Kiran - 2 in Hindi Fiction Stories by Veena books and stories PDF | किरन - 2

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किरन - 2

उसके दिन गुजर रहे थे। सफेद रंग का टी-शर्ट और नीली जीन्स उसके पसंदीदा कपड़े। उलझे हुए बालों में बंधीं पोनी टेल उसे जंचती है। ऐसा उसके भाई और होने वाले पति, राज का मानना था। साधारण कद काठी और गोल चेहरे के साथ वह यक़ीनन किसी को भी पसंद आ जाए। और अगर कोई ग़लती से उसकी दोनों आंखे देख ले, तो बस दिवाना हो जाए।


लेकिन तब अगर वह उसकी आंखें देख पाएं। उसकी दोनों आंखे समुद्री हरे रंग की थी। उस रंग को देख ऐसा लगता मानो आप समुंदर में डुब रहे हो। सावला रंग और एक प्यारी सी मुस्कान के साथ वह एक गुड़िया लगती थी। लेकिन काश वह भी प्लास्टिक की होती ? तो उसे इस इंसानी‌ जीवन में होने वाली तकलीफों से नहीं गुजरना पड़ता।


आभा के हिसाब से उसका पूरा जीवन शापित है। जिसने उसके परिवार को तबाह कर दिया। अब वह अपने भाई के साथ वह हादसे नहीं होने देगी। जब उसके पिता की मौत हुई वह नहीं समझ पाई के उसे क्या करना चाहिए, लेकिन अब बात अलग है। वह एक अडल्ट और समझदार व्यक्ति हैं। उसे बस सामने दिखाई देने वाले हादसों से दूर रहना है। वह यह काम कर सकतीं हैं।


जैसे के आज का दिन हमेशा की तरह गुजर रहा था। तभी वहा उसकी कुछ पुरानी स्कूल की लड़कियां दिखाई दी।


" अरे तुम तो आभा हो ना? पहचाना मुझे? रिया। सेंट हाय से ? हम एक ही क्लास में पढ़ते थे?" रिया ने कहा।


तभी वहा दूसरी लड़की आ पहुंची। " बेब कितनी देर लगेगी और?" लारा ने पूछा फिर उसने एक नजर आभा पर डाली, " कितनी बार समझाया हर किसी से बात मत किया करो?"


" वह हर कोई नहीं है, मैं जानती हूं उसे।" रिया ने समझाया।


" ऐसै लोगो को ना जानने में ही समजदारी है।" लारा ने आभा की तरफ देखते हुए कहां।


" तुम्हें बात नहीं करनी, तो टेबल पर जाकर इंतजार करो। मैं आर्डर लेकर आता हूं।" रिया भी चुप रहने वाली लड़कियों में से नहीं थी।


" तुम इस अजीब के लिए अपने बेस्ट फ्रेंड से ऐसे बात करोगी ?" लारा ने आभा की तरफ उंगली करते हुए कहां।


" जहां अपने बेस्ट फ्रेंड को सही गलत सीखाने की बात आएगी मैं सिखाऊंगी।" रिया का जवाब तैयार था।


" ठीक है फिर । आज की अपनी दोपहर इसी के साथ बिताना।" इतना कह कर लारा वहां से चली गई। साथी- साथ वह काला साया भी, जो कब से वहां खड़ा होकर आभा को घूरे जा रहा था।


आभाने चैन की सांस ली।


" लारा दिल की बुरी नहीं है। बस कभी-कभी थोड़ा ओवर कर देती है।" रिया ने आभा को समझाया। " तुम्हें उससे डरने की जरूरत नहीं है।"


आभा ने एक नजर लारा पर डाली जो की होटल से बाहर निकल रही थी। "क्या तुम अपने दोस्त को थोड़ी देर के लिए यही रोक सकती हो ?"


