Tere Mere Darmiyaan - 40 in Hindi Love Stories by CHIRANJIT TEWARY books and stories PDF | तेरे मेरे दरमियान - 40

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तेरे मेरे दरमियान - 40

जानवी हैरान थी के सुबह इतना कुछ होने के बाद भी आदित्य एक दम शांत था । 


जानवी अपने कमरे मे आती है और सो जाती है ।


दुसरे दिन सुबह आदित्य तैयार होकर जानवी के लिए कॉफी बनाता है और उसके कमरे मे लेकर चला जाता है जहां पर जानवी सो रही थी । आदित्य जानवी के पास जाता है और उसो उठाते हूए कहता है ---


आदित्य: - जानवी , जानवी ।


आदित्य को पुकारने पर जानवी का निंद खुल जाता है ।

आदित्य :- कॉफी पी लो और फ्रेस हो जाना , मैं काम से बाहर जा रहा हूँ आने मे शाम हो जाएगी । मैने ब्रेक फास्ट निचे टेबल पर रख दिया खा लेना । 


इतना बोलकर आदित्य वहां से चला जाता है । जानवी फ्रेश होकर कमरे से निचे आती है और टेबल पर जाकर दैखती है के सब उसी के पंसद का खाना था । जानवी हैरान थी के आखिर आदित्य ऐसा क्यों कर रहा है । जब जानवी ने उसके साथ बहोत बुरा किया था ।
जानवी को लगने लगता है के आदित्य जरुर को चाल चल रहा है , जानवी गुस्से से खाना को छोड़कर उठ जाती है । तभी विकास का फोन आता है । जानवी फोन रिसिव करती है और कहती है ---


जानवी :- हां विकास बोलो ।

विकास :- जानवी कहां हो तुम , मुझे तुमसे मिलना है अभी । 

जानवी :- घर पर हूँ और कहां । 

विकास :- ओके तुम तैयार हो जाओ , मैं आधे घंटे मे पहूँचता हूँ ।


जानवी :- ओके , पर हम जा कहां रहे है ।


विकास :- surprise है । तुम बस तैयार हो जाओ । 


जानवी :- अच्छा ठिक है । 


जानवी खुश हो जाती है और जल्दी से तैयार भी हो जाती है ।

विकास जानवी को लेने उसके घर आता है और वो दोनो वहां से चला जाता है , तभी जानवी के फोन पर उसके पापा अशोक का फोन आता है , जानवी फोन को दैखती है और उसे इग्नोर कर देती है । 


अशोक :- ये जानवी फोन क्यों नही उठा रही है । अगर आज ये कांट्रेक्ट हाथ से चा गया तो बहोत नुकसान हो जाएगा , ऑफिस का सारा काम उसे ही पता है , आदित्य को करके देखता हूँ ।


इतना बोलकर अशोक आदित्य को फोन लगाता है , अशोक का कॉल आता दैख आदित्य फोन रिसिव करता है और कहता है ----



आदित्य :- हां पापा , बोलिए ।


अशोक :- बेटा वो जानवी से बात करना था , उसे फोन कर रहा हूँ तो वो फोन नही उठा रही है ।

आदित्य :- शायद कुछ काम मे Busy होगी , कुछ जरुरी काम है क्या पापा ।


अशोक :- बेटा वो आज एक टेंडर डालना था, बहोत जरुरी काम था जिसका डिटेल जानवी को ही पता है । उसे कई बार कॉल किया 
पर वो कॉल ही नही उठा रही है , ये काम मिलना बहोत जरुरी है बेटा ।


आदित्य कहता है ---


आदित्य: - कोई बात नही पापा मैं जानवी को कॉल करता हूँ अगर नही उठाती है तो मैं घर जाकर दैखता हूँ ।


आदित्य कई बार जानवी को फोन करता है पर जानवी फोन नही उठाती है । 


जानवी :- उफ्फ , ये आदित्य भी ना , जब वो दैख रहा है के मैं फोन नही उठी रही हूँ । तो उसे समझना चाहिए के मुझे उससो बात नही करनी , पर नही उसे तो हक जताना है के मैं उसकी बीवी हूँ ।



जानवी जब फोन नही उठाती है तो आदित्य को टेंशन हो जाता है , तो आदित्य तुरंत घर की और निकल जाता है । घर आकर आदित्य जानवी को आवाज लगाता है पर जानवी घर पर कही भी नही था ।
आदित्य अशोक को फोन करता है ।



अशोक :- हां बेटा ।


आदित्य :- पापा वो जानवी घर पर भी नही है , शायद कही बाहर गयी होगी । 


अशोक :- कोई बात नही बेटा । शायद ये काम भी इस बार विकास को ही मिलेगा । 

आदित्य समझ जाता है के विकास ने ही जानवी को जानबूझकर ले गया होगा ताकि जानवी इस चेंजर से दुर रहे । आदित्य वहां से निकलता है और अशोक के पास पहूँच जाता है । अशोक आदित्य को अपने ऑफिस मे दैखकर हैरान हो जाता है और कहता है ---



अशोक :- अरे बेटा , तुम यहां ?



