Unkahi Mohabbat - 7 in Hindi Love Stories by vikram kori books and stories PDF | अनकही मोहब्बत - 7

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अनकही मोहब्बत - 7

‎✨ Part 7 -
‎Simmi के पास अब बस कुछ ही दिन बचे थे शादी के।
‎घर में हँसी, हल्दी, मेहंदी और शादी की तैयारियों का शोर था—
‎पर उसके दिल में बस खामोशी थी।
‎जहाँ बाकी लोग खुश थे,
‎वहाँ उसकी मुस्कान नकली थी।
‎उसे बस एक ही बात परेशान कर रही थी—
‎👉 "क्या Rohan ने मुझे सच्चे दिल से चाहा था…
‎या सिर्फ़ एक खूबसूरत इत्तेफाक था?"
‎उसने फैसला किया—
‎वह Rohan से आखिरी बार बात करेगी।
‎🔹 दूसरी तरफ Rohan…
‎Rohan अब हर चीज़ में खोया-सा रहने लगा था।
‎Tina समझ रही थी कि उसके और Rohan के बीच
‎कोई दीवार है जिसे वह कभी नहीं तोड़ पाएगी।
‎एक दिन उसने खुद ही पूछा—
‎“Rohan… क्या तुम अब भी उसे प्यार करते हो?”
‎Rohan चुप रहा।
‎पर उसकी आँखों में वही पुरानी बेचैनी थी,
‎वही इंतज़ार…
‎वही टूटी हुई मोहब्बत।
‎Tina ने मुस्कुराकर कहा—
‎“कभी-कभी… हमें वो छोड़ना पड़ता है
‎ जो हमें सबसे ज्यादा पसंद होता है ।
‎Rohan ने आश्चर्य से उसकी तरफ देखा।
‎Tina की आँखों में आंसू थे।
‎“तुम मुझे पसंद हो Rohan…
‎पर Simmi तुम्हारा घर है।”
‎रातभर Rohan सो नहीं पाया।
‎उसके अंदर एक तूफान था।
‎क्योंकि…
‎Simmi की शादी का दिन बस सामने था।
‎🔹 Simmi और Rohan की आखिरी मुलाकात 💔
‎अगली शाम,
‎Simmi और Rohan एक कैफ़े में मिले —
‎वही जगह,
‎जहाँ कभी दोनों ने पहली कॉफ़ी पी थी।
‎Simmi की आँखें नम थीं।
‎वह बोली—
‎“मैंने तुमसे कभी कुछ माँगा नहीं…”
‎Rohan चुप था।
‎“…पर आज सिर्फ़ सच सुनना चाहती हूँ।”
‎Rohan ने धीमी आवाज़ में कहा—
‎“मैंने कभी तुम्हें भूलने की कोशिश नहीं की…
‎मैं बस ये स्वीकार करने की कोशिश कर रहा था कि तुम मेरी नहीं हो।”
‎Simmi की सांस अटक गई।
‎उसकी आँखें भर आईं।
‎“अगर मैं कहूँ… मैं अब भी तुमसे प्यार करती हूँ?”
‎यह सुनकर Rohan की दुनिया थम गई।
‎उसकी आवाज़ काँप गई—
‎“तो मैं कहूँगा… मैं भी अब तक तुम्हारा ही हूँ।”
‎दोनों एक ही पल में
‎तड़पकर एक-दूसरे की नज़रों में खो गए।
‎पर किस्मत इतनी आसान कहाँ होती है।
‎Simmi बोली—
‎“लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है…
‎मेरा घर, मेरा समाज… सब तैयार है।”
‎Rohan की आँखों में दर्द उतर आया।
‎“तो क्या हमारी कहानी बस यहाँ खत्म हो जाएगी…?”
‎Simmi ने गहरी सांस ली।
‎“नहीं… कहानी खत्म कभी नहीं होगी।
‎बस… रास्ते बदल जाएंगे।”
‎एक लंबी चुप्पी के बाद
‎Simmi ने Rohan का हाथ थामकर कहा—
‎“अगर किस्मत में होना लिखा है…
‎तो हम फिर मिलेंगे।
‎चाहे आज नहीं…
‎पर कभी तो ज़रूर।”
‎Rohan ने थरथराती आवाज़ में कहा—
‎“मैं तुम्हें कभी Replace नहीं कर सकता Simmi…”
‎Simmi हल्के-से मुस्कुराई—
‎“और मैं… तुम्हें कभी भूल नहीं पाऊँगी।”
‎दोनों की आँखों से आँसू बह रहे थे।
‎वो आखिरी मुलाकात,
‎आखिरी बातें…
‎फिर Simmi उठी —
‎और वह चल दी।
‎Rohan बस उसे देखता रहा —
‎जैसे उसकी रूह उससे दूर चली जा रही हो।
‎Simmi की शादी का दिन आ गया।
‎वह दुल्हन बनकर बैठी थी —
‎पर चेहरे पर वो चमक नहीं थी
‎जो दुल्हन में होनी चाहिए।
‎फेरे शुरू होने वाले थे—
‎तभी उसके पापा को फ़ोन आया।
‎उनका चेहरा अचानक बदल गया।
‎उन्होंने धीरे से कहा—
‎“Simmi… Rohan का एक्सीडेंट हो गया है… हालत बहुत गंभीर है।”
‎Simmi के हाथ से फूल, चूड़ियाँ, सब गिर गए।
‎उसकी आँखों में दहशत थी।
‎वह चिल्लाई—
‎“नहीं!!!”
‎और बिना कुछ सोचे
‎भागती हुई मंदिर, मेहमान, रिश्तेदार—
‎सबके बीच से निकल गई।
‎दुल्हन का लहंगा उड़ रहा था,
‎आँखों से आँसू बह रहे थे,
‎दिल में बस एक ही डर था—
‎👉 "कहीं देर ना हो जाए…"
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‎🔥 To Be Continued…
‎👉 Part 8 में जानिए —
‎क्या Simmi समय पर पहुँच पाएगी?
‎क्या Rohan की धड़कनें… उसे पहचान पाएंगी?
‎या ये प्रेम कहानी वहीं खत्म हो जाएगी
‎जहाँ दिलों ने हार मान ली थी…?
‎📌 अगला पार्ट पढ़ने के लिए Follow ज़रूर करें… ❤️📖

 Writer:-.............
                    ...............Vikram kori.