2 Din Chandani, 100 Din Kaali Raat by बैरागी दिलीप दास

2 दिन चांदनी, 100 दिन काली रात by बैरागी दिलीप दास in Hindi Novels
“2 दिन चांदनी, 100 दिन काली रात”Chapter 1: रात जो गुदगुदाती थी"कभी हँसी डराती है, कभी डर भी हँसा देता है। लेकिन जब प्यार...
2 दिन चांदनी, 100 दिन काली रात by बैरागी दिलीप दास in Hindi Novels
"2 दिन चांदनी, 100 दिन काली रात"का अगला धड़कन बढ़ाने वाला चैप्टर —---> "कभी प्यार में घंटी बजती है, कभी मौत में। फर्क बस...
"कभी प्यार में घंटी बजती है, कभी मौत में। फर्क बस इतना है — एक दिल को छूती है, दूसरा रूह को चीरती है..."---Scene: सुबह 3:33 ...Read More
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