ek saadi esi bhi - 3 in Hindi Spiritual Stories by Black Heart books and stories PDF | एक शादी ऐसी भी - 3

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एक शादी ऐसी भी - 3

इतना कह बॉडीगॉर्ड तुरंत चुप हो जाता हैं और वो भी एक चेयर खींच उस पर बैठ जाता हैं। जिया का खाना हो जानें के बाद जिया उस बॉडीगार्ड से पूछती हैं।

जिया "  बॉडीगॉर्ड भैया, मेरा रूम कोनसा है

बॉडीगार्ड" मेरा नाम विक्रम हैं तुम मुझे बॉडीगॉर्ड की जगह विक्रम बुला सकती हो।

जिया " हां में सर हिला देती हैं

राकेश काका" बहुरानी चलिए मैं आपको आपका रूम दिखा देता हूं।

इतना कह राकेश काका आगे चलने लगते है और जिया को अपने पीछे आने को कहते हैं। जिया भी बिना कुछ बोले राकेश काका के पीछे पीछे चलने लगती हैं।

राकेश काका डायनिंग हॉल से बाए तरफ की सीढ़ियों से ऊपर की तरफ चलते हुए जिया को बताते है।

राकेश काका " बहुरानी,ये पुरा मेंशन चार फ्लोर का हैं जिसमें से  फर्स्ट फ्लोर पर सिर्फ गेस्ट रूम हैं। और पुरा सेकेंड फ्लोर सुरज बाबा का हैं।

मतलब आपके पति का, थर्ड फ्लोर और फोरथ फ्लोर पर जानें की किसी को भी इजाजत नहीं है । सेकेंड फ्लोर पर ही सुरज बाबा का स्टडी रूम और जिम एरिया है।

वो दोनों ही बाते करते करते सेकेंड फ्लोर पर एक रूम के पास पहुंच जाते है। वहा पहुंचते ही राकेश काका कहते हैं।

राकेश काका " आज से ये आप का रूम हैं, आज से आप यही रहेंगी। और इसके बगल वाला ही सुरज बाबा का रूम, अब आप आराम कीजिए , मैं चलता हूं।

"गुड नाईट "

जिया " गुड नाईट काका

इतना कह राकेश काका वापिस चले जाते है और जिया अपने कमरे में चली जाती है। जब जिया कमरे में पहुंची है तो देखती है कि पुरा कमरा बहुत ही खूबसूरत था। और बड़ा भी

पुरे रूम का कलर ग्रे था और खिड़कियों पर लगे पर्दो का रंग चॉकलेटी था। रूम के बीच में एक किंग साइजबेड था जिसपे व्हाइट बेडसिट बिछी हुई थी। ये सब देख जिया खुद से ही बडबडाती है।

जिया " यार जिया जितना बड़ा तेरा चोल बाला घर था उसे बड़ा तो सिर्फ़ ये एक रूम हैं। छोड़ जिया सबकी अपनी अपनी किस्मत होती है।

इतना कह जिया फ्रेस होने के लिए बोशरूम में चली जाती है । और कुछ ही देर बाद वापस आकार बेड पर लेट जाती है। पुरे दिन की चेंशन और भाग दौड़ की वजह से जिया को तुरंत ही नींद आ जाती है।

तक़रीबन एक घंटे बाद जिया के रूम में किसी की परछाई नज़र आती है। वो परछाई धीरे धीरे चलते हुऐ जिया के पास पहुंच जाती है। और उसके बगल में बेड पर लेट जाती है।

जिया तो इस वक्त ऐसे सोई थी कि उसे कोई भी सी सुद्ध बुद्ध नही थी। जिया को तो अहसास भी नही था के कोई उसे बड़े ही ध्यान से देख रहा है।

कुछ देर बाद अचानक जिया को नींद में ही महसूस होता है कि कोई उसके गालों को टच कर रहा है। ये महसूस होते ही जिया झट से अपनी आंखे खोल कर अपनी नज़र चारों तरफ घुमाकर देखती है।

पर जिया को कुछ भी नज़र नही आता है। जिया सोचती है।

जिया " जिया ये तेरा भर्म होगा यहां तो कुछ नही हैं।

इतना सोच जिया फिर से सोने को होती है तो उसे अपने बगल में बेड पर एक बड़ा सा टेडी नज़र आता है। ये देख जिया हैरान और कन्फ्यूज दोनों ही हो जाती हैं। फिर जिया खुद से ही बडबडाती है।

