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GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

@ganeshptewarigmail.com064906


कर लो कितना प्राप्त तुम, वेद शास्त्र का ज्ञान। पर वह मिल सकता नहीं, जब तक है अज्ञान। दोहा--153
(नैश के दोहे से उद्धृत)
---गणेश तिवारी 'नैश'

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सत्य धर्म के पार है, देव लोक का मार्ग।
दर्शन मिलता ब्रह्म का, परम वही सद् मार्ग।। दोहा--152
(नैश के दोहे से उद्धृत)
--------गणेश तिवारी 'नैश'

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अजर अमर नित गुणरहित, यत्र तत्र सर्वत्र। वह तो मायाधीश है, वह‌ है पूर्ण स्वतंत्र।। दोहा--151
(नैश के दोहे से उद्धृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

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हृदय ग्रन्थियाँ मनुज की‌, जब जाती हैं टूट।
मिल जाता है तब उसे, ब्रह्मानन्द अटूट।।
दोहा--150
(नैश के दोहे से उद्धृत)
------गणेश तिवारी 'नैश'

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चले जगत के पार नर, मिलता तब आनन्द। दर्शन करे अलिंग का, पाता परमानन्द।। दोहा--149
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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सर्वकामना हृदय से , जब हो जाती नष्ट।
छूमन्तर होगा तभी, जीवन का हर कष्ट।।
दोहा--148
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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धन के लोभी मनुज को, दिखे नहीं परलोक। सच मानें इस लोक को, मात्र दिखे यह‌ लोक।। दोहा-147
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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इस जगती का नर कभी, धन से हुआ न तृप्त। ढली आयु बूढ़ा हुआ, पर वह रहा अतृप्त।। दोहा--146
(नैश के दोहे से उद्धृत)
---गणेश तिवारी 'नैश'

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लगे रहो प्रभु कर्म में, जियो सैकड़ों साल।
आएगा जब शुभ समय, होंगे मालामाल।।
(नैश के दोहे से उद्धृत)
---गणेश तिवारी 'नैश'

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जड़ चेतन सब जगत का, सब ईश्वर से व्याप्त। धन छीनो मत अन्य का, रहो तुष्ट जो प्राप्त।। दोहा-144
(नैश के दोहे से उद्धृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

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