Ek Shadi aesi bhi - 2 in Hindi Spiritual Stories by Black Heart books and stories PDF | एक शादी ऐसी भी - 2

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एक शादी ऐसी भी - 2

बॉडीगार्ड की बात सुन जिया उस बॉडीगार्ड के साथ कोर्ट से बाहर चली जाती है।

बॉडीगार्ड और जिया जब बाहर आ जाते हैं तो उनके सामने बही गाड़ी आकार रुकती हैं जिसे पहले बॉडीगार्ड उतरा था।

बॉडीगार्ड पूरी रिस्पेक्ट के साथ कार का बैक डोर खोल जिया को अंदर बैठने को कहता है। जिया उस बॉडीगार्ड की बात उस कार में बैठ जाती है।

जिया को बैठता देख बॉडीगार्ड तुरंत डोर बंद कर खुद भी आगे पैसेंजर सीट पर बैठ जाता हैं।

जिया जब कार में बैठ जाती है। तो वो देखती हैं के उसके बगल में एक बड़ा सा टैडी बियर रखा हुआ था। जो जिया को बहुत ही क्यूट लगता हैं।

उस टैडी को देख जिया बॉडीगार्ड से पूछती हैं।

जिया " भैया, ये टैडी किसके लिए है

बॉडीगार्ड "( रिस्पेक्ट के साथ)मेम ये आपके लिए गिफ्ट हैं सर ने भेजा हैं ।

इतना सुन जिया तुरंत उस टैडी को हग कर लेती हैं। और खुशी से कहती है।

जिया " थैंक्स भैया, ये टैडी सच में बहुत क्यूट है। मुझे टैडी बहुत पसंद हैं इसके लिए थैंक यू सो मच भैया।

वही जिया की बात पर बॉडीगार्ड बस हल्का सा मुस्कुरा देता है।

जिया की कार मतलब रोल्स रॉयस सड़कों पर तेजी से दौड़ रही थी वो शहर की चकाचोंद को पीछे छोड़ कर तेजी से मुंबई से बाहर निकल जाती हैं।

जिया कार की बिंडो से बाहर देख रही थी। आज उसकी जिदंगी में कितना कुछ हो गया था। जिया अपनी आंखे बंद कर उस वक्त के बारे में सोचती है।

फ्लैसबैक

मुंबई की चोल का एक छोटा सा घर जिसमें दो कमरे छोटा सा ही हॉल और हॉल में ही ओपन किचन उस छोटे से घर के एक कमरे में किसी लड़की की डरी और घबराई हुई।आवाज आ रही थी।

दादी आपको कुछ नहीं होगा। मैं आपको नही होने दूंगी आप हौसला रखिए एम्बुलेंस आती ही होगी।

जिया " आपकी जिया है ना आपके साथ आपको कुछ नहीं होने देगी। आप अपना हौसला मत हारना।

जिया रोते हुए बार बार यही कह रही थी। कुछ देर में एम्बुलेंस आ जाती है और जिया की दादी को लेकर सिटी हॉस्पिटल की ओर चली जाती है।

जिया भी अपनी दादी के बगल में बैठ अपनी आंसू भरी आंखों से अपनी दादी को देख रही थी। जो इस वक्त उसके सामने किसी जिंदा लास की तरह पड़ी थी।

कुछ ही देर में एम्बुलेंस हॉस्पिटल पहुंच जाती है और जिया की दादी का इलाज शुरू हो जाता हैं। जिया बही वार्ड के बाहर परेशान होकर चेयर पर बैठ जाती है।

जिया का इस दुनियां में उसकी दादी के अलावा और कोई भी नही था। जिया जब 10 साल की थी तभी उसके मम्मी पापा की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी।

जिया उनकी इकलौती बेटी थी। जिस कारण उनकी मौत के बाद जिया का उसकी दादी के आलावा ओर कोई भी नही था। जिया अपनी दादी से बहुत प्यार करती थी। और दादी भी जिया से बहुत प्यार करती थी।

दोनों ही एक दूसरे का सहारा थे। पर आज अचानक उसकी दादी के सीने में दर्द होने लगा। ये देख जिया बहुत घबरा गई थी। और तुरंत एम्बुलेंस को कॉल कर अपनी दादी को हॉस्पिटल ले आई थी।

