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Rover prashant

Rover prashant

@roverprashant232858
(1)

ओए 4 दिन की चाहत में
क्या, चार चांद लगा दिए

जब गिरे अर्श से फर्श पे तो
क्या, स्वाभिमान गिरा दिए



- Rover prashant

काश कोई तो ऐसा हो
जिस पर सांस भी कुर्बां करूं
जो बेशर्ती से इश्क करें
मैं पागलों सा प्यार करूं

काश कोई तो ऐसा हो
जो मुझसे मुझसा प्यार करें
मेरे ला-मौजूदी पर,
मेरा इंतजार करें...

rover prashant

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कोई तो हो, जो हम पर भी मरे
दिलों जान से, बेइंतहा प्यार करे |




- Rover prashant

बातों ही बातों में मैं ये बात भूल गया |
खोया मैं बस इतना की औकात भूल गया ||



- Rover prashant

ये चाहत नहीं उल्फत है तुमसे
आदत नहीं इबादत है तुमसे
कैसे कहें हम तुमसे जांनां
हमें बेइंतहा मोहब्बत है तुमसे

तुम मान भी सम्मान भी
तुम ही मेरा अभिमान भी
हर नफ़स में बसता तू मेरे
है बसता तुझमें जान भी...

तु पाक का प्रतीक है
इल्लत मुझमें कतिक है
तू है मेरा और मुझ में भी
मुझमें तू शरीक है...

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एक सपना है मेरा,
मेरे सफर में तुम साथ रहो
हाँ, हमसफर हो तुम
हर सफर मे साथ रहो


- Rover prashant

जो मिल गया आसानी से
तो क्या ही कदर करोगे l
अगर खो गया वो भीड़ में,
तो फिर.
तुम ढूंढते ही फिरोगे ||


- Rover prashant

अर्धांगिनी, प्रेम, प्रतीक्षा हो तुम,
ईश्वर से मांगी हुई इच्छा हो तुम |

- Rover prashant

मेरी प्रथम प्राथमिकता तुम
और तुम्हारा पता नहीं |

सारा कुसूर हमारा था पर
तुम्हारा कोई खता नहीं ||


- Rover prashant

आखिर क्या है कर्म ?
यह कुछ अलग नहीं बस आपका ही प्रतिबिंब है|

ये आपके किए का परिणाम है और यही कटु सत्य है
और सत्य यही है कि आपका वर्तमान का नियत ही भविष्य की नियति तय करती है |
हालांकि…
कर्म सुनने में जितना सरल है यह उतना ही जटिल है
या कहे तो जितना जटिल हम सोचते हैं उतना ही सरल है |||



- Rover prashant

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