Last part ...8
Simmi दुल्हन के लिबास में सड़क पर भाग रही थी।
लाल लहंगा मिट्टी में घिस रहा था,
पैरों में चोटें आ रही थीं,
पर उसके लिए दर्द सिर्फ एक ही था—
👉 “Rohan को कुछ नहीं होना चाहिए।”
उसकी आँखों में बस Rohan का चेहरा था,
वो मुस्कान, वो नजरें, वो खामोशी
जिसमें उसने दुनिया छुपा रखी थी।
Auto रोका, पर सब भरे हुए थे।
आँसुओं के साथ वह चिल्लाई—
“किसी को रोकिए… PLEASE!
मुझे हॉस्पिटल जाना है!”
एक बाइक वाले लड़के ने उसे पहचान लिया।
वह बोला—
“आपको हॉस्पिटल ले चलता हूँ।”
Simmi पीछे बैठी, पल्लू कसकर पकड़ा
और हवा के धक्कों के बीच उसका दिल
बार-बार कह रहा था—
“Rohan… तुम मुझे छोड़ नहीं सकते।”
🔹 उधर हॉस्पिटल में…
Rohan बेहोश था,
ऑक्सीजन लगी हुई थी,
डॉक्टर्स उसे बचाने की कोशिश कर रहे थे।
Tina बाहर बैठी थी—
आँखें लाल, हाथ काँप रहे थे।
उसके हाथ में Rohan का फ़ोन पड़ा था।
स्क्रीन पर Simmi की तस्वीर थी।
Tina ने मुस्कुरा कर आँखें बंद कीं…
“हाँ… यही तुम्हारी दुनिया है।”
🔹 Simmi का पहुँच जाना 💔
Simmi हॉस्पिटल पहुँची।
दौड़ती हुई ICU के दरवाज़े तक आई।
Tina ने Simmi को देखा—
दुल्हन के कपड़ों में,
रोती हुई, काँपती हुई,
और उसके चेहरे पर सिर्फ एक नाम लिखा था—
👉 ROHAN.
Tina ने बिना एक भी सवाल किए, दरवाज़े से हटकर कहा—
“जाओ… वो तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है।”
Simmi के कदम काँप रहे थे,
दिल बेकाबू धड़क रहा था।
वह धीरे-धीरे Rohan के पास पहुँची।
मशीन की बीप, दवाइयों की महक,
और Rohan शांत लेटा था…
Simmi ने उसका हाथ पकड़ा
और रोते हुए कहा—
“उठो Rohan…
तुम ऐसे नहीं जा सकते।”
Rohan की उंगलियाँ हल्की सी हिलीं—
जैसे उसका दिल Simmi की आवाज़ पहचान गया हो।
आँसू Simmi की आँखों से गिरते हुए
Rohan के हाथ पर पड़े।
धीरे-धीरे Rohan ने आँखें खोलीं।
उसकी नजर Simmi पर पड़ी—
दुल्हन के कपड़े, आँखों में मोहब्बत।
Rohan ने धीमे से पूछा—
“तुम… आई…?”
Simmi टूटकर उसके सीने पर झुक गई।
“हाँ… क्योंकि तुम मेरे हो…
और मैं तुम्हें किसी और की हथेली में नहीं छोड़ सकती।”
Rohan की आँखों में नमी आ गई।
Simmi ने उसकी तरफ देखकर कहा—
“मैं नहीं शादी करूँगी…
क्योंकि मेरा दिल, मेरा वजूद… सब तुम्हारा है।”
Rohan ने कमजोर मुस्कान दी—
“Simmi… तुम देर से आई हो…
पर अभी वक्त है।”
तभी डॉक्टर अंदर आए, मुस्कुराकर बोले—
“Patient stable है…
अब खतरा टल चुका है।”
Simmi ने राहत की साँस ली।
कुछ देर बाद simmi के पिता भी हॉस्पिटल पहुंचे।
Simmi को Rohan का हाथ पकड़े देख
उनकी आँखें भर आईं।
उन्होंने धीमी आवाज़ में कहा—
“अगर मेरी बेटी इतनी सारी बंदिशें तोड़कर,
दुनिया छोड़कर यहाँ तक आने का हौसला रखती है…
तो शायद… यह प्यार गलत नहीं हो सकता।”
Rohan और Simmi दोनों की आँखों में आँसू आ गए।
Simmi के पिता ने Rohan का हाथ थामा—
“अगर तुम मेरी बेटी से इतना प्यार करते हो
कि मौत से भी लड़ गए…
तो मैं यह रिश्ता स्वीकार करता हूँ।”
Simmi रो पड़ी—
Rohan मुस्कुरा उठा।
Finally…
👉 किस्मत झुक गई…
प्यार जीत गया। ❤️
🔹 कुछ महीनों बाद…
Simmi और Rohan दोबारा उसी छत पर खड़े थे—
जहाँ ये कहानी शुरू हुई थी।
हवा चल रही थी,
Rohan ने Simmi का हाथ थामा
और मुस्कुराकर कहा—
“देखा… मैंने कहा था,
एक दिन तुम मेरी बनोगी।”
Simmi ने हल्की हँसी के साथ जवाब दिया—
“और मैंने कहा था…
तुम मेरे लिए ही बने हो।”
दोनों ने आसमान की तरफ देखा—
और उनकी कहानी वहीं पूरी हुई
जहाँ पहली बार नज़रे मिली थीं।
❤️✨ THE END ✨❤️
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क्योंकि—**
👉 “कहानियाँ खत्म होती हैं…
पर एहसास हमेशा ज़िंदा रहते हैं।” 💖📖
Writer:-...............
................Vikram kori .