कुछ देर के चेकप के बाद डॉक्टर ने जिया को बताया कि उसकी दादी को हार्ट अटैक हुआ था। जो की बहुत सीरियस है। अगर उनको बचाना है तो इम्मीडिएटली उनकी सर्जरी करनी होगी।

आदमी " मैं आपकी मदद कर सकता हूं। अपनी दादी की जान बचाने में आपको अपनी दादी के इलाज में जितने भी पैसे चाहिए में दूंगा।

बदले में आपको मेरे बॉस से एक साल की कांट्रेक्ट मैरिज करनी होगी।

उस आदमी की बात पर पहले तो जिया हैरान होती हैं पर बाद में अपनी दादी का सोच शादी के लिए हां कर देती हैं।

फ्लेसबैक एंड

प्रेजेंट टाइम

जिया यही सब सोच रही थी के उसे बॉडीगॉर्ड की आवाज आती हैं। मैम हम घर पहुंच गए। उस बॉडीगॉर्ड की बात सुन जिया अपनी सोच से बाहर आती हैं। और तुरंत कार से बाहर उतर जाती है।

फिर बॉडीगार्ड उसे अपने पीछे चलने को कहता है। जिया बॉडीगॉर्ड की बात सुन उसके पीछे पीछे चली जाती है। रात होने के कारण जिया को कुछ भी अच्छे से दिखाई नही दे रहा था।

जिया चलते चलते बड़े से दरवाजे पर पहुंच जाती है। जब जिया वहा पहुंचती हैं तो एक दिखने में लगभग 50 साल का आदमी उसे गेट पर ही रोक लेता है।

और रिस्पेक्ट से अपना सर झुका कहता है। बहुरानी पहले आपका ग्रह प्रवेश होगा फिर ही आप अंदर आ सकती हैं। इतना कह वो आदमी एक आरती की थाल लेकर आता है। और जिया की आरती कर उसे घर के अंदर आने को कहता है।

उस आदमी की बात सुन जिया घर के अंदर आ जाती है पर जैसे ही जिया अंदर आती हैं। तो हैरानी से उसकी आंखे बड़ी बड़ी हो जाती है और मुंह आश्चर्य से खुला रह जाता हैं ।

ये घर अंदर से जितना बड़ा था उतना ही सुन्दर भी था। जिया ने अपनी ज़िन्दगी में कभी इतना बड़ा घर नहीं देखा।

जिया घर को घूम घूम कर देख ही रही थी। के फिर से वही सर्वेंट आकार जिया से कहते है।

सर्वेंट " बहुरानी चलिए डिनर लग गया है।

इतना कह सर्वेंट रिस्पेक्ट से अपना सर झुका लेता है। उसकी बात सुन जिया हां में अपनी गर्दन हिला देती हैं। क्योंकि कॉन्ट्रेक्ट में बहुत से नियम लिखे थे जो जिया को मानने थे।

उनमें से एक ये भी नियम था के जिया सभी की बात मानेगी। जो भी दीवान घर में रहता था। भले ही वो सार्वेंट ही क्यों ना हो।

यही सोच जिया डिनर के लिए हां कर देती हैं। डायनिंग हॉल में पहुंच जिया डायनिंग टेबल से एक चेयर पीछे खींच उस पर बैठ जाती है।

जिया के बैठते ही सर्वेंट तुरंत जिया को खाना परोश देते है। ये देख जिया हैरान हो जाती है। और हैरानी से बॉडीगॉर्ड से पूछती है।

जिया " बाकि सब कहा है, मेरा मतलब मिस्टर दीवान या उनकी फैमिली

बॉडीगॉर्ड " सर अकेले रहते हैं, यहां सर के साथ मेरे और (उस सर्वेंट की तरफ हाथ कर)राकेश काका के अलावा और कोई नहीं रहता

और अब से आप यहां रहेंगी। और रही बात सर की तो उन्हें पसंद नहीं है के कोई उनकी पर्सनल लाइफ में इंटरफेयर करे।