आशना उसके पास जाकर आखें ततेर कर घुरी "क्या कहा? फिर से कहो?"
"हे हे हे,,,क्या ही कहूंगा लीडर" कृषभ घबराकर जबरदस्ती हस्ते हुए बोला।
आशना बे परवाही से "बकवास ही करोगे और क्या? हूं,,, वैसे हो क्या गया है पहले तो बड़े रौब झाड़ते थे मिशन को लेकर अब क्या हुआ?"
कृषभ बात को बड़े सही से बदलते हुए "ठीक है काम की बात सुनो,,, क्या तुम्हें पता है,,,? इंस्पेक्टर मुरीद को सस्पेंड कर दिया गया है और जल्द ही उसकी जगह कोई नया बंदा खड़ा होगा,,,"
"होगा नही हो गया है "इस्पेक्टर मूरिश शेखवंत"" आशना ने कहा।
"Hmm,,, नाम यही था,,, और वो,,," कृषभ आगे बोलता की
आशना बोल पड़ी "इस किडनैपिंग वाले केस की तहकीकात कर रहा है"
कृषभ हैरानी से "कर रहा है का क्या मतलब?"
आशना भौंहे सिकोड़ "कर रहा है का मतलब,,, कर रहा है"
"अरे मतलब तुम्हे कैसे पता उसका नाम और काम,,,? न्यूज में तो नहीं बताया और बताना छोड़ो तुम तो मुंह उठाकर एक नजर TV को देखती भी नहीं,,,फिर तुम्हे कैसे पता ?" कृषभ पागलों का KBC कर रहा था।
आशना उसे आखें छोटी कर घूरते हुए "एक बात पूछूं ?"
"हा हा पूछो मैं बुरा नही मानूंगा अगर ऐसीवैसी बाते भी हुई तो,,," कृषभ शर्माते हुए खिसियानी हसी हंसकर बोला।
आशना उसकी हरकत पर बुरा सा मुंह बनाकर "you idiot You are the spy leader, aren't you?"
"ऐसे क्यों पूछ रही?" कृषभ छोटा सा मुंह बनाकर बोला।
आशना गुस्से में घुर "उन दोनों बड़बोलो की संगत में रह उनकी तरह बेअक्कल हो गए हो लगता है मुझे इसलिए,,,और जरूरी नहीं की सिर्फ न्यूज देख कर Information पता चले,,, स्टुपिट"
"तो तुम्हे क्या लगता हमारा प्लान काम किया" कृषभ हाथ बांधे सीरियस लुक में बोला।
"100 में से सिर्फ एक पर्सेंट" आशना बोली।
"100 में से एक पर्सेंट इसका क्या मतलब?" कृषभ कन्फ्यूज होकर पुछा।
आशना सख्ती से "रास्ते से अभी तो सिर्फ एक काटे को उखाड़ कर फेका है और भी ना जाने कितने आएंगे"
कृषभ समझते ही "ओह समझा,,,मतलब रास्ते से एक एक काटे को उखाड़ने के साथ जलाना भी होगा तभी लोगो को उनसे मुक्ति मिलेगी Right "
आशना आंख बंद किए "get it right,,,वरना इधर उधर पड़े लोगो को जख्मी करेंगे और रही बात काटे की काटा उखड़ तो गया लेकिन,,,(आखें बंद किए ही गुस्से में मुट्ठी भींच) लेकिन हमारे हाथ आते आते निकल भागा"
कृषभ आशना को शांत करते हुए सीरियसली
बोला "Don't vary Please calm down आशना,,, वो दरिंदे इतने सालों तक जहा छिपे हुए थे उस जगह का राज खुल गया है और मुंबई में हर जगह रेड अलर्ट शुरू हो गया है सोचो कब तक बचेंगे वो,,,"
"Hmm,,, ठीक है ठीक है अब फूटो इधर से मुझे आराम करने दो बहुत थक गई हू तुम्हारी बक बक से जाओ तुम उन लोगों को देखो ठीक से काम कर रहे या नही और ये भी बोल देना यहां सीलिंग पर लटके कैमरा अच्छे से फिट करे ताकि दिखे ना अब खड़े खड़े मुंह क्या ताक रहे? जाओ" आशना रौब झाड़ते हुए बोली और सोफे पे पसर कर लेट गई।
तो वही कृषभ आखें फाड़े उसे देखते रह गया।
वो मन में "हे भगवान,,,ये सच में आशना उर्फ काशना ही है ना,,,जरा देखो तो इसे अभी कुछ देर पहले जब मैं बोला थक गया हूं तो भड़कते हुए यमलोक का ज्ञान दे दी और अब अपनी बात से पलट कर खुद महारानी की तरह हुकुम झाड़ कर पसरी है" (फिर उसे एकटक मुस्कुराते हुए देखने लगा ) कोई बात नही तुम आराम करो मैं जाकर देखता हु उन कामचोरो को"
