hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


Languages
Categories
Featured Books
  • नक़ल या अक्ल - 73

    73 हादसा   किशोर को ऐसे लहूलुहान  देखकर, सरला और लक्ष्मण प्रसाद दौड़कर आए, सरला ज़...

  • स्वयंवधू - 23

    "वह रेड्डी परिवार के प्रति भी कुछ गुस्सा थी कि वह चाहती थी कि मैं तुम्हें और तुम...

  • नागेंद्र - भाग 5

    गजेंद्र सिंह गायत्री जी के पिता दिलराज सिंह को अपनी बातों में फंसा कर उनका पूरा...

नक़ल या अक्ल - 73 By Swati Grover

73 हादसा   किशोर को ऐसे लहूलुहान  देखकर, सरला और लक्ष्मण प्रसाद दौड़कर आए, सरला ज़ोर से चीखी, किशोर! और तभी उसकी आँख खुल गई। उसके देखा कि  वह  छत पर सोई  हुई  है।  बगल वाली चारपाई  प...

Read Free

स्वयंवधू - 23 By Sayant

"वह रेड्डी परिवार के प्रति भी कुछ गुस्सा थी कि वह चाहती थी कि मैं तुम्हें और तुम्हारे छोटे भाई राज को भी खत्म कर दूँ!", सुन दी हैरान-परेशान रह गयी,दी ने शिवम जी का हाथ पकड़कर पूछा,...

Read Free

नागेंद्र - भाग 5 By anita bashal

गजेंद्र सिंह गायत्री जी के पिता दिलराज सिंह को अपनी बातों में फंसा कर उनका पूरा कारोबार अपने नाम करवा चुका था। अब उसकी नजर हवेली पर थी और उसने हवेली को अपने नाम करवाने के लिए भी को...

Read Free

बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 19 By Dev Srivastava Divyam

   सुबह का समय,   फातिमा हॉस्पिटल,   मिस्टर ठाकुर ने सबको बाहर जाने को बोला तो सबने सिद्धांत की ओर देखा क्योंकि जैसा मिस्टर ठाकुर का लहजा था उससे सबको बहुत बुरा लगा लेकिन सिद्धांत...

Read Free

अग्निपरीक्षा! By रेखा श्रीवास्तव

अग्निपरीक्षा !             कुछ ही दिन पहले वह मुझे नर्सिंग होम कि लिफ्ट में टकरा गयी। एकदम मैं उसके पहचान नहीं पायी क्योंकि एक लम्बे अरसे बाद मिल रही थी। सारी चीजें वही लेकिन बस चे...

Read Free

सुरासुर - 2 By Sorry zone

"क्या मैं मर गया पर मुझे तो कोई दर्द महसूस नहीं हुआ मैं जिंदा भी हूँ कि नहीं मफ्फ इतना समय क्यों लग रहा है"? दाईं पलक खोलने पर वह आश्चर्यचकित रह गया क्योंकि अब उसके सामने लार टपकान...

Read Free

रावी की लहरें - भाग 25 (अंतिम भाग) By Sureshbabu Mishra

सम्बन्ध   आरती अपने पति की फैक्ट्री के निकट बने एक कैफे में बैठी हुई थी । उनकी निगाहें बार-बार फैक्ट्री के मेन गेट की ओर उठ जाती थीं। उसे अपने पति के फैक्ट्री से बाहर निकलने क...

Read Free

पथरीले कंटीले रास्ते - 24 By Sneh Goswami

  24   जेल के उस मुलाकात के कमरे में बग्गा सिंह अपने बेटे के साथ दुख सुख बाँट रहा था । बारह तेरह दिन बाद उसे बेटे से मिलने का अवसर मिला था और वह इस अवसर का पूरा पूरा लाभ उठाना चाहत...

Read Free

युवा किंतु मजबूर - पार्ट 4 By Lalit Kishor Aka Shitiz

दो महीने बीत चुके थे राकेश अब फिर से बेरोजगार हो चुका था। सब्जी के व्यापार में घाटा लगने की वजह से उसने दुबारा धंधे का नहीं सोचा। इधर किशोर बनारस में वहाँ के प्रसिद्ध लेखक प्रशांत...

Read Free

किरन - 2 By Veena

उसके दिन गुजर रहे थे। सफेद रंग का टी-शर्ट और नीली जीन्स उसके पसंदीदा कपड़े। उलझे हुए बालों में बंधीं पोनी टेल उसे जंचती है। ऐसा उसके भाई और होने वाले पति, राज का मानना था। साधारण क...

Read Free

Resident Night - 11.59 By Harsh Pal

प्रस्तावना अंतरा इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ। मालदा, पश्चिम बंगाल। 17 जून1998। उस रात फिज़ा की कैफियत कुछ अजीब ही थी। मूसलाधार बारिश ने आमों का शहर कहे जाने वाले मालदा की सड़कों को रा...

