दो दिलों का मिलन by Lokesh Dangi in Hindi Novels
शांतिपूर्ण बाग के बीच में लगे हुए झूलों पर हवा का हल्का-हल्का झोंका आ रहा था। आस-पास के पेड़-पौधे अपनी हरी-हरी पत्तियों...
दो दिलों का मिलन by Lokesh Dangi in Hindi Novels
"लोकेश और मुस्कान" - दूसरा भागकुछ दिनों बाद, लोकेश और मुस्कान का यह संयोगिक मिलन यादों में बैठ गया था। दोनों ने एक-दूसरे...
दो दिलों का मिलन by Lokesh Dangi in Hindi Novels
समय बीतता गया, और लोकेश और मुस्कान की मुलाकातें बढ़ती गईं। बाग अब सिर्फ एक स्थान नहीं था, बल्कि एक ऐसी जगह बन गई थी, जहा...