" मैं भी तो तेरी भाभी हूं! आज रात रूक जा यही!" अपनी बड़ी भाभी की बीमारी का सुनकर उनसे मिलने आई मैं उन्हें मना ना कर सकी और रुक गई।हर दम चुस्त-दुरुस्त रहने वाली और अपने इशारों पर प...

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विदेश में अपना देस By Arun Singla

“दीदी में मरना चाहती हूँ “ फातिमा ने दुखी हो कर कहा .फातिमा की उम्र लगभग 42 साल कद 5.5 रंग गेहुआ, चोडा माथा, भूरी आँखे, तीखी नाक शरीर भरा भरा था. वह बंगलादेश भारत के 4,156 किलोमीटर...

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पापा की अनकही By S Bhagyam Sharma

इस तमिल कहानी की लेखिका वासंती है | अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा | लिफ्ट के अंदर कोई नहीं था। उसको इसके अंदर अकेले रहना पसंद है। किसी की निगाह में आए बिना अकेले रहना ऊपर पंखे का चलना उ...

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अनुभव अपने-अपने By Rama Sharma Manavi

विवाह के चार माह पश्चात अनिका दौज पर मायके आई थी।छोटी बुआ यामिनी को देखकर अनिका खुशी से बुआ के गले से लिपट गई।छोटी बुआ से उसकी हमेशा से खूब पटरी खाती थी, बुआ कम मित्रता का रिश्त...

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बीवी और टीवी By नन्दलाल सुथार राही

हर कोई रमेश की तारीफ़ करता फिरता था। कुछ लोगो ने तो उसे कलयुग का श्रवण कुमार का दर्जा भी दे दिया। ऐसा संस्कारी पुत्र बड़े नसीब वालो को ही मिलता है। माता पिता और छोटे भाई का पेट वही...

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उबड़-खाबड़ जिंदगी By Rama Sharma Manavi

अभी दो दिन पहले खबर मिली कि हर्षिता के पति का देहांत हो गया।यह तो नहीं कह सकती कि यह खबर सुनकर मैं सकते में आ गई क्योंकि यह तो सम्भावित ही था।बल्कि कटु सत्य तो यही है कि उसके सं...

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सिमॉन का पापा By Lajpat Rai Garg

गाई द मोपासां की कहानी ‘सिमॉन’स पापा’ का हिन्दी अनुवाद बारह बजे थे। स्कूल का दरवाजा खुला और जल्दी से बाहर निकलने की फ़िराक़ में एक-दूसरे को  धकियाते बच्चे बा...

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मातृभाषा हिंदी By Anant Dhish Aman

हिंदी का इतिहास भारत में 1000 साल पुराना है यह भारत के सिर्फ भाषा ही नहीं बल्कि इसमें झलकती है हमारी कृती प्रकृति और संस्कृति। इस भाषा के द्वारा संस्कृत भाषा को जीवंत रखते आए हैं स...

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एक झोंका हवा का By Rama Sharma Manavi

उम्र के सातवें दशक का प्रारंभ, एकसार उबाऊ दिनचर्या, न उत्साह,न उमंग,बस जीवन गुजारा जाता है।जीना किसे कहते हैं काफ़ी पहले ही भूल जाते हैं हम जिंदगी की जद्दोजहद में।कुछ ऐसी ही हमार...

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स्वतन्त्र सक्सेना की कहानियां - बद्री विशाल - 4 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

बद्री विशाल सबके हैं 4 कहानी स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना समीक्षा स्वतन्त्र सक्सेना एक परिपक्व और विचारशील रचनाकार हैं, वे निबन्ध लेखक और...

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चेहरे की किताब By Anant Dhish Aman

फेसबुक (चेहरे की किताब)चेहरे की किताब अक्सर धोखा खाया करती है ऐसा कहा करते है हमारे बड़े बुजुर्ग। चेहरे से किसी के चरित्र को नहीं देखा जा सकता है बात तो बिल्कुल सत प्रतिशत सत्य है।...

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वैज्ञानिक चेतना, भविष्‍य केा जानने की चिन्‍ताएं By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

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भाई की शादी और अवकाश By Anand M Mishra

कोरोना काल चल रहा था। रोज मरने-दफनाने-जलाने की ख़बरें आ रही थीं। चाँद पर अवस्थित एक विद्यालय में कार्यरत सुजय सर को अपने छोटे भाई की शादी में घर जाना था। उन्होंने अपना ट्रेन में अ...

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स्वीकृति - 8 By GAYATRI THAKUR

स्वीकृति अध्याय आठ सुष्मिता पार्सल को खोलती है तो पार्सल में नोटों के कुछ बंडल पड़े थे जिसे देखते ही उसके आंखों में विस्मय तथा संशय दोनों ही भाव एक साथ तैरने लगते हैं. एक साथ सैकड़...

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अरेंज मैरिज भी आसान नहीं By Rama Sharma Manavi

मैं आजकल अपने बड़े बेटे के विवाह के लिए प्रयासरत हूँ।मेरा बड़ा बेटा सरकारी बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर अभी दो वर्ष पूर्व पोस्टेड हुआ है।अब मेरा बेटा है तो मुझे तो सर्वगुण स...

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