" वह नहीं मानेगी। जिद्दी है।" रिया ने कहा।


" देखो बुरा मत मानना, लेकिन उसके आसपास मौत का साया मंडरा रहा है । उसे किसी भी तरह 10-15 मिनट के लिए यहां रोकना होगा।" आभा ने रिया को समझाने की कोशिश की।


" तुम्हें पता है, इसीलिए स्कूल में सब तुमसे डरते थे। बुरा मत मानना, लेकिन तुम्हें ऐसी डरावनी बातें नहीं करनी चाहिए।" रिया ने कहां।


" तुम्हारे लिए यह कहना इसलिए आसान है क्योंकि तुम वह नहीं देख सकती, जो मैं देख सकती हूं। जाओ उसे जाकर रोको....." आभाने वापस एक नजर सड़क पर खड़ी लारा की और डाली। उसने देखा कि काला साया मानो दाहिने तरफ से किसी को बुला रहा हो। और वही खड़ी हुई लारा मोबाइल पर किसी से बहस कर रही थी। लारा ने सड़क क्रॉस करने के लिए अपना पैर आगे रखा। " अब बहुत देर हो चुकी है।" उसने सड़क की और देखते हुए कहां।


रिया समझ नहीं पा रही थी। उसे हमेशा से आभा में दिलचस्पी थी। उसे लगता था कि, आभा एक अच्छी लड़की है। लेकिन क्योंकि उसका भूतकाल नॉर्मल बच्चों से अलग है, बस इसीलिए उसे घूलने मिलने में परेशानी होती है। उसने भी अपनी नज़रें सड़क क्रॉस करती हुई लारा पर टिकाई राखी। लारा आधी सड़क क्रॉस कर चुकी थी और सामने ही उसकी गाड़ी खड़ी थी। " देखा तुम खाम-खा डर रही थी।" रिया ने कहां। जैसे ही लारा ने गाड़ी का दरवाजा खोला पीछे से एक ट्रक जोरों से आया और दरवाजे के साथ-साथ लारा को कुचलते हुए चला गया। रिया जब पिछे मुड़ी तो सामने का नजारा देखकर दंग रह गई।


" जिंदगी मानो कुछ लम्हों की है। वह लम्हे जो तुम्हें पता भी नहीं चलता और तुम्हारे सामने गुजर जाएंगे। तुम वही खड़ी रह जाओगी और एक पल में तुम्हारा जीवन खत्म हो जाएगा।" आभा ने कहा।


" तुम्हें कैसे पता उसके साथ क्या होने वाला था?" रिया ने सदमे से बाहर आते हुए पूछा। सामने लोग खड़े हो गए थे, एंबुलेंस आ चुकी थी। पुलिस को बुलाया गया था। आभा से कोई जवाब ना पाकर रिया ने एक-एक कदम पीछे लेना शुरू किया।


वह वहां से निकल पाती, उससे पहले उसका इंस्पेक्टर भाई वहां आ गया। " कोई परेशानी?" उसने रिया के कंधे पर हाथ रखते हुए पूछा।

रिया ने आभा की तरफ देखा, " कुछ नहीं।"


" बाहर जिस लड़की का एक्सीडेंट हुआ वह तुम्हारी दोस्त है ना ?" भाई ने पूछा।

" हा।" रिया ने अपने भाई से कहा ।

"माफ कर दो, लेकिन मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है, कि तुम्हारी दोस्त अब इस दुनिया मे नही रही। उसकी जगह पर ही मौत हो गई ।" इतना कह रिया को रोते देख उसने उसे गले लगा लिया "तुम्हारी दोस्त के कातिल का भी आगे जाकर एक्सीडेंट हुआ जिसमें पुरा ट्रक जल गया। उसे उसके किए की सज़ा मिली।" रिया को समझा कर वह अपने साथ तो ले गया। लेकिन आभा पर रुकी रिया की नजरे उसे गहरे संकट का इशारा लग रही थी।

पिछे के दरवाजे से राज होटल में आया, आभा को अचंभित देख उसने तुरंत उसे अपनी बाहों में खिंच लिया। " मत देखो उस तरफ। वह चिजे सिर्फ तुम्हें तकलीफ पोहचाएगी।"

आभा के आंसू अब रूकने का नाम नहीं ले रहे थे। " मुझ पर भरोसा क्यों करते हो? तुम्हें में अजीब नहीं लगती? अपने आस-पास देखो, मौत ही मौत दिखेंगी तुम्हें।"

राज ने आभा को कस के पकड़ा, " नहीं। कुछ नहीं दिखता मुझे तुम्हारे अलावा। कुछ भी नहीं।"