आदित्य :- पापा टेंडर के लिए कितना समय बचा है ।


अशोक :- बेटा बस 15 मिनट । पर अब कुछ नही हो सकता । सब बेकार हो गया ।


तभी आदित्य अपना फोन निकालता है और लगातार 2- 3 आदमी से बात करता है । अशोक ये सब दैखकर हैरान था और मन ही मन सौचता है ---


अशोक :- आखिर दामाद जी बात किससे कर रहा है और क्या करने वाला है ।


तभी कुछ दैर बाद आदित्य को कॉल आता है , जिससे आदित्य ओक हल्की मुस्कान देता है और फोन कट कर देता है ।


आगित्य अशोक की तरफ देखता है और मुस्कुराने लगता है , तब अशोक कहता है ---



अशोक :- बेटा , ये सब क्या था , कुछ समझमे नही आया ।


तभी अशोक के फोन पर एक कॉल आता है जिसे सुनकर अशोक हैरान हो जाता है , वो कॉल उसके मेनेजर का था जो कह रहा था ---


मेनेजर :- सर , एक खुशखबरी है ।


अशोक :- खुशखबरी , कैसी खुशखबरी ?


मेनेजर :- सर वो महामाया इंफ्रा का कंट्रेक्ट हमे मिल गया ।


मेनेजर से इतना सुनकर अशोक हैरान था ।


अशोक :- क्या , कंट्रेक्ट मिल गया , पर कैसे हमने तो कंट्रेक्ट मे बिड भी नही किया ।


मेनेजर :- पता नही सर पर ये खबर माहामया इंफ्रा ने ही अभी कॉल करके बताया । कांट्रेक्ट हमे डायरेक्ट ऑफर हूई है , बिड हूआ ही नही ।


अशोक :- ठिक है , तुम आगे की प्रोसेस करो ।

अशोक इतना बोलकर फोन कट कर देता है और हैरानी से आदित्य की और दैखता है ---


अशोक :- ये सब कैसे किया तुमने बेटा ? हमने तो बिड भी नही किया था , तो फिर ये कैसे ?


आदित्य मुस्कुराते हूए कहता है ---


आदित्य :- कुछ नही पापा बस एक जानकार थे जो इसमे मदद किया और हो गया । 


 अशोक :- बेटा तुमने आज जो किया वो मेरे कंपनी के लिए बहोत जरुरी था । मैने तो आशा ही छोड़ दिया था । Thank you बेटा ।


आदित्य :- ऐसे क्यों बोल रहे हो पापा , जो किया अपनो के लिए किया । अच्छा अब मैं चलता हूँ । 


इतना बोलकर आदित्य वहां से निकल जाता है ।


इधर जानवी विकास के साथ एक बार मे जाता है , जहां पर विक्की और मोनिका भी थी , जानवी उन दोनो को दैखकर हैरान थी । तभी विकास कहता है ---


विकास :- सॉरी जान , पर ये मोनिका का ही आईडीया था के तुम्हें यहां पर लेकर आऊ ।

तभी मोनिका जानवी से पास आती है और कहती है ---


मोनिका :- हाय मोनिका, हमे यहां दैखकर हैरान हो क्या । 


जानवी :- नही ऐसी कोई बात नही है ।

मोनिका :- अच्छी बात है , हम तो तुम्हारे दोस्त ही है , बस उस आदित्य के कारण थोड़ा सा ...!


जानवी :- कोई बात नही ।

मोनिका :- पर तुमने एक काम बहोत अच्छा किया , उस धोकेबाज आदित्य को छौड़कर । वरना वो तुम्हारी जिंदगी बरबाद कर देता । मुझे तो पहले एक चीज समझ मे नही आ रही थी के तुमने उससे शादी के लिए हां कैसे कर दिया ।


To be continue.....257