कृषभ को हैरानी भी थी और खुशी भी,,,हैरानी इस बात की थी की जो आशना इतने सालो से उसके सामने जबान तक ठीक से खोल नही पाती थीं वो बीस मिनट में इतना बदल गई और एक ही दिन हुआ है अभी कल ही की तो बात थी जब कृषभ के कार में आशना ने अपना असली अवतार दिखाया था।
(कृपया जानने के लिए Ep.1से पढ़े)
तो वही खुशी इस बात हो रही थी की अब आशना उसके साथ खुल कर अपनी बात कहने की हिम्मत रखती हैं ऐसे ही तो वो उसे जान पाएगी उसके दिल की जज्बातों को समझेगी।
यही सोच कर अब तक वो जब भी उससे सख्ती से पेश आते हुए उसकी इंसल्ट करता था इसलिए ताकि आशना उस पर ध्यान दे उसे जवाब दें वरना उसे तो अपने कहे एक एक शब्द से डर लगता था कही आशना उससे नफरत ना करने लगे दोनो इतने सालो से एक दूसरे के सामने अपने असली व्यक्तित्व को छुपाए हुए थे।
आखिर कृषभ के इतने सालो की मेहनत अब धीरे धीरे ही सही रंग ला रही थी दोनो एक दुसरे को जानने लगे हैं ऐसा मत सोचना दोनो के दोनो फास्ट लीडर है। अब आप बंद लिफ्ट गोलमाल देख ही चुके हो और अगर नही देखें तो नौकर चाकर समझा है क्या जाकर खुद (शुरू से पढ़े)
कृषभ जाने लगा की अचानक रुक गया और उपर सीलिंग की ओर देख डेंजर स्माइल कर दिया।
काला भंडार को पुलिस ने पूरी तरह अपने गिरफ्त में ले लिया था और हर तरफ नाका बंदी और चेकिंग हो रही थी ताकि इस्पेक्टर मुरीद शहर से बाहर ना जाए। और काला भंडार का नया इस्पेक्तर मुजा शेख आते ही किटनेपिंग वाले केस पर तहकीकात शुरू कर दिया था।
यहां सी. सी. टी.वी रूम जहा लिवा अपार्टमेंट का कोना कोना व्यू देख सकते है अन्दर बाहर हर जगह सिर्फ बाथरूम को छोड़ पहले भी बता चुकी हु बाथरूम में कैमरा नही छोटा छोटा माइक्रोफोन सेट है।
कृषि लैपटॉप पर बैठा हुआ था जरूरी फॉर्म file कर रहा था ऐसा बिल्कुल नहीं है वो तो TV हॉल का नजारा देख रहा था और उसके साथ सभी उसे घेरे खड़े लैप टॉप स्क्रीन में नजर गड़ाए थे।
हॉल में उपर सीलिंग पर कैमरा फिट था तो अब तक हुई हॉल में आशना और कृषभ के बीच का वार्तालाप घटना वो लोग मजे से लाइव देख रहे थे ओह सॉरी देख चुके हैं।
लेकिन अब सबकी शामत आने वाली है सभी कृषभ के उस डेंजर स्माइल को सोच अन्दर ही अन्दर भगवान को प्रार्थना पत्र भेज रहे थे सभी का रुख दरवाज़े की तरफ था कदमों की हट हट (मेरे स्टाइल में लिख दी ) की आवाजे धीरे धीरे पास आती महसूस कर रहे थे सभी,,,पास पास और पास फिर धड़ाक,,,, से दरवाज़ा खुला और,,,,
कृषभ दोनों हाथों में गन लिए सनकी की तरह "आज तुम सबको पता चलेगा काम के बीच बेक्काम के लोग मुझे कितना नापसंद है" और ढीसक्याव के साथ सूट कर दिया।
"बचाओ,,,," कनंत काशी से और कृषि रिहा से लिपटकर जोर से चीख पड़े।
"अबे चुप,,,," कृषभ उन दोनों पर भड़का।
"क्या हुआ चिल्ला क्यू रहे तुम दोनो?" कृभीन,, भीनी,,रिहा,, काशि,, कन्फ्यूज होकर देखते हुए बोले।
अरे यार फ्रैंड्स स्टोरी पसंद नहीं आया क्या पढ़ते तो हो लेकिन एक छोटा सा कमेंट नही करते। मुझे अपलोड करने का मन ही नही करता आगे । 😞😞पर स्टोरी शुरू की हु तो खत्म करना भी मेरा ही पेशन है 😁😁😇😇🙏कोई बात नही पढ़ो और खुश रहो ।😊😊😊😊🎉😊🤩🤩💕💕🌹❤️👍👍