Read Free

लालच कहूँ या लाचारी By Shweta pandey

लघु कथासुबह के 10 बजे थे, सबके ऑफिस और कॉलेज जाने का वक्त था ये , मैं रोज की तरह ही बस का इंतेज़ार कर रही थी कॉलेज जाने के लिए , की तभी मेरी ध्यान एकाएक सामने लगी भीड़ पर जाती है,मुझ...

Read Free

नक़ल या अक्ल - 73 By Swati Grover

73 हादसा   किशोर को ऐसे लहूलुहान  देखकर, सरला और लक्ष्मण प्रसाद दौड़कर आए, सरला ज़ोर से चीखी, किशोर! और तभी उसकी आँख खुल गई। उसके देखा कि  वह  छत पर सोई  हुई  है।  बगल वाली चारपाई  प...

Read Free

स्वयंवधू - 23 By Sayant

"वह रेड्डी परिवार के प्रति भी कुछ गुस्सा थी कि वह चाहती थी कि मैं तुम्हें और तुम्हारे छोटे भाई राज को भी खत्म कर दूँ!", सुन दी हैरान-परेशान रह गयी,दी ने शिवम जी का हाथ पकड़कर पूछा,...

Read Free

नागेंद्र - भाग 5 By anita bashal

गजेंद्र सिंह गायत्री जी के पिता दिलराज सिंह को अपनी बातों में फंसा कर उनका पूरा कारोबार अपने नाम करवा चुका था। अब उसकी नजर हवेली पर थी और उसने हवेली को अपने नाम करवाने के लिए भी को...

Read Free

बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 19 By Dev Srivastava Divyam

   सुबह का समय,   फातिमा हॉस्पिटल,   मिस्टर ठाकुर ने सबको बाहर जाने को बोला तो सबने सिद्धांत की ओर देखा क्योंकि जैसा मिस्टर ठाकुर का लहजा था उससे सबको बहुत बुरा लगा लेकिन सिद्धांत...

Read Free

अग्निपरीक्षा! By रेखा श्रीवास्तव

अग्निपरीक्षा !             कुछ ही दिन पहले वह मुझे नर्सिंग होम कि लिफ्ट में टकरा गयी। एकदम मैं उसके पहचान नहीं पायी क्योंकि एक लम्बे अरसे बाद मिल रही थी। सारी चीजें वही लेकिन बस चे...

Read Free

सुरासुर - 2 By Sorry zone

"क्या मैं मर गया पर मुझे तो कोई दर्द महसूस नहीं हुआ मैं जिंदा भी हूँ कि नहीं मफ्फ इतना समय क्यों लग रहा है"? दाईं पलक खोलने पर वह आश्चर्यचकित रह गया क्योंकि अब उसके सामने लार टपकान...

Read Free

रावी की लहरें - भाग 25 (अंतिम भाग) By Sureshbabu Mishra

सम्बन्ध   आरती अपने पति की फैक्ट्री के निकट बने एक कैफे में बैठी हुई थी । उनकी निगाहें बार-बार फैक्ट्री के मेन गेट की ओर उठ जाती थीं। उसे अपने पति के फैक्ट्री से बाहर निकलने क...

Read Free

पथरीले कंटीले रास्ते - 24 By Sneh Goswami

  24   जेल के उस मुलाकात के कमरे में बग्गा सिंह अपने बेटे के साथ दुख सुख बाँट रहा था । बारह तेरह दिन बाद उसे बेटे से मिलने का अवसर मिला था और वह इस अवसर का पूरा पूरा लाभ उठाना चाहत...

Read Free

युवा किंतु मजबूर - पार्ट 4 By Lalit Kishor Aka Shitiz

दो महीने बीत चुके थे राकेश अब फिर से बेरोजगार हो चुका था। सब्जी के व्यापार में घाटा लगने की वजह से उसने दुबारा धंधे का नहीं सोचा। इधर किशोर बनारस में वहाँ के प्रसिद्ध लेखक प्रशांत...

Read Free

किरन - 2 By Veena

उसके दिन गुजर रहे थे। सफेद रंग का टी-शर्ट और नीली जीन्स उसके पसंदीदा कपड़े। उलझे हुए बालों में बंधीं पोनी टेल उसे जंचती है। ऐसा उसके भाई और होने वाले पति, राज का मानना था। साधारण क...

Read Free

Resident Night - 11.59 By Harsh Pal

प्रस्तावना अंतरा इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ। मालदा, पश्चिम बंगाल। 17 जून1998। उस रात फिज़ा की कैफियत कुछ अजीब ही थी। मूसलाधार बारिश ने आमों का शहर कहे जाने वाले मालदा की सड़कों को रा...

Read Free

लालच कहूँ या लाचारी By Shweta pandey

लघु कथासुबह के 10 बजे थे, सबके ऑफिस और कॉलेज जाने का वक्त था ये , मैं रोज की तरह ही बस का इंतेज़ार कर रही थी कॉलेज जाने के लिए , की तभी मेरी ध्यान एकाएक सामने लगी भीड़ पर जाती है,मुझ...

Read Free