जिया " इसे यहां कोन लाया, फिर कुछ सोच शायाद काका रखके गए होगे। शुक्र है की वो काका थे। नही तो मुझे एक पल को ऐसा लगा जैसे वो खडूस आया है।

कही वो शादी की पहली रात तो नही मनाने आया था। पर दिख तो कोई नहीं रहा। खेर जो भी हो मुझे क्या

इतना कह जिया उस बड़े से टेडी को हग करके सो जाती है।

अगली सुबह जिया जल्दी से तैयार होकर अपने रूम से बाहर आती हैं। जल्द बाजी में जिया को ये ख्याल ही नहीं आया के रात को जिस टेडी को वो हग करके सोई थी वो इस वक्त रूम में नहीं है।

हॉल में पहुंच डायनिंग टेबल पर बैठ जाती है। जिया के बैठते ही राकेश काका जिया को चाय के साथ कुछ नाश्ता सर्व करते हैं।

चाय पीने के बाद जिया राकेश काका से पूछती हैं।

जिया " काका बाकि सब कहा है।

काका " बहुरानी वो सूरज बाबा जिम रूम में हैं, और विक्रम किसी काम से बाहर गया है।

जिया " सर कब तक नीचे आयेंगे, वो मुझे उनसे बात करनी है।

काका " पता नहीं कब तक आयेंगे, अगर कोई जरूरी बात है तो तुम मुझे बता दो, मैं बाबा को बोल दूंगा।

जिया " वो काका आज मेरी दादी की सर्जरी हैं मुझे हॉस्पिटल जाना है तो मुझे सर से पूछना था कि क्या मैं जा सकती हूं अपनी दादी के पास

काका " तुम रुको मैं बाबा से पूछकर आता हूं।

काका की बात सुन जिया हां में सर हिला देती हैं और काका भी वहा से जिम रूम की तरफ चले जाते है। काका को जाता देख जिया खुद से कहती है।

जिया " बस एक बार सर मान जाए फिर में दादी की सर्जरी में जा सकती हूं। पर ये मिस्टर दीवान दिखते केसे है। मेने तो अभी तक उन्हें देखा ही नहीं।

वही दुसरी तरफ काका जिम रूम के बाहर से डोर नोक करते हैं। डोर नोक की आवाज सुन अन्दर से किसी की भारी आवाज आती है।

"Come in "

आवाज सुन काका जिम रूम में चले जाते है पूरा रुम अलग अलग चीजों से भरा हुआ था जिसे जिम किया जा सके। पुरे रूम में इस वक्त कोई भी नहीं था।

ये देख काका थोड़ा और अंदर चले जाते है तो अपने सामने एक बड़े से टेडी को देखते हैं जो पूस्प कर रहा था। उस टेडी को देख काका कहते हैं।

काका " बाबा वो आज बहुरानी की दादी की सर्जरी हैं और बहुरानी उनके पास हॉस्पिटल में जाना चाहती हैं।

इतना कह काका चुप हो जाते हैं और कुछ ही देर बाद काका के कानों में भारी लेकिन शांत आवाज आती हैं।जो उस बड़े से टेडी से आ रही थी।

टेडी " ठीक है, विक्रम को बोल दो उसे ले जाने के लिए पर शाम को वापिस उसे घर ले आए। उसका ज्यादा देर घर से बाहर रहना सैफ नहीं है।

काका " ठीक है बाबा, मैंविक्रम को बोल दूंगा।

इतना कह काका तुरंत जिम रूम से बाहर चले जाते है और वो बडा सा टेडी फिर से पुसप करने लगता हैं।

वही जिया हॉल में बैठी अपने दिमाग के घोड़े दौड़ा रही थी।

जिया " पता नहीं मिस्टर दीवान मानेंगे या नहीं, बस एक बार वो मुझे जानें की इजाजत देदे। कल से मैं दादी से नही मिली हूं। पता नहीं वो किसी होंगी। वो ठीक तो होगी ना।

इतने में ही काका वहा आ जाते है। काका वहा पहुंच जिया से कुछ कह पाते उसे पहले ही वहा विक्रम की आवाज जिया और काका को सुनाई देती हैं।



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