Unkahi mohabbat - 1 in Hindi Love Stories by vikram kori books and stories PDF | अनकही मोहब्बत - 1

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अनकही मोहब्बत - 1


‎Part 1 — 

‎सुबह के 6:30 बजे थे। हवा में हल्की ठंडक थी, सूरज अभी-अभी आसमान में उभर रहा था। सड़क पर कम गाड़ियाँ थीं और पक्षियों की आवाज़ें शहर को एक अलग ही सुकून दे रही थीं।

‎रोहन ने हमेशा की तरह अपनी बाइक स्टार्ट की और हेलमेट पहनते हुए एक लंबी सांस ली। ऑफिस की भागदड़ वाली ज़िंदगी उसके लिए नई नहीं थी, लेकिन आज… आज उसके चेहरे पर एक अजीब सी चमक थी।

‎और उसका कारण था — सिमी। 💕

‎हर सुबह जब वह काम पर जाता, रास्ते में एक मकान पड़ता था। उस घर की छत पर एक लड़की उसे दिखाई देती । कोमल चेहरे वाली, हवा में उड़ते बालों के साथ… और मुस्कान ऐसी कि जैसे बादलों के बीच से अचानक सूरज की किरण निकल आए। ☀️✨

‎पहली बार जब रोहन ने उसे देखा था, तो उसे लगा था—

‎"काश… ये लड़की मुझसे बात करे। काश ये मेरी दोस्त बन जाए।"

‎उसके बाद से हर दिन उस घर के सामने पहुँचते ही उसका दिल थोड़ा तेज़ धड़कने लगता था।💓

‎हर सुबह वह लड़की उसकी उम्मीद बन चुकी थी… और उसका नाम था — सिमी।

‎कुछ हफ़्तों तक यही सिलसिला चलता रहा।

‎रोहन उसे चुपचाप देखता, फिर नज़रें झुका लेता… और फिर मुस्कुराते हुए आगे बढ़ जाता।

‎लेकिन फिर एक दिन—

‎सब बदल गया।

‎उस सुबह जैसे ही रोहन अपने रोज़ के रूट पर पहुँचा, उसने देखा कि सिमी छत पर नहीं थी। वह थोड़ा निराश हुआ, लेकिन जैसे ही उसने बाइक आगे बढ़ाई —

‎सिमी ने नीचे उसकी तरफ देखा।

‎उनकी नज़रें पहली बार मिलीं।

‎जैसे समय वहीं थम गया हो…⏳💗

‎रोहन की धड़कनें इतनी तेज़ हो गईं कि उसे लगा शायद पूरे मोहल्ले में आवाज़ जा रही होगी। वह झट से नज़रें नीचे कर लेता है, हेलमेट ठीक करने का नाटक करता है और जल्दी से बाइक आगे बढ़ा देता है।

‎पीछे छत पर खड़ी सिमी उसके इस रिएक्शन पर हल्का सा मुस्कुरा देती है।

‎अब वह भी समझ चुकी थी—

‎"यह लड़का मुझे रोज़ देखता है।"

‎अगले दिन फिर वही हुआ।

‎रोहन वहाँ से निकला, सिमी ने उसे देखा… और रोहन फिर झेंप गया।

‎लेकिन इस बार उसकी आँखों में डर नहीं था— एक खुशी थी।

‎उसके मन में जैसे हज़ारों दीये जल उठे थे…

‎✨🪔

‎"क्या वो भी मुझे नोटिस कर रही है?"

‎अब सिमी भी सोचने लगी थी—

‎"आख़िर ये लड़का है कौन?"

‎एक दिन उसने तय किया कि वह छत पर नहीं जाएगी… बल्कि छुपकर देखेगी।

‎उसने परदे के पीछे, दीवार के सहारे खड़े होकर नीचे सड़क की तरफ देखा।

‎आज रोहन को उम्मीद थी कि सिमी आएगी…

‎लेकिन छत खाली थी।

‎वह अचानक रुक गया।

‎उसने बाइक वहीं रोक दी।

‎हवा में उँगलियाँ घुमाते हुए उसने आसमान की तरफ देखा, जैसे मन में कह रहा हो—

‎"बस एक बार दिख जाओ… बस एक बार।" 😔

‎फिर वह मोबाइल निकालकर कुछ टाइप करने का नाटक करने लगा…

‎पर उसकी आँखें बार-बार उसी छत की तरफ उठ रही थीं।

‎और वहीं… परदे के पीछे…

‎सिमी उसे देख रही थी।

‎लेकिन वह बाहर नहीं आई।

‎कुछ देर बाद रोहन ने हार मानकर बाइक स्टार्ट की… और ऑफिस की तरफ निकल गया।

‎लेकिन आज उसके हेल्मेट के अंदर चेहरे पर मुस्कान नहीं… उदासी थी।

‎उस दिन ऑफिस में उसका मन नहीं लगा।

‎एक्सेल शीट की जगह आंखों के सामने वही छत घूम रही थी।

‎वही लड़की… वही उम्मीद।

‎रात को खाना भी नहीं खाया।

‎कमरे में चुपचाप लेटा रहा, करवटें बदलता रहा…

‎और पहली बार उसने महसूस किया —

‎"शायद ये सिर्फ पसंद नहीं… इससे ज़्यादा है।"

‎💗

‎उधर सिमी भी बेचैन थी।

‎कुछ तो था उस लड़के में… उसकी नज़रें, उसका झेंपना… उसकी सादगी।

‎पहली बार उसके दिल ने किसी के लिए कुछ महसूस किया था।

‎❤️ अब उनके दिलों में एक अहसास जाग चुका था…

‎लेकिन क्या यह अहसास एक रिश्ता बनने की शुरुआत था…

‎या एक अधूरी कहानी की?

‎📍 To Be Continued…

‎👉 Part 2 में जानिए — क्या सिमी रोहन को खोज पाएगी? क्या पहली मुलाक़ात होगी? या दूरी और बढ़ेगी?

‎✨ अगला पार्ट पढ़ने के लिए हमें फ़ॉलो करे… कहानी अभी बस शुरू हुई है। 💞

     Novel  Writer : - 

                                 